Team India: भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) आज विश्व की नंबर 1 टीम है। तीनो ही फॉर्मेट में इस टीम का दबदबा है। देश और विदेश दोनों ही जगह टीम इंडिया विपक्षियों पर हावी है। लेकिन इस कामयाबी के पीछे क्या कारण है? फैंस से इसका जवाब पूछा जाए तो वो रोहित शर्मा (Rohit Sharma), विराट कोहली (Virat Kohli) और जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) जैसे खिलाड़ियों का नाम ले देंगे क्योंकि इन्हीं लीजेंड्स क्रिकेटर्स की वजह आज के समय में भारतीय टीम (Team India) का पूरी दुनिया में डंका बज रहा है।
हर जगह इन तीनों खिलाड़ियों की चर्चा देखने को मिलती है। लेकिन रोहित, विराट और बुमराह के अलावा टीम इंडिया में एक और खिलाड़ी ऐसा है जो सालों पहले लीजेड्स क्रिकेटर्स की लिस्ट में शामिल हो गया था लेकिन बावजूद इसके, भारतीय टीम की कामयाबी में इस खिलाड़ी की ज्यादा चर्चा होते देखने को नहीं मिलती। आंकड़े, प्रदर्शन और लीगेसी को देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा की ये खिलाड़ी भारत का नया मॉर्डन डे लेजेंड है।
ये खिलाड़ी है भारतीय क्रिकेट का ‘मॉर्डन डे लीजेंड’
ये खिलाड़ी और कोई नहीं बल्कि भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) है। भले ही वाइट बॉल क्रिकेट में इस खिलाड़ी को भुला दिया गया हो लेकिन टेस्ट क्रिकेट की जब कभी बात होती है तो अश्विन के आगे मौजूदा समय में कोई गेंदबाज नहीं टिकता। बांग्लादेश के खिलाफ भारत ने 2-0 से टेस्ट सीरीज अपने नाम की तो उसमें अश्विन का सबसे बड़ा योगदान था।
11 विकेट और एक शतकीय पारी खेलकर उन्होंने अकेले ही अपनी टीम को जीत दिला दी। भारतीय टीम 2012 से अगर अपने घर में जिस विजयरथ पर सवार है तो उसकी बागडौर आर अश्विन के हाथों में ही रही है।
Team India के एक्स फैक्टर हैं आर अश्विन
भारत अपने घर में साल 2012 के बाद से कभी नहीं हारा है। इस दौरान भारतीय टीम ने अपने घर में 18 टेस्ट सीरीज खेली और 18 में ही उसने जीत का स्वाद चखा। इस ऐतिहासिक दौर की कहानी किसी और ने नहीं बल्कि अश्विन ने लिखी। दूसरे स्पिन गेंदबाजों का टीम से अंदर बाहर होना लगा रहा लेकिन ये गेंदबाज चट्टान की तरह खड़ा रहा और अपने टीम के लिए इन सालों में सबसे बड़ा मैच विनर साबित हुआ।
अश्विन ने साल 2012 से लेकर 2024 तक भारत में कुल 62 टेस्ट मैच खेले और 374 विकेट लिए, जिसमें उनका औसत 21.10 का रहा है। अगर पूरे टेस्ट करियर को ही उठा कर देख लें तो इस खिलाड़ी ने साल 2012 से लेकर 2024 तक अपने टेस्ट करियर में कुल 98 मैच खेले और 503 विकेट लेने में सफल रहे। टीम इंडिया ने इसी दौरान 52 टेस्ट मुकाबलों में से 42 में जीत हासिल की।
नहीं होने दिया स्पिन गेंदबाज की कमी को पूरा
अनिल कुंबले (Anil Kumble) और हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) के संन्यास के बाद फैंस को एक ऐसे ही स्पिन गेंदबाज की जरूरत थी जो एक युग तक टीम में स्पिनर की कमी को नहीं खलने दे। इस कमी को अश्विन ने पूरा किया। उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से ही घर से बाहर भी लगातार टीम को जीत दिलाई।
अश्विन ने अपने टेस्ट करियर में 37 बार 5 विकेट हॉल और 8 बार 10 विकेट एक टेस्ट मैच में लेने का कमाल किया है। आज वह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ा गेंदबाज बनने की कगार पर खड़े हैं। जल्द ही उन्हें भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे महानतम क्रिकेट के रूप में जाना जाने लगेगा।
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