भारतीय तेज गेंदबाज अभिमन्यु मिथुन ने बीते कल को भारतीय घरेलू क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. कर्नाटक के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले इस दायें हाथ के तेज गेंदबाज ने अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया. इस गेंदबाज ने 338 प्रथम श्रेणी विकेट (103 मैच), 136 लिस्ट ए (96) और 69 टी 20 (74) विकेट लिए. उन्होंने क्रमशः चार टेस्ट और पांच एकदिवसीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. अब इस खिलाडी के अपने परिवार के साथ यूके स्थानांतरित होने की उम्मीद है और वो यूके में खेलने के लिए उत्सुक है.
यूके में काऊंटी क्रिकेट खेलेंगे अभिमन्यु मिथुन
घरेलू क्रिकेट से संन्यास का एलान करते समय कर्नाटक के इस गेंदबाज ने कहा, मैं बाहर खेलने जा रहा हूं क्योंकि मैं यूके में स्थानांतरित हो जाऊंगा. संभवत: मैं वहां काउंटी में खेलूंगा क्योंकि इस प्रक्रिया को भी अब अंतिम रूप दिया जा रहा है. मैं अन्य लीग भी खेलूंगा. 35 या 36 या उससे अधिक की उम्र के बाद के बजाय, वहां जाने और खेलने के लिए यह एक अच्छा समय है. साथ ही, मैं पारिवारिक कारणों से यूके जा रहा हूं. मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चों को यूके की नागरिकता मिले क्योंकि मेरी पत्नी यूके की नागरिक है.
भारत के लिए खेलना सबसे बड़ी उपलब्धि
कर्नाटक के लिए 2009 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण करने वाले ये गेंदबाज कर्नाटक के सम्मानित क्रिकेटरों में से एक हैं. कर्नाटक को कई घरेलू खिताब दिलाने में मिथुन ने अहम भूमिका निभाई. हालांकि, मिथुन राष्ट्रीय टीम के लिए अपने घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन को दोहरा नहीं सके. 2010 में भारत में पदार्पण करने के बाद, उन्होंने नौ टेस्ट और तीन एकदिवसीय विकेट लिए.
लेकिन, मिथुन भारत के लिए खेलना अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं. इसका जिक्र उन्होंने अपने रिटायरमेंट लेटर में भी किया है. उन्होंने कहा, मैंने इस स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व किया है और यह हमेशा मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि रहेगी. इससे मिलने वाला आनंद और गर्व कुछ ऐसा होगा जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगा.
कर्नाटक के लिए खेलना सम्मान की बात: अभिमन्यु मिथुन
अगर कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ नहीं होता तो मेरी क्रिकेट यात्रा शुरू भी नहीं होती. उन्होंने मुझे पहचाना, मुझे एक खिलाड़ी के रूप में आकार दिया और मेरे उतार-चढ़ाव के माध्यम से मेरा समर्थन किया. आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, मुंबई इंडियंस और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए भी खेलने वाले मिथुन ने कहा, कर्नाटक के लिए खेलना और अपने राज्य के लिए इतनी सारी ट्रॉफी जीतना मेरे लिए सम्मान की बात है.
हालांकि, इस तेज गेंदबाज को हमेशा गेंद के साथ उनके कारनामों को याद किया जाएगा, जबकि कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करते समय उनका जुनून और दृढ़ संकल्प सामने आया. विनय कुमार और श्रीनाथ अरविंद के साथ उन्होंने एक खतरनाक पेस अटैक को लीड किया.