अफगानिस्तान (Afghanistan) को पूरी तरह से तालिबान (Taliban) अपने कब्जे में कर चुका है. जिसकी वजह से कई लोग अपने ही देश को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. भारी संख्या में यहां के नागरिक दूसरे देशों में शरणार्थी के तौर पर शरण ले रहे हैं. दूसरे मुल्क का कब्जा होने के बाद यहां पर काफी कुछ बदल गया है. लेकिन, क्रिकेट बोर्ड (Cricket Board) को इन्होंने यकीन दिलाया है कि, वो देश के क्रिकेट में किसी भी तरह की छेड़खानी नहीं करेंगे. इसके बावजूद तनातनी का माहौल अब क्रिकेट जगत पर भी साफ नजर आने लगा है.
मौजूदा परिस्थिति में सीरीज को आयोजित कराना संभव नहीं
युद्ध का पहला असर पाकिस्तान और अफगानिस्तान (Afghanistan) के 3 सितंबर से होने वाली 3 मैचों की वनडे सीरीज पर पड़ा था. जिसे स्थगित कर दिया गया था. जो पहले श्रीलंका में होनी थी. अफगानिस्तान की परिस्थिति को देखते हुए काबुल से व्यावसायिक उड़ाने रद्द कर दी गई है. ऐसे में बोर्ड को अपने खिलाड़ियों को बाहर भेजने के लिए भी कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है.
स्पोर्टस्टार के हवाले से आई खबर की माने तो बोर्ड के सीईओ हामिद शिनवारी ने कहा कि, हमने खिलाड़ियों की स्थिति और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए टूर्नामेंट को स्थगित करने के लिए आपसी सहमति से फैसला किया है. इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जा रहा था कि सीरीज को पाकिस्तान शिफ्ट किया जाएगा. लेकिन, शिनवारी ने कहा कि मौजूदा हालात में सीरीज को आयोजित कराना अभी ठीक नहीं है.
परिस्थितियां पर बन रही सीरीज में कांटा
आगे इसी सिलसिले में जानकारी देते हुए उन्होंने यह भी बताया कि, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और श्रीलंका बोर्ड ने सीरीज की मेजबानी करने में हमारी काफी मदद की और समर्थन भी किया था. लेकिन, अफगानिस्तान (Afghanistan) में जिस तरह अभी परिस्थितियां हैं, उसमें इसका आयोजन संभव नहीं है. यह लीग 2023 वर्ल्ड कप के लिए आईसीसी क्वालिफाइंग लीग का हिस्सा है.
शिनवारी ने आगे कहा कि, हमने आईसीसी को लूप में रखा है और 2023 वर्ल्ड कप से पहले कोई संभावित तारीख तय करेंगे. फिलहाल अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद से ही हालात काफी नाजुक बने हुए हैं. हर दिन यहां से एक चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही हैं. ऐसे में क्रिकेट पर इसका कितना असर पड़ता है, ये तो आने वाला समय बताएगा.