बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के रूप में भारतीय क्रिकेट टीम को टेस्ट फॉर्मेट में साल 2023 की पहली सबसे बड़ी चुनौती मिलने वाली है। अगले महीने यानि 9 फरवरी से 4 मुकाबलों की टेस्ट शृंखला का आगाज होने जा रहा है जो की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लिहाज से भी काफी अहम होने वाली है। बीसीसीआई ने पहले 2 मुकाबलों के लिए दल की घोषणा कर दी थी, जिसमें कई चौंकाने वाले नाम भी देखे गए। हालांकि इसमें भारत के दिग्गज टेस्ट क्रिकेटर अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) एक बार फिर नदारद रहा। जिसके बाद अब उन्होंने एक बड़ा कदम उठाते हुए दूसरे देश से खेलने का मन बना लिया है।
इस विदेशी टीम के लिए खेलेंगे Ajinkya Rahane
लाल गेंद के खेल में भारत के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) बीते 1 साल से टीम इंडिया में अपनी जगह तलाशने के लिए जतन कर रहे हैं। आखिरी बार उन्हें साल 2022 के जनवरी में भारत की ओर से खेलते हुए देखा गया था। जिसके बाद से ही उन्हें चयन के दायरे से बाहर रखा गया, इस दौरान उन्होंने रणजी से लेकर ईरानी ट्रॉफी में अपना जौहर दिखाया लेकिन बीसीसीआई ने उन्हें नजरअंदाज करना जरूरी समझा। ऐसे में अब रहाणे ने इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट की टीम लीस्टरशायर के साथ करार कर लिया है। वह इस साल काउंटी और फिर वनडे चैंपियनशिप में इस टीम के लिए खेलते हुए नजर आएंगे।
खराब फॉर्म के चलते हुए थे बाहर
अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) को साल 2021-22 में खराब फॉर्म के चलते टीम से बाहर कर दिया गया था। साल 2019 में उनके बल्ले से आखिरी शतक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में आया था, इसके बाद से ही वह अपनी लय हासिल करने में कामयाब नहीं हुए। बात की जाए अजिंक्य की आखिरी 20 टेस्ट पारियों की तो उनका सर्वाधिक निजी स्कोर सिर्फ 61 रन का रहा और वह इस दौरान 8 बार 10 से भी कम के स्कोर पर आउट हुए। अंत में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर फ्लॉप होने के बाद बीसीसीआई ने उन्हें चयन के दायरे से बाहर कर युवा श्रेयस अय्यर को मौका दिया और उन्होंने इस मौके को दोनों हाथों से स्वीकार कर अपनी टीम में जगह पक्की भी कर ली।
शानदार रहा टेस्ट करियर
टेस्ट फॉर्मेट में अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) भारत के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। बात की जाए आंकड़ों की तो उन्होंने 82 टेस्ट मुकाबलों में 38 की औसत के साथ 4931 रन बनाए हैं, जिसमें 12 शतक और 25 अर्धशतक शामिल है। रहाणे के करियर की सबसे उपलब्धि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कप्तानी कर उसे जीतना माना जा सकता है। जहां उन्होंने तत्कालीन नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में भारत को ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर विजयी बनाया था।
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