बिना फेयरवेल के संन्यास लेने पर मजबूर हुए टीम इंडिया के 5 स्टार खिलाड़ी, लिस्ट में 102 शतक ठोकने वाला स्टार भी शामिल
Published - 24 Aug 2025, 08:04 PM | Updated - 24 Aug 2025, 08:23 PM

Team India: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने टीम इंडिया के लिए शानदार प्रदर्शन किया और अपनी प्रतिभा से देश का नाम रोशन किया। लेकिन अफसोस की बात यह है कि कुछ दिग्गज खिलाड़ियों को वह सम्मानजनक विदाई नहीं मिल पाया जिसके वे हकदार थे।
क्रिकेट फैंस हमेशा अपने स्टार्स को मैदान पर आखिरी बार खेलते देखने का सपना देखते हैं, लेकिन हकीकत कई बार इससे अलग होती है। आइए जानते हैं भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) के उन पाँच दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों के बारे में जिन्हें बिना फेयरवेल के ही संन्यास लेना पड़ा।
Team India के 5 स्टार खिलाड़ी हुए बिना फेयरवेल के संन्यास लेने पर मजबूर
1. राहुल द्रविड़
भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) के महान बल्लेबाज़ और दीवार नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ ने बिना किसी फेयरवेल मैच के क्रिकेट के सभी प्रारूपों से अलविदा कह दिया था। द्रविड़ ने अपना आखिरी मुक़ाबला जनवरी 2012 में एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।
द्रविड़ ने अपने करियर में कई यादगार परिया खेली हैं और भारत को मैच जिताए हैं। उन्होंने साल 2001 में कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत को फॉलो ऑन मिलने के बाद वीवीएस लक्ष्मण के साथ बड़ी साझेदारी करके भारत को मैच में वापसी करवाई और एक ऐतिहासिक जीत दिलाई।
द्रविड़ के करियर की बात की जाये तो उन्होंने वनडे और टेस्ट में क्रमश : 344 और 164 टेस्ट मैच खेले। टेस्ट में द्रविड़ ने 52.31 की औसत से 13,288 रन बनाए, जिसमें 63 अर्धशतक और 36 शतक शामिल हैं और उनका सर्वोच्च स्कोर 270 रहा।
वही वनडे में उन्होंने 39.17 की औसत से 10,889 रन बनाए, जिसमें 83 अर्धशतक और 12 शतक शामिल हैं और उनका सर्वोच्च स्कोर 153 रन रहा। मार्च 2012 में द्रविड़ ने प्रेस कांफ्रेंस के ज़रिये अपने संन्यास की घोषणा की।
2. एमएस धोनी
भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी, भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे। उनकी कप्तानी में भारत ने 2007 का टी20 वर्ल्ड कप, 2011 का वनडे वर्ल्ड कप और 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी जीती। धोनी ने अपना आखिरी मुक़ाबला साल 2019 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ विश्वकप सेमीफाइनल में खेला था, जहां मार्टिन गुप्टिल के शानदार थ्रो से वह रनआउट हो गए थे और भारत उस मैच को 18 रन से हारकर विश्वकप से बाहर हो गया था।
उसके बाद धोनी टीम (Team India) के लिए खेलते हुए मैदान पर नज़र नहीं आये और 15 अगस्त 2020 को उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए रिटायरमेंट का ऐलान किया। धोनी की शांत कप्तानी शैली और मैच फिनिश करने की क्षमता उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाती है।
धोनी के करियर की बात की जाये तो उन्होंने टेस्ट और वनडे में क्रमशः 90 और 350 मैच खेले, जबकि टी20 इंटरनेशनल में उन्होंने 98 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। टेस्ट क्रिकेट में धोनी ने 38.09 की औसत से 4,876 रन बनाए, जिसमें 33 अर्धशतक और 6 शतक शामिल हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 224 रन रहा।
वनडे क्रिकेट में धोनी ने 50.57 की औसत से 10,773 रन बनाए, जिसमें 73 अर्धशतक और 10 शतक शामिल हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 183 रन रहा, जो आज भी वनडे में किसी विकेटकीपर द्वारा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है। टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में धोनी ने 37.60 की औसत से 1,617 रन बनाए, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल हैं और उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 56 रन रहा।
3. वीरेंद्र सहवाग
वीरेंद्र सहवाग को टीम इंडिया (Team India) का सबसे विस्फोटक बल्लेबाज़ कहा जाता है। उनकी बल्लेबाज़ी ने टेस्ट क्रिकेट में भी आक्रामकता का नया अध्याय लिखा। सहवाग ने दो बार टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ा और वनडे क्रिकेट में भी एक डबल सेंचुरी बनाई। सहवाग ने अपना आखिरी वनडे मुक़ाबला जनवरी 2013 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था जबकि उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच मार्च 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।
