6,6,6,6,6,6,6,6…..ODI मैच में बल्लेबाजों ने दिखाया अपना रौद्र रूप, गेंदबाजों की धुलाई कर खेली तूफ़ानी पारी, 872 रन बनाकर रचा इतिहास
Published - 08 Nov 2025, 10:38 AM | Updated - 08 Nov 2025, 10:45 AM
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ODI: आधुनिक दौर में कई टीमें ऐसी हैं, जिनके लिए 40 ओवरों में 300 का आंकड़ा पार करना बेहद मुश्किल होता है, लेकिन वनडे इतिहास का एक मैच ऐसा खेला गया, जिसमें बल्लेबाजों ने अपना रौद्र रूप दिखाकर गेंदबाजों की जमकर धुनाई की।
ODI मैच में बल्लेबाजों ने 872 रन बनाकर इतिहास रच दिया है। चलिए आपको बताते हैं कि यह शानदार मैच कब और कहां खेला गया था, जिसमें बल्लेबाजों ने 872 रन बनाकर इस ODI मैच को ऐतिहासिक बना दिया है।
कब और कहां खेला गया था ये ODI मैच
हम जिस ऐतिहासिक मैच (ODI) की बात कर रहे हैं वह 12 मार्च 2006 को दक्षिण अफ्रीका बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। यह मैच जोहान्सबर्ग में खेला जा रहा था, जिसमें मेहमान टीम ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया था। पहले बल्लेबाजी करने उतरी कंगारूओं की टीम ने पहली गेंद से ही प्रहार करना शुरू कर दिया था।
जहां एडन ग्रिलक्रिस्ट ने केवल 44 गेंदों पर 55 रन बनाए तो दूसरे सलामी बल्लेबाज साइमन कैटिच ने 90 गेंदों पर 79 रन की धमाकेदार पारी खेली। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के तत्कालिन कप्तान रिकी पोंटिंग ने 105 गेंदों पर 164 रन की शानदार पारी खेली थी तो माइकल हसी ने 51 गेंदों पर 81 रन ठोक दिए थे।
यही नहीं, एंड्रयू साइमंड्स ने 13 बॉल पर 27 रन बनाए थे। ऑस्ट्रेलिया ने अपने बल्लेबाजों की इन शानदार पारियों की बदौलत निर्धारित 50 ओवर में 4 विकेट गंवाकर 434 रन स्कोर बोर्ड पर टांग दिए थे।
पहली बार हुआ था 400 का आंकड़ा पार
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ काफी आक्रामक बल्लेबाजी की थी और 50 ओवर में 434 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया था। बता दें कि, वनडे (ODI) इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी टीम ने 400 का आंकड़ा पार किया था, क्योंकि उस समय 300 रन बनाने वाली टीमें भी बड़ी आसानी से मैच को जीत जाया करती थीं।

साथ ही साल 2006 या उससे पहले ODI में किसी टीम द्वारा 400 का आंकड़ा पार करना काफी असंभव कार्य लगता था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने करके दिखा दिया कि क्रिकेट में कुछ भी असंभव नहीं होता है। मगर दूसरी और साउथ अफ्रीका ने बल्ले से ऐसा रौद्र रूप दिखाया कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज भी देखते रह गए।
संकट से सफलता का सफर
ऑस्ट्रेलिया के द्वारा 50 ओवर में 434 रन का आंकड़ा छूने के बाद उनकी जीत शत प्रतिशत मानी जा रही थी और मात्र 3 रन पर बोएटा डिप्पेनार का विकेट गंवाने के बाद साउथ अफ्रीका की हार बेहद करीब नजर आने लगी थी। लेकिन, यहां से तत्कालिन कप्तान ग्रीम स्मिथ और हर्शल गिब्स ने मोर्चा संभाला।
दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 187 रन की शानदार साझेदारी की, लेकिन 55 गेंदों पर 90 रन की तूफानी पारी खेलकर स्मिथ पवेलियन लौट गए। यहां से गिब्स ने एबी डिविलियर्स तीसरे विकेट के लिए 94 रन जोड़े औऱ साउथ अफ्रीका को 30 ओवर में 280 के पार पहुंचा दिया।
यहां से साउथ अफ्रीका को जीत काफी करीब नजर आ रही थी, लेकिन पहले डिविलियर्स और फिर हर्शल गिब्स के बैक टू बैक दो विकेट ने प्रोटियाज को बैक फुट पर धकेल दिया था। एक समय अफ्रीका ने 327 पर पांच विकेट गंवा दिए थे और उनकी जीत यहां से असंभव नजर आ रही थी।
ODI में साउथ अफ्रीका ने बना डाला इतिहास
327 रन पर आधी टीम पवेलियन लौटने के बाद साउथ अफ्रीका की जीत बेहद दूर नजर आ रही थी, लेकिन मार्क बाउचर के 43 गेंदों पर 50 रन और जोहान वैन डेर वाथ के मात्र 18 बॉल पर 35 रन की पारी ने साउथ अफ्रीका को ऐतिहासिक रन चेज में जीत दिला दी। अफ्रीका ने 1 गेंद शेष रहते 9 विकेट के नुकसान पर 438 रन बनाकर यह मैच 1 विकेट से जीत लिया।
लेकिन इस जीत में जितना योगदान हर्शल गिब्स की 111 गेंदों पर 175 रन की पारी का था, उतना ही अहम योगदान रोजर टेलीमेकस के 6 गेंदों पर बनाए 12 रन और एंड्रयू हॉल के 4 गेंदों पर 7 रन का भी था, जिसकी बदौलत साउथ अफ्रीका 434 रन का ऐतिहासिक रन चेज करने में सफल रही।
हालांकि, इस मैच में हर्शल गिब्स और रिकी पोंटिंग को उनकी शानदार पारियों के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब दिया हया था, जो कि वर्तमान समय में काफी मुश्किल से देखने को मिलता है। बता दें कि, आज तक एक वनडे मैच में 872 से अधिक रन नहीं बने हैं। यह रिकॉर्ड पिछले 19 वर्षो से ऐसे ही बरकरार है।
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