6,6,6,4,4,4,4,4.....रणजी में खूंटा गाड़ के बैठ गया ये भारतीय बल्लेबाज, 443 रन बनाकर भी नहीं हुआ OUT

Published - 28 Aug 2025, 08:59 AM | Updated - 28 Aug 2025, 09:12 AM

Indian batsman , Ranji trophy   , Bhausaheb Nimbalkar

Indian Batsman: टेस्ट क्रिकेट में बड़ी नहीं लंबी पारी खेली जाती है, जिससे विपक्षी गेंदबाज़ को परेशानी हो। बल्लेबाज़ को अपना धैर्य और जज्बा दिखाना चाहिए। ताकि वह लंबी पारी खेल सके। अगर भारतीय क्रिकेट की सबसे लंबी और सबसे बड़ी पारियों की बात करें, तो अब तक एक बल्लेबाज़ ने 443 रन की नाबाद पारी खेली है। अब यह विशाल पारी किस बल्लेबाज़ ने खेली, इसके बारे में जानने के लिए पढ़ें खबर...।

Indian Batsman ने तूफानी प्रदर्शन कर मचाया बवाल

दरअसल, 443 रनों की पारी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं, बल्कि घरेलू क्रिकेट में खेली गई थी। यह पारी अभी नहीं, बल्कि 77 साल पहले 1948 में घरेलू क्रिकेट में भारतीय बल्लेबाज़ भाऊसाहेब निंबालकर ने खेली थी। दिलचस्प बात यह भी है कि इस क्रिकेटर ने भारत के लिए कभी कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला।

यह महान बल्लेबाज़ भारत (Indian Batsman) का इकलौता बल्लेबाज़ है जिसने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 400 या उससे ज़्यादा रन बनाए हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के लिए अब तक कोई भी इस आंकड़े तक नहीं पहुँच पाया है। वीरेंद्र सहवाग भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे लंबी पारी खेलने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने 319 रन बनाए हैं। पृथ्वी शॉ ने घरेलू क्रिकेट में 379 रन बनाए हैं।

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भाऊसाहेब निंबालकर ने मैदान पर 494 मिनट तक की बल्लेबाजी

साल 1948 की बात है। महाराष्ट्र और काठियावाड़ की टीमें रणजी ट्रॉफी में आमने-सामने थी। महाराष्ट्र की ओर से खेलने वाले भाऊसाहेब बाबासाहेब निंबालकर (Indian Batsman) ने इस मैच की दूसरी पारी में कमाल कर दिया। उन्होंने 49 चौकों और 1 छक्के की मदद से 443 रनों की नाबाद पारी खेली।

निंबालकर ने इस पारी के दौरान 494 मिनट तक बल्लेबाजी की। उनके अलावा आज तक कोई भी भारतीय बल्लेबाज प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 400 रनों की पारी नहीं खेल पाया है। निंबालकर ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज डॉन ब्रैडमैन के प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 452 रनों के तत्कालीन विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने ही वाले थे, लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि मैच रोकना पड़ा।

इस वजह से मैच पर लगी थी रोक

इस मैच में काठियावाड़ के तत्कालीन कप्तान, राजकोट के ठाकुर साहब ने कहा कि उन्हें इस मैच में बोरियत महसूस हो रही है और अब महाराष्ट्र को अपनी पारी घोषित कर देनी चाहिए वरना उनकी पूरी टीम वापस लौट जाएगी। यह सुनकर महाराष्ट्र के तत्कालीन कप्तान यशवंत गोखले चौंक गए और ठाकुर साहब को समझाने की कोशिश की।

निंबालकर (Indian Batsman) डॉन ब्रैडमैन का रिकॉर्ड तोड़ने के बेहद करीब हैं। लेकिन काठियावाड़ के कप्तान ने इस बात को अनसुना कर दिया और अपनी पूरी टीम के साथ मैदान छोड़कर चले गए और आज भी यह पारी सिर्फ़ 443 रनों पर नाबाद रही। हालाँकि, महाराष्ट्र ने यह मैच जीत लिया।

घरेलू क्रिकेट में भाऊसाहेब निंबालकर का कैसा रहा सफ़र

भारतीय दिग्गज (Indian Batsman) बल्लेबाज़ भाऊसाहेब निंबालकर के 443 रनों के रिकॉर्ड को अब तक कोई नहीं तोड़ पाया है। अगर उनके करियर की बात करें, तो निंबालकर को भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला।

उनका क्रिकेट करियर प्रथम श्रेणी तक ही सीमित रहा। निंबालकर ने 80 प्रथम श्रेणी मैच खेले, जिनकी 118 पारियों में उनके बल्ले से 4841 रन निकले। उन्होंने 443 रनों के सर्वश्रेष्ठ स्कोर के साथ 12 शतक और 22 अर्धशतक भी लगाए। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी उनके नाम 58 विकेट हैं।

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Nishant Kumar

मैं निशांत कुमार, एक समर्पित क्रिकेट विशेषज्ञ, कंटेंट राइटर और पेशे से पत्रकार हूँ। पत्रकारिता का मे... रीड मोर

उन्होंने यह पारी 1948 में रणजी ट्रॉफी के एक मैच में महाराष्ट्र की ओर से खेलते हुए काठियावाड़ के खिलाफ बनाई थी।

नहीं, उन्हें भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला।