मुंबई शहर के डोंबिवली की तंग गलियों से निकलकर आज से कुछ साल पहले भारतीय क्रिकेट को एक चमकदार सितारा मिला था। मध्यम कद, शांत स्वाभाव लेकिन आँखों में कुछ कर गुजरने की उम्मीदों को संजोते हुए इस शख्स ने भारत के सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट को अपनी जिंदगी बनाने का फैसला किया और शोहरत के नए आयाम भी हासिल किए। दरअसल हम बात कर रहे हैं भारतीय टेस्ट टीम के दिग्गज बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) की जो आज यानी सोमवार को अपना 34वां जन्मदिन मना रहे हैं।
कराटे चैंपियन से क्रिकेटर बने Ajinkya Rahane
अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) का जन्म साल 1988 में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में हुआ था, एक छोटे गाँव के साधारण परिवार में जन्में अजिंक्य रहाणे ने 7 साल की उम्र से ही क्रिकेट का जुनून पैदा हो गया था। जिसे देखते हुए उनके पिता ने गांव छोड़कर मुंबई के डोंबिवली में एक क्रिकेट कोचिंग कैम्प में उनका दाखिला करवा दिया था। रहाणे की जिंदगी का टर्निंग पॉइंट 17 साल की उम्र में आया जब पूर्व भारतीय बल्लेबाज प्रवीण आमरे ने रहाणे के बल्लेबाजी के हुनर को देखते हुए उन्हें कोचिंग देने का निर्णय किया था।
वेस्टइंडीज के खिलाफ किया टीम इंडिया में डेब्यू
साल 2007 में भारत और न्यूज़ीलैंड की अंडर-19 टीम की भिड़ंत हो रही थी। इस मैच में मौजूदा समय में टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली समेत रवींद्र जडेजा और ईशांत शर्मा जैसे धुरंधर शामिल थे। लेकिन इन सबके बीच राहाणे (Ajinkya Rahane) ने इस सीरीज में 2 शतक जड़कर अपना नाम उजागर किया।
अपनी मेहनत से धीरे-धीरे रहाणे ने आईपीएल के रास्ते से भारतीय नैशनल क्रिकेट टीम में शामिल होने का सपना भी पूरा किया। उन्हें नवंबर 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहली बार भारतीय टीम की जर्सी में मैदान पर उतरने का मौका मिला था।
Ajinkya Rahane ने अपनी कप्तानी में नहीं हारा एक भी मैच
देखते ही देखते अजिंक्य राहाणे (Ajinkya Rahane) लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में भी टीम इंडिया का अहम हिस्सा बन गए थे। अपनी शालीनता से बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाने वाले रहाणे को वनडे और टी20 इंटरनेशनल में ज्यादा सफलता नहीं मिली, लेकिन इसी बीच खेल के सबसे लंबे प्रारूप में उनका कोई साहनी नहीं था।
आलम ये था कि मिडल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने वाले राहाणे की तुलना राहुल द्रविड़ से भी की जाने लगी थी। लगतार शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें टेस्ट टीम का उपकप्तान बनाया गया। विराट कोहली की गैर मौजूदगी में रहाणे ने 6 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की है और एक में भी उन्हें हार का सामना नहीं करना पड़ा है।
गाबा टेस्ट की ऐतिहासिक जीत में बने नायक
अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) की कप्तानी में ही भारतीय टीम ने गाबा के मैदान में ऑस्ट्रेलिया को मात देकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इस सीरीज के दौरान टीम का लगभग हर खिलाड़ी चोटिल था और कप्तान विराट कोहली भी अपनी बिटिया के जन्म के लिए भारत लौट चुके थे। इस मुश्किल परिस्थिति में टीम के अंडर जीत की आशा जगाने वाले कप्तान रहाणे ही थे।
'टूटा है गाबा का घमंड', इस लाइन को सुनने का सौभाग्य भारतीय क्रिकेट फैंस को अजिंक्य राहाणे की कप्तानी से ही हुआ है। बात की जाए अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) के करियर की तो 82 टेस्ट मैचों में 4931 रन बनाए हैं। इस फॉर्मेट में उनका सर्वाधिक स्कोर 188 रन का है। 90 एकदिवसीय मैचों में रहाणे ने 2962 रन बनाए। वनडे में रहाणे ने 3 शतक और 24 अर्धशतक लगाए है।