भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व लेग स्पिनर अनिल कुंबले (Anil Kumble) को साल 2016 में भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया गया था. लेकिन कुंबले ने अपने पद से महज़ 1 साल में ही इस्तीफा दे दिया. इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं. लेकिन इसके पीछे की मुख्य वजह उस समय के कप्तान विराट कोहली से बार-बार मतभेद होना है. ऐसा माना जाता है कि विराट कोहली से नहीं बनने की वजह से अनिल कुंबले (Anil Kumble) ने भारतीय टीम के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में अब इस पूरे मामले को लेकर बीसीसीआई के पूर्व अधिकारी ने अपनी किताब में खुलासा किया है.
बीसीसीआई के पूर्व अधिकारी ने किया खुलासा
बीसीसीआई के पूर्व अधिकारी रत्नाकर शेट्टी ने अपनी बुक "On Board: Test.Trial.Triumph, My years in BCCI" में एक साल के भीतर अनिल कुंबले (Anil Kumble) द्वारा भारतीय टीम के हेड कोच की पोस्ट से इस्तीफा देने की वजह बताई है. उन्होंने यह भी बताया है कि एक समय उस दौरान भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज़ वीरेंद्र सहवाग को भी टीम का कोच बनाने का आवेदन दिया गया था. इस पूरे मामले को लेकर बीसीसीआई के पूर्व चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर रत्नाकर शेट्टी ने अपनी किताब में लिखा कि,
"मैं मई 2017 के दूसरे हफ्ते में मुंबई इंडियंस और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच आईपीएल मैच की पूर्व संध्या पर वानखेड़े स्टेडियम में वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर से मिला था. तब वीरू (वीरेंद्र सहवाग) ने मुझे बताया कि डॉ श्रीधर ने उन्हें भारतीय टीम के कोच के पद के लिए आवेदन करने की सलाह दी है, तो उनकी यह बात सुनकर मैं हैरान रह गया था."
डॉ श्रीधर ने दिया था सहवाग को भारतीय टीम का कोच बनने का आवेदन?
बीसीसीआई के पूर्व अधिकारी रत्नाकर शेट्टी ने अनिल कुंबले (Anil Kumble) के पूरे विवाद को अपनी किताब में साझा किया है. उन्होंने अपनी किताब में विस्तार से बताया है कि आखिर क्यों अनिल कुंबले ने टीम के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था, जोकि काफी चौंकाने वाला निर्णय था.
रत्नाकर शेट्टी ने अपनी किताब में आगे लिखा, "इसके कुछ दिन बाद मैं आईपीएल फाइनल के लिए हैदराबाद गया था. मैच से पहले COA (Committee of Administrators) की बैठक हुई थी. अनिल कुंबले (Anil Kumble) और विराट कोहली, जो तब तक सभी फॉर्मेट के कप्तान बन चुके थे, को इस बैठक में भारतीय क्रिकेट के लिए आगे की राह पर एक प्रजेंटेशन देना था. विनोद राय और डायना एडुल्जी (प्रशासक समिति) दोनों इस मीटिंग में हिस्सा ले रहे थे. कुंबले खुद बैठक में मौजूद थे, जबकि विराट को वर्चुअली इस मीटिंग में हिस्सा लेना था.”
इसके आगे उन्होंने लिखा कि, “इस बैठक के शुरू होने के बाद विनोद राय ने मुझसे पूछा कि बीसीसीआई ने 2016 में टीम इंडिया का कोच नियुक्त करने के लिए किस प्रक्रिया का पालन किया था. आगे जो हुआ, वो चौंकाने वाला था. क्योंकि विनोद राय ने भऱी मीटिंग में, जिसमें कुंबले भी शामिल थे कि जल्द ही यही प्रक्रिया दोहरानी होगी. खुद अनिल कुंबले और मैं यह सुनकर दंग रह गए थे. मुझे इस बैठक से पहले वीरेंद्र सहवाग के साथ हुई बातचीत याद आ गई और मैंने यह बात कुंबले से साझा की. मैं इस को यकीन से कह सकता हूं कि डॉक्टर श्रीधर ने अपने मन से वीरेंद्र सहवाग को कोच पद के लिए आवेदन नहीं करने के लिए कहा होगा. जरूर उन्हें किसी ने ऐसा करने के लिए कहा होगा.
इस मीटिंग से यह साफ हो गया था कि कुछ लोग नहीं चाहते थे कि अनिल कुंबले टीम इंडिया के कोच बने रहें."
कप्तान कोहली ने लगाए थे इल्ज़ाम
आपको बता दें कि 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले से पहले लंदन में एक मीटिंग हुई थी जिसमें विराट कोहली, कुंबले (Anil Kumble), जौहरी, अमिताभ चौधरी और डॉ श्रीधर ने हिस्सा लिया था. इस मीटिंग में उस समय के भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने मीटिंग में अनिल कुंबले पर कई आरोप लगाए थे.
बीसीसीआई के पूर्व अधिकारी रत्नाकर शेट्टी ने अपनी किताब में लिखा, "मुझे बाद में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल से पहले लंदन में हुई एक बैठक के बारे में पता चला, जिसमें हम पाकिस्तान से हार गए थे. इस मीटिंग में विराट कोहली, कुंबले, जौहरी, अमिताभ चौधरी और डॉ श्रीधर ने भाग लिया था और इसमें विराट ने कुंबले को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी. उन्होंने कुंबले पर खिलाड़ियों के साथ खड़े नहीं होने और ड्रेसिंग रूम का माहौल तनावपूर्ण बनाने के अलावा भी कई आरोप लगाए थे.”
बहरहाल, इन सब की वजह से अनिल कुंबले (Anil Kumble) ने भारतीय टीम के हेड कोच की पोजीशन से इस्तीफा दिया था.