8 खिलाड़ी जिनका विकल्प आज तक उनकी टीमों को नहीं मिला, इन दिग्गजों की खल रही है कमी

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Abhishek Srivastava
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8 खिलाड़ी जिनका विकल्प आज तक उनकी टीमों को नहीं मिला, इन दिग्गजों की खल रही है कमी

क्रिकेट के मुकाबले में यदि किसी टीम को जीत दर्ज करना है. उसके लिए उस दिन टीम के 2 से 3 खिलाड़ियों (Players) को अच्छा प्रदर्शन करना होगा. किसी भी मैच को निकालने के लिए यदि 2 खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करें तो उनकी टीम मैच जीतने में सफल हो सकती है. हर टीम में ऐसे खिलाड़ी बहुत होते हैं. जिनपर बहुत ज्यादा टीमें निर्भर होती है.

हालाँकि उनके टीम में नहीं होने के बाद समस्या अपने आप बढ़ जाती है.  हर टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ियों ने अब संन्यास ले लिया है. जिनकी कमी अब भी टीमों को खल रही. वो खिलाड़ी मैदान पर बहुत बड़े मैच विनर रहे. आज हम आपको उन 8 खिलाड़ियों के बारें में बताएँगे. जिनका विकल्प टीम को नहीं मिल रहा है. इन दिग्गजों की कमी पिछले कई सालों से टीम को खल रही है.

ये Players हैं इस लिस्ट में

1. केविन पीटरसन (इंग्लैंड)

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इंग्लैंड की मौजूदा टीम को देखें तो बहुत कम कमियां नजर आती है. लेकिन, उनकी बल्लेबाजी में परिस्थितियों के अनुसार खेल बदलने वाले Players मौजूद नहीं हैं. जबकि अगर पुरानी इंग्लैंड टीम को देखें तो उसमें केविन पीटरसन के रूप में उनके पास ऐसा खिलाड़ी मौजूद था. केविन पीटरसन ने इंग्लैंड के लिए 104 टेस्ट मैच में 47.29 के औसत से 8181 रन बनाये थे.

पीटरसन के नाम 136 एकदिवसीय मैचों में 40.73 के औसत से 4440 रन दर्ज हैं. जबकि पीटरसन ने टी20 फ़ॉर्मेट में 37.94 के औसत से 1176 रन बनाये थे. वो तीनो फ़ॉर्मेट में हिट खिलाड़ी थे. यह खिलाड़ी अपने खेल को बदलने में माहिर था. जिसके कारण ही वो तीनो फ़ॉर्मेट में सफल रहे थे. अब यदि मौजूदा इंग्लैंड की टीम में वो नजर आयें तो इंग्लैंड को हराना और ज्यादा मुश्किल हो जायेगा.

2. मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका)

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श्रीलंका की मौजूदा टीम पर नजर डाले तो उन्हें कई अपने पुराने Players की कमी खल रही है. एक समय उनकी टीम दिग्गजों से भरी हुई थी. बल्लेबाजी में तो फिर भी इस टीम में कुछ खिलाड़ी अच्छे हैं. लेकिन, गेंदबाजी में बहुत कम खिलाड़ी अपना प्रभाव डाल पा रहे हैं. मुथैया मुरलीधरन ने श्रीलंका के लिए 133 टेस्ट मैच में 22.73 के औसत से 800 विकेट हासिल किये. जबकि 350 एकदिवसीय मैच में उन्होंने 23.08 के औसत से 534 विकेट अपने नाम किये थे.

टी20 फ़ॉर्मेट में उन्होंने 12 मैच खेले और 22.85 के औसत से 13 विकेट हासिल किये. मुरलीधरन तीनों फ़ॉर्मेट में प्रभावी नजर आते थे. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके नाम हजार से ज्यादा विकेट दर्ज हैं. जिसकी जरुरत मौजूदा श्रीलंकन टीम को नजर आती है. यदि आज की टीम में उनके पास मुरलीधरन जैसा गेंदबाज मौजूद हो तो उन्हें हराना बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाएगा.

