BCCI चीफ पूर्व सिलेक्टर चेतन शर्मा (Chetan Sharma) को एक टीवी स्टिंग ऑपरेशन के बाद इसी साल फरवरी में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था. जिसके बाद शिव सुंदर दास भारत के अंतरिम मुख्य चयनकर्ता बन गए हैं. भारतीय टीम में वर्तमान में कोई मुख्य चयनकर्ता नहीं है लेकिन BCCI जल्द ही इस पद के लिए एक योग्य उम्मीदवार की नियुक्ति किया जा सकता है. जो एक कोच और कप्तान की तरह मुख्य चयनकर्ताओं की भी बड़ी भूमिका होती है.
सिलेक्टर प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भी तैयार करते हैं उनके फैसले टीम का भविष्य भी तय करते हैं. चलिए रिपोर्ट में हम आपको हम अब तक के 5 सबसे खराब भारतीय मुख्य चयनकर्ताओं के बारे में बताने जा रहे हैं.
1. एमएसके प्रसाद
हमने इस लिस्ट में एमएसके प्रसाद (MSK Prashad) का नाम शामिल किया हैय जो कि साल 2016 से 2020 तक भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता रहे थे. उनके कार्यकाल में भारतीय टीम कुछ टूर्नामेंट में सेमीफाइनल और फाइनल में पहुंचने के बाद भी आईसीसी की कोई भी ट्रॉफी जीतने में नाकाम रही. बता दें कि उनके कार्यकाल में साल 2016 से 2020 तक भारत एक भी ICC ट्रॉफी जीतने में कामयाब नहीं हुआ.
इसके पीछे एमएसके प्रसाद भारतीय टीम के लिए कुछ खराब फैसलों से भी जुड़े हैं जैसे कि युवराज सिंह को सबसे छोटे प्रारूप में नहीं चुनना और सुरेश रैना को मौका नजर अंदाज करना. जिसकी वजह से उनका खराब चयनकर्ताओं की लिस्ट में शुमार होता है.
2. दिलीप वेंगसरकर
दिलीप वेंगसरकर को 2006 में मुख्य चयनकर्ता के रूप में नियुक्त किया गया था. उनके कार्यकाल में टीम इंडिया को जब उन्हें वेस्टइंडीज में ICC ODI विश्व कप 2007 में पहले दौर से बाहर होना पड़ा. भारत टूर्नामेंट में बांग्लादेश से एक महत्वपूर्ण मैच हार गया, जिसे एकदिवसीय विश्व कप में सबसे बड़ी उलटफेर के रूप में जाना जाता है.
भारतीय टीम में कई वरिष्ठ और उम्रदराज खिलाड़ी शामिल हैं जो टीम के लिए एक बड़ी बाधा बन गए. बाद में एमएस धोनी के नेतृत्व में एक युवा टीम उसी वर्ष टी20 विश्व कप जीतने में सफल रही. इसलिए, एक राष्ट्रीय चयनकर्ता होने और शक्तिशाली खिलाड़ियों की उपस्थिति के बावजूद, वेंगसरकर एकदिवसीय विश्व कप 2007 के लिए एक मजबूत टीम बनाने में विफल रहे.
3. संदीप पाटिल
संदीप पाटिल 2012 से 2016 तक भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए मुख्य चयनकर्ता थे. पाटिल के मुख्य चयनकर्ता बनने के बाद 2013 में भारतीय टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी जीती. हालाँकि, यह पाटिल के कार्यकाल में था कि भारत के लिए ICC खिताब जीतने के लाले पड़ सकते थे. भारत ने टी20 विश्व कप 2014 और 2016, वनडे विश्व कप 2015 में चयनकर्ता संदीप पाटिल के नेतृत्व में खेला. हालांकि, भारत इनमें से कोई भी ट्रॉफी जीतने में कामयाब नहीं हुआ.इसके पीछे माना जाता हैं कि संदीप पाटिल टीम के लिए सही खिलाड़िों का चय़न नहीं किया.
4. मोहिंदर अमरनाथ
इस लिस्ट में चौथा नाम मोहिंदर अमरनाथ का आता है. अमरनाथ 2011 में टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता बने थे. हालांकि, एक साल बाद ही उन्हें बीसीसीआई ते पद से बर्खास्त कर दिया था. इस की पीछे वजह वताई जाती है कि उनकी विचारधारा BCCI से मेल नहीं खाती थी. उनके बीसीसीआई विरोधी तिरछे और मुखर विचार उनके बर्खास्त होने के बने. इसके अलावा उन्होंने 2012 में ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज हारने के बाद एमएस धोनी को टेस्ट कप्तान के रूप में हटाने की भी वकालत भी ती थी.
5. चेतन शर्मा
BCCI चीफ पूर्व सिलेक्टर चेतन शर्मा (Chetan Sharma) को हमने इस लिस्ट में सबसे आखिरी में रखा है. शर्मा 2020 से 2023 तक भारतीय टीम के लिए मुख्य चयनकर्ता थे. इसमें कोई संदेह नहीं है कि चेतन शर्मा भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे विवादास्पद मुख्य चयनकर्ता बन गए हैं. इस साल फरवरी में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें उन्होंने बीसीसीआई और भारतीय खिलाड़ियों के बारे में कुछ विवादित बयान दिए थे.
उनके कार्यकाल में, भारत की टीम को ICC T20 विश्व कप 2021 में पहले दौर में अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा. खिताब जीतने के प्रबल दावेदार के रूप में करार दिए जाने के बावजूद भारत एशिया कप 2022 के फाइनल में पहुंचने में भी असफल रहा और ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी20 विश्व कप में टीम इंडिया को सेमीफाइनल में इंग्लैंड से 10 विकेटों से हार का सामना करना पड़ा. इस सब के बाद चेतन की कुर्सी जाना तय था लेकिन स्टिंग ऑवरेशन के बाद उन्होंने खुद ही इस्तीफा दे दिया.
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