सहवाग का अंदाज़ अलग था, लेकिन उम्र और फिटनेस के कारण उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। अक्टूबर 2015 में उन्होंने बिना किसी औपचारिक फेयरवेल के रिटायरमेंट ले लिया। सहवाग जैसे मनोरंजक बल्लेबाज़ को मैदान पर विदाई मिलनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
सहवाग के करियर की बात की जाये तो उन्होंने टीम (Team India) के लिए 104 टेस्ट मैच, 251 वनडे और 19 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 49.34 की औसत से 8,586 रन बनाए, जिसमें 32 अर्धशतक और 23 शतक शामिल हैं।
उनका सर्वोच्च स्कोर 319 रन रहा। वही वनडे क्रिकेट में उन्होंने 35.05 की औसत से 8,273 रन बनाए, जिसमें 38 अर्धशतक और 15 शतक शामिल हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 219 रन रहा। इसके अलावा टी20 अंतरराष्ट्रीय में सहवाग ने 21.88 की औसत से 394 रन बनाए और जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 68 रन रहा।
4. जहीर खान
जहीर खान टीम इंडिया (Team India) के सबसे बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ों में गिने जाते हैं। उन्होंने अपने स्विंग और सटीक लाइन-लेंथ से बड़े-बड़े बल्लेबाज़ों को परेशान किया। 2011 वर्ल्ड कप जीत में उनकी भूमिका अहम रही, जहाँ वे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में शामिल थे। उन्होंने अपना आखिरी वनडे मुक़ाबला जुलाई 2012 में श्रीलंका के खिलाफ, जबकि अपना आखिरी टेस्ट मैच फरवरी 2014 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ खेला था।
लगातार लग रही चोटों और फिटनेस समस्याओं ने उनके करियर को छोटा कर दिया। अक्टूबर 2015 में जहीर ने भी बिना कोई फेयरवेल मैच खेले संन्यास लेने का फैसला किया।
जहीर खान के करियर की बात की जाये तो उन्होंने टीम इंडिया (Team India) की ओर से 92 टेस्ट मैच, 200 वनडे और 17 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले। टेस्ट क्रिकेट में जहीर ने 32.94 की औसत से 311 विकेट लिए। उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी 7/87 रही। वनडे क्रिकेट में उन्होंने 29.44 की औसत से 282 विकेट झटके और उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी 5/42 रही। टी20 अंतरराष्ट्रीय में जहीर ने 26.75 की औसत से 17 विकेट लिए और उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी 4/19 रही।
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5. चेतेश्वर पुजारा
राहुल द्रविड़ के जाने के बाद टीम इंडिया (Team India) फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने चेतेश्वर पुजारा को आधुनिक दौर का "दीवार" का दर्ज़ा दिया। उन्होंने भारतीय टेस्ट क्रिकेट में नंबर-3 पर कई बार टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकाला। पुजारा लम्बे समय से भारतीय टेस्ट टीम से बाहर थे। उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जून 2023 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेला था, उसके बाद से वह भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं।
पुजारा ने भारतीय टीम (Team India) के लिए अपना डेब्यू साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में किया था। पुजारा का स्ट्राइक रेट भले ही चर्चा का विषय रहा हो, लेकिन उनकी तकनीक और धैर्य ने भारत को कई ऐतिहासिक जीत दिलाई। 24 अगस्त 2025 को पुजारा ने इंस्टाग्राम पोस्ट के ज़रिये क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
उनके टेस्ट करियर की बात की जाये तो उन्होंने 103 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 43.61 की औसत से 7,195 रन बनाए, जिसमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं और उनका हाईएस्ट स्कोर 206 रन है।
पुजारा ने भारत को 2018-19 और 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने में अहम भूमिका निभाई और सबसे ज़्यादा रन बनाए। इसके अलावा पुजारा ने भारत के लिए पांच वनडे मैच भी खेले, जिसमें वह कुछ खास कमाल नहीं कर पाए और मात्र 51 रन बनाए।
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