3. शेन वार्न (ऑस्ट्रेलिया)

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ऑस्ट्रेलिया की मौजूदा टीम भी बहुत ज्यादा मजबूत नजर आती है. सभी विभाग में अच्छे Players मौजूद हैं. लेकिन, स्पिनरों की बात करें तो वो उसमें बिल्कुल प्रभावित नहीं करते हैं. पुरानी टीम में शेन वार्न के रूप में उनके पास अच्छा विकल्प मौजूद हैं. शेन वार्न ने ऑस्ट्रेलिया की टीम के लिए 145 टेस्ट मैच में 25.42 के औसत से 708 टेस्ट विकेट हासिल किये. जबकि 194 एकदिवसीय मैच में 25.74 के औसत से 293 विकेट अपने नाम किये.

आईपीएल के दौरान भी उन्होंने 55 टी20 मैच में 25.39 के औसत से 57 विकेट हासिल किये. वार्न की मौजूदगी ऑस्ट्रेलिया की टीम को और बेहतर बना सकती है. वो तीनों फ़ॉर्मेट में टीम के प्रमुख गेंदबाज की भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने कई सालों तक खुद को ऑस्ट्रेलिया की टीम के लिए मैच विनर खिलाड़ी साबित किया है.

4. एबी डिविलियर्स (दक्षिण अफ्रीका)

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दक्षिण अफ्रीका की टीम का मध्यक्रम अब मजबूत नहीं रहा है. उन्हें वहां पर अनुभवी Players की मौजूदगी चाहिए. दिग्गज एबी डिविलियर्स में ये खासियत नजर आती थी. उनके जाने के बाद अचानक से अफ्रीका की टीम कमजोर हो गयी. एबी डिविलियर्स ने दक्षिण अफ्रीका के लिए टेस्ट फ़ॉर्मेट में 114 मैच में 50.66 के औसत से 8765 रन बनाये हैं. जबकि उसके साथ ही उन्होंने 228 एकदिवसीय मैच में भी 53.5 के शानदार औसत से 9577 रन बनाये हैं.

टी20 फ़ॉर्मेट में भी उन्होंने 78 मैच में शानदार औसत से 1672 रन बनाये हैं. डिविलियर्स की मौजूदगी टीम को और मजबूत बना सकती है. जो उन्होंने पिछले कुछ सालों से लगातार करके भी दिखाया है. एबी तीनों फ़ॉर्मेट में दक्षिण अफ्रीका के लिए मैच विनर खिलाड़ी रहे थे. हाल के समय में दक्षिण अफ्रीका की टीम को देख कर साफ कहा जा सकता है कि उनकी कमी टीम को खल रही है.

5. ब्रेंडन मैकुलम (न्यूजीलैंड)

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न्यूजीलैंड हमेशा क्रिकेट के मैदान पर व्यक्तिगत प्रदर्शन के बजाय टीम के रूप में खेलती हुई नजर आती है. आज भी उसमें खास बदलाव नहीं नजर आया है. लेकिन, पिछले कुछ समय से उनका शीर्ष क्रम बहुत ज्यादा कप्तान केन विलियमसन पर निर्भर हो कर रह गया है. जबकि कुछ सालों पहले तक ब्रेंडन मैकुलम ने यह काम बखूबी किया है. न्यूजीलैंड के लिए टेस्ट फ़ॉर्मेट में 101 टेस्ट मैच खेले और 6453 रन भी बनाये. 260 एकदिवसीय मैच में मैकुलम ने 6083 रन जोड़े.

वहीं अगर टी20 फ़ॉर्मेट की बात करें तो उन्होंने 71 मैच में 2140 रन बनाये थे. मैदान पर वो आक्रामक अंदाज में ही नजर आते थे. आईपीएल के पहले ही मैच में मैकुलम ने ताबड़तोड़ शतक जड़ा था. मैकुलम के टीम का हिस्सा होने से शीर्षक्रम में ऐसा खिलाड़ी नजर आने लगेगा जो पहली गेंद से ही खेल बदलने की क्षमता रखता है. केन विलियमसन को भी खुलकर खेलने का मौका मिल जायेगा.

