'मैदान से बाहर चले जाओ', रहाणे ने बताया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अंपायर्स ने किया था गलत व्यवहार
Published - 02 Jun 2022, 09:06 AM

भारतीय टीम के खिलाड़ी अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) को साल 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में कप्तानी करने का मौका मिला था. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने सफलता के झंडे गाड़ते हुए उस टेस्ट सीरीज को 2-1 जीत लिया था. लेकिन, उस सीरीज में कई विवादों ने जन्म लिया था.
ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर मैच खेला जाए और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी छींटाकशी ना करें, यह तो हो ही नहीं सकता. सिडनी टेस्ट में तेज गेंदबाजों मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह पर दर्शकों ने नस्लीय टिप्पणी की थी. अब अजिंक्य रहाणे ने पर्दे के पीछे की कहानी को बयां किया है.
Ajinkya Rahane ने बताया सिडनी टेस्ट में क्या हुआ था
अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) इन दिनों खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं. जिसकी वजह से उनसे टेस्ट की कप्तानी भी छीन ली गई. लेकिन, इस बात को भूला नहीं जा सकता है कि उन्होंने अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर ऑस्ट्रेलिया को साल 2020-21 में टेस्ट सीरीज में 2-1 से धूल चटाई थी.
इस दौरे पर टीम इंडिया के कई खिलाड़ियों को नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा था. जिसमें मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह का नाम शामिल था. सीडनी टेस्ट के तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने नस्लीय टिप्पणी की शिकायत अधिकारियों से भी की थी.
इस मैच के दौरान स्टैंड में से कुछ लोगों को बाहर किया गया था. यह मामला यहीं नहीं रुका. अगले दिन भारतीय खिलाड़ियों ने मैदान पर मौजूद अंपायर, पॉल राइफेल और पॉल विल्सन से भी शिकायत की जिसके बाद खेल तकरीबन 10 मिनट तक रुका रहा. हालांकि अंपायार्स ने भारतीय खिलाड़ियों को ड्रेसिंग रूम में जाने की सलाह दी. वहीं इस मामले पर अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने बड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि,
'अंपायर्स पॉल राइफेल और पॉल विल्सन ने भारतीय खिलाड़ियों को ड्रेसिंग रूम में वापस जाने के लिए कहा था, अगर वे खेलना नहीं चाहते थे. लेकिन भारत ने दर्शकों को बाहर निकालने और टेस्ट जारी रखने पर जोर दिया'
इस मुद्दे पर बन रही है डॉक्यूमेंट्री फिल्म
भारतीय खिलाड़ियों को ही नहीं बल्कि दुनियाभर के तमाम खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया के फैंस व खिलाड़ियों द्वारा भद्दी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा है. इसके लिए ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी पूरी विश्व क्रिकेट में बदनाम है. उनकी इस ओछी हरकत की वजह से उनकी काफी आलोचना का सामना करना पड़ता है.
हालांकि अब इस पूरे घटनाक्रम पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनी है. जिसका नाम है 'बंदे में है दम' इस फिल्म की लॉन्चिंग के दौरान अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि,
'जब सिराज चौथे दिन फिर से मेरे पास आए तो मैंने अंपायरों से कहा कि हम तब तक नहीं खेलेंगे, तबतक वह मामले पर एक्शन नहीं लेते हैं. इस पर अंपायरों ने कहा कि आप खेल को रोक नहीं सकते हैं और आप चाहें तो बाहर जा सकते हैं. हमने कहा कि हम यहां खेलने के लिए आए हैं , ड्रेसिंग रूम में बैठने के लिए नहीं. यह महत्वपूर्ण था कि जिस स्थिति से वह गुजरे थे, उसे देखते हुए हम उनका सपोर्ट करे. सिडनी में जो हुआ वह पूरी तरह से गलत था.'
ऑथर के बारे में

स्कूल हो या कॉलेज का प्लेग्राउंड क्रिकेट खेलने में कभी कोताई नहीं की. रूबिन अहमद का पूरा बचपन खेलों... रीड मोर