Suryakumar Yadav: टी20 वर्ल्ड कप 2022 की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया में अक्टूबर महीने में होगी. टी20 फॉर्मेट के इस सबसे बड़े टूर्नामेंट में 16 टीमें भाग लेंगी. सभी टीम वर्ल्ड कप की तैयारी में पूरी तरह जुटी हुई है. भारतीय टीम ने भी हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज में जीत दर्ज की है जबकि इसके बाद साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी टी20 सीरीज को वर्ल्ड कप की तैयारी के तौर पर ही देखा जा रहा है. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) की शानदार बल्लेबाज़ी देख सभी ने उनकी काफी प्रशंसा की है. उनके प्रशंसा करने वालो में सबसे नया नाम ऑस्ट्रेलियाई कोच का भी शामिल हो गया है. उनके अनुसार भारत की टीम के लिए वर्ल्ड कप जीतने की चाबी सूर्यकुमार यादव ही है.
कोच एंड्रयू मैकडॉनल्ड्स को लगा रहा है स्काई से डर
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ निर्णायक मुकाबले में भारतीय टीम ने जीत दर्ज कर सीरीज को 2-1 से अपने नाम कर लिया है. इस मैच में सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) ने ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी की है. तूफानी पारी खेलते हुए सूर्या ने 69 रन सिर्फ 36 गेंदों में ही बना लिए. उन्होंने विराट कोहली के साथ 104 रन की साझेदारी की और भारत को मैच जीतवाया.
एक समय पर दोनों सलामी बल्लेबाज़ों के जल्दी आउट हो जाने पर मैच फिसलता हुआ नज़र आ रहा था लेकिन सूर्यकुमार ने शानदार तरीके से ना सिर्फ पारी को संभला बल्कि मैच में टीम को जीत भी दिलवाई. ऐसे में सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) की इस तूफानी पारी को देख ऑस्ट्रेलिया टीम के बल्लेबाजों के अलावा कोच एंड्रयू मैकडॉनल्ड्स भी खौफ में आ गए. उन्होंने हाल ही में सूर्यकुमार यादव को आगामी टी-20 विश्व कप 2022 के लिए खतरनाक बताया है.
वर्ल्ड कप में खतरनाक साबित होंगे Suryakumar Yadav
कोच एंड्रयू मैकडॉनल्ड्स ने सूर्यकुमार यादव की मैच के बाद काफी तारीफ की है. उनके अनुसार सूर्या ऑस्ट्रेलिया की धरती पर विपक्षी टीम के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते है. टी20 सीरीज से रविन्द जडेजा की गैरमौजूदगी को भी उन्होंने अच्छा बताते हुए अक्षर पटेल को एक बेहतर रिप्लेसमेंट बताया है. उन्होंने कहा,
“सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) आज उत्कृष्ट थे और वह विश्व कप में खतरनाक साबित होंगे, क्योंकि उन्होंने दिखाया कि वह क्या कर सकते हैं.” वहीं अक्षर पटेल को लेकर कहा, “विशेष रूप से अक्षर पटेल के लिए ये एक उत्कृष्ट सीरीज थी. जड्डू के बाहर होने से सभी ने सोचा कि यह भारत के लिए थोड़ी कमजोरी बन सकती है, लेकिन उन्होंने फिर से एक और विकल्प खोज लिया है.”