Aakash Chopra: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ और मौजूदा क्रिकेट एक्सपर्ट आकाश चोपड़ा अक्सर क्रिकेट से जुड़े मामलों पर अपनी राय देते रहते हैं. जिसके चलते वह सुर्ख़ियों में भी बने रहते हैं. इसी कड़ी में आकाश (Aakash Chopra) ने अब क्रिकेट के एक नियम को बदलने की मांग की है. उनका मानना है कि इस नियम से बल्लेबाज़ों को एडवांटेज मिलता है.
Aakash Chopra ने की इस नियम को बदलने की मांग
आपको बता दें कि आईपीएल 2022 में 19 मई गुरुवार को गुजरात टाइटंस और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच हुए मुकाबले में ग्लेन मैक्सवेल, राशिद खान की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए थे, गेंद सीधा स्टंप्स पर जाकर लगी थी, ज़िंग बेल्स की बत्ती भी जली थी लेकिन वह गिरी नहीं. जिसके चलते मैक्सवेल नॉट आउट ही रहे. अब इसी बात को ध्यान में रखते हुए आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने कहा,
"बत्ती जल गई तो बल्लेबाज़ की बत्ती गुल हो जानी चाहिए इसमें कोई शक नहीं है। ये ज़िंग बेल्स हैं, जो बहुत भारी होती हैं. जब लकड़ी की बेल्स आई थीं तो इसलिए आई थीं कि अगर गेंद हल्की सी भी स्टंप्स पर लगे तो यह गिर जाती थीं. कई बार तो यह हवा अधिक चलने पर ही गिर जाती थीं, तब इनको गीला करके रखा जाता था. आज कल ज़िंग बेल्स हल्का सा थपकी भी लगाओ तो गिरती नहीं हैं क्योंकि ये बहुत भारी होती हैं. मेरा तो यही मानना है कि लाइट जलती है तो आउट देना चाहिए. इस नियम में बदलाव की ज़रूरत है."
मैथ्यू वेड के डिस्मिसल को लेकर भी बोले चोपड़ा
दरअसल, आरसीबी और गुजरात टाइटंस के बीच एक बार फिर हमे खराब अपमायरिंग का नमूना देखने को मिला. गुजरात की पारी के दौरान ग्लेन मैक्सवेल की गेंद पर उन्हीं के हमवतन मैथ्यू वेड स्वीप मारने के चक्कर में एलबीडब्यलू आउट हो गए. हालांकि वेड को पूरा भरोसा था कि गेंद उनके ग्लव्स या बैट से लग कर गई है. जिसके चलते उन्होंने डीआरएस ले लिया. जिसमें अल्ट्रा एज के दौरान देखा गया कि गेंद ना तो उनके बल्ले पर लगी और ना ही उनके ग्लव्स पर. ऐसे में उनको आउट करार ही दिया गया. जिसके बाद बल्लेबाज़ काफी ज़्यादा निराश नज़र आए. इसी को लेकर अब चोपड़ा (Aakash Chopra) ने कहा,
"यह दुर्भायपूर्ण है कि हम सब लकीर के फ़कीर बन जाते हैं. अब अगर आपके पास वह सबूत नहीं है और थर्ड अंपायर के भी हाथ बंंधे हैं तो यह प्रोटोकॉल है कि अंपायर को आउट देना होगा. हालांकि, मेरा मानना है कि तब सामान्य बुद्धि के साथ जाना चाहिए. थोड़ा सा नियमों में लचीलापन होना जरूरी है. ग़लती कोई जानबूझकर नहीं करेगा, लेकिन सामान्य बुद्धि का प्रयोग होना चाहिए."