W,W,W,W,W.....रणजी में 100 साल बाद हुआ ऐसा अजब-गजब कारनामा, इससे पहले दुनिया ने कभी नहीं देखा इतना अनोखा मैच
Published - 27 Oct 2025, 01:19 PM | Updated - 27 Oct 2025, 01:23 PM
Ranji Trophy: सदी में एक बार होने वाले एक अद्भुत नजारे में, रणजी ट्रॉफी में एक अविश्वसनीय क्रम देखने को मिला, जब लगातार पांच विकेट गिरते रहे और कोई बल्लेबाज क्रीज पर टिके रहने का माद्दा नहीं दिखा सका। इस दुर्लभ उपलब्धि ने क्रिकेट प्रशंसकों और इतिहासकारों को समान रूप से चकित कर दिया है, जो टूर्नामेंट के 100 साल के इतिहास में पहली बार हुआ।
भारतीय घरेलू क्रिकेट में ऐसा नाटकीय पतन पहले कभी नहीं देखा गया। खिलाड़ियों और विशेषज्ञों ने इसे एक "चमत्कारी ओवर" बताया, जिसे पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा। यह असाधारण क्षण अब रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) की विरासत का एक ऐतिहासिक अध्याय बन गया है।
Ranji Trophy के इस मैच जैसा पहले कभी नहीं देखा गया
एक सदी से भी ज्यादा पुराने इतिहास वाली भारत की प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता, रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) ने कुछ अविस्मरणीय पल दिए हैं—लेकिन इस हफ्ते तिनसुकिया में जो हुआ, वैसा कभी नहीं हुआ।
क्रिकेट की किस्मत के एक अजीबोगरीब मोड़ में, असम और सर्विसेज के बीच का मैच अब तक खेले गए सबसे छोटे बहु-पारी वाले मैचों में से एक बन गया। चार पारियों में, केवल 89.2ओवर फेंके गए, फिर भी इस मुकाबले में वह सारा ड्रामा, विकेटों का पतन और इंटेनसिटी थी जिसकी एक उच्च-दांव वाले क्रिकेट से उम्मीद की जा सकती है।
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चार पारियों वाला मैच जो टी20 के रोमांचक मुकाबले जैसा लगा
चार दिन चलने वाले रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के इस मैच में बल्लेबाजों को जमने का मौका ही नहीं मिला। पहले बल्लेबाजी करते हुए असम की टीम मात्र 17.2 ओवर में 103 रन पर ढेर हो गई, जिससे एक तूफानी मुकाबले की शुरुआत हुई। जवाब में सर्विसेज ने 29.2 ओवर में 108 रन बनाकर मामूली बढ़त हासिल कर ली, लेकिन यह भी दिखा दिया कि पिच बल्लेबाजों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी।
जब असम अपनी दूसरी पारी खेलने उतरी, तो वापसी की उम्मीदें जल्द ही धूमिल हो गईं और वे 29.3 ओवर में 75 रन पर आउट हो गए। केवल 71 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए, सर्विसेज ने शानदार अंदाज में रणजी ट्ऱॉफी (Ranji Trophy) के इस मैच का अंत किया - 13.5 ओवर में 73/2 रन बनाकर, दो दिनों के भीतर जीत पक्की कर ली। बता दें कि ये गेंद फेंकने के लिहाज़ से अब तक के सबसे छोटे रणजी मैच का नया रिकॉर्ड है।
गेंदबाजी की चमक ने सबका मन मोह लिया
बल्लेबाजों को पूरे मैच में संघर्ष करना पड़ा, लेकिन गेंदबाजों ने अनुशासन और सटीकता का बेजोड़ नमूना पेश किया। सीम मूवमेंट, तेज़ स्पिन और अप्रत्याशित उछाल ने मैच पर अपना दबदबा बनाए रखा। रणजी टॉफी (Ranji Trophy) इस मैच के स्टार निस्संदेह ए.पी. शर्मा रहे, जिन्होंने शानदार ऑलराउंड गेंदबाज़ी करते हुए असम की बल्लेबाज़ी को दो बार तहस-नहस कर दिया।
शर्मा ने कुल नौ विकेट लिए और अपने मैच जिताऊ स्पेल के लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' का पुरस्कार मिला। उनकी निरंतरता और नियंत्रण बेहद अहम रहा क्योंकि सर्विसेज़ के गेंदबाज़ों ने असम की लाइनअप पर लगातार दबाव बनाए रखा और नियमित अंतराल पर गलतियाँ और ब्रेकथ्रू करवाए।
एक ऐतिहासिक मैच जिसने Ranji Trophy के रोमांच को नई परिभाषा दी
क्रिकेट इतिहासकारों ने इस मुकाबले को "सदी में एक बार होने वाली घटना" बताया है - यह याद दिलाता है कि अप्रत्याशितता इस खेल के मूल में बनी हुई है। असम बनाम सर्विसेज का मुकाबला भले ही अपने निर्धारित समय से कुछ ही ज़्यादा समय तक चला हो, लेकिन इसने रोमांचक क्रिकेट के हर पहलू को दर्शाया: तेज़ स्पेल, तेज़ी से गिरते हुए रन और अदम्य दृढ़ संकल्प।
प्रशंसक और विश्लेषक, दोनों ही इसे रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के 100 साल के इतिहास में अब तक खेले गए सबसे असाधारण मैचों में से एक बता रहे हैं, एक ऐसा मैच जिसने लाल गेंद के धैर्य और टी20 आक्रामकता के बीच की रेखा को धुंधला कर दिया।
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