6. इमरान खान (पाकिस्तान)

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पाकिस्तान के टीम को आज देखने में लगता है की उन्हें कई पूर्व Players की कमी खल रही है. लेकिन जो कमी उन्हें सबसे ज्यादा नजर आता है वो है अच्छे कप्तान की. जो इस टीम के पास बहुत समय पहले इमरान खान के रूप में एक ऐसा खिलाड़ी था जो ना सिर्फ कप्तान बल्कि बेहतरीन आलराउंडर भी था. इमरान खान ने पाकिस्तान टीम के लिए टेस्ट फ़ॉर्मेट के 88 मैच खेले. जिसमें 37.69 के औसत से 3807 रन बनाये और 22.81 के औसत से 362 विकेट भी हासिल किये.

वहीं 175 एकदिवसीय मैच में उन्होंने 3709 रन बनाये और फिर गेंद के साथ 26.62 के औसत से 182 विकेट अपने नाम किये. 1992 में उन्होंने अपनी कप्तानी में पाकिस्तान को विश्व कप भी जिताया था. खिलाड़ी के रूप में ही नहीं बल्कि कप्तान के रूप में भी बहुत बड़े दिग्गज थे. जिन्होंने कई दिग्गज खिलाड़ी पाकिस्तान टीम को दिए. आज की पाकिस्तानी टीम को इमरान खान की कमी खलती है.

7. ब्रायन लारा (वेस्टइंडीज)

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वेस्टइंडीज की टीम को भी पाकिस्तान की तरह ही अपने दिग्गज Players की कमी खलती है. बल्लेबाजी में नजर डाले तो उन्हें एक बड़ी पारी खेलने वाले खिलाड़ी की जरूरत नजर आती है. जिसमें ब्रायन लारा उनके स्टार रहे थे. ब्रायन लारा ने वेस्टइंडीज के लिए 131 टेस्ट मैच में 52.89 के औसत से 11953 रन बनाये. जबकि एकदिवसीय फ़ॉर्मेट के 299 मैच में लारा ने 40.17 के औसत से 10405 रन बनाये.

ब्रायन लारा बड़ी पारियां खेलने के लिए पहचाने जाते हैं. मौजूदा वेस्टइंडीज टीम को ऐसे ही दिग्गज की जरुरत है. लारा ने अपने दम पर कई मैच वेस्टइंडीज की टीम को जिताया है. जिसके कारण उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों की लिस्ट में रखा जाता है. उनके संन्यास के बाद वेस्टइंडीज टीम की बल्लेबाजी का स्तर लगातार गिरा ही है. कुछ अच्छे युवा खिलाड़ी नजर आयें हैं. लेकिन लारा की कमी तो टीम को खल ही रही है.

8. युवराज सिंह (भारत)

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भारतीय टीम आज के समय में सफलता की कहानी लिख रही है. टीम में बहुत ज्यादा कमी नहीं नजर आती है. लेकिन, आज के समय में भी मध्यक्रम में भरोसेमंद Players की जरुरत जरूर नजर आती है. जो पार्टटाइम गेंदबाजी भी कर सकें. जो भूमिका युवराज सिंह निभाते हुए नजर आते थे. युवराज सिंह ने भारतीय टीम के लिए 40 टेस्ट मैचों में 1900 रन बनाये. जबकि 304 एकदिवसीय मैच में उन्होंने 8701 रन बनाये और गेंद के साथ 111 विकेट भी हासिल किये.

युवराज ने 58 टी20 मैच में 1177 रन बनाये और फिर गेंद के साथ भी 28 विकेट हासिल किये. युवी की बात करें तो वो पूर्व रूप से एक 3डी खिलाड़ी थे. जो जरुरत के समय में सभी भूमिका निभाने को तैयार नजर आते थे. 2007 के टी20 विश्वकप और 2011 के विश्वकप में वो मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी रहे थे. आज के भारतीय टीम में ऐसे खिलाड़ी बहुत कम नजर आते हैं. कुछ खिलाड़ी हैं तो जरूर, लेकिन उनमें सुधार की बहुत ज्यादा जरुरत है.

शेन वार्न युवराज सिंह ब्रेंडन मैकुलम इमरान खान केविन पीटरसन एबी डिविलियर्स मुथैया मुरलीधरन ब्रायन लारा