भारत को अंडर-19 विश्व कप जिताने के बाद गुमनाम हुए यह 5 खिलाड़ी, एक को मजबूरी में छोड़ना पड़ गया देश

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भारत को अंडर-19 विश्व कप जिताने के बाद गुमनाम हुए यह 5 खिलाड़ी, एक को मजबूरी में छोड़ना पड़ गया देश

आज दुनिया भर में अंडर-19 विश्व कप (Under-19 World Cup) अपने नाम करने वाली भारतीय बेटियों की बात हो रही है, यहां तक की पीएम नरेंद्र मोदी ने भी जीत की बधाई दी है। लेकिन, अंडर-19 विश्व कप में भारत ने करीब 2 से भी ज्यादा दशकों से अपना रुतबा बना रखा है। भारत की मैंस टीम ने इस वर्ल्ड कप को कुल 5 बार जीता है और 3 बार रन-अप भी रही हैं। मगर इन तमाम जीत के हीरो रहे कुछ खिलाड़ी आज तक अंतर्राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिली है। तो आइए जानते हैं उन 5 क्रिकेटरों का नाम जो टीम को विश्व विजेता बनाने के बाद कहीं गायब हो गए हैं:-

1.) तन्‍मय श्रीवास्‍तव (Tanmay Srivastava)

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तन्‍मय श्रीवास्‍तव (Tanmay Srivastava) का नाम आज के समय के क्रिकेट प्रेमी शायद ही जानते होंगे, लेकिन ये वहीं शख्स है जिसने भारत के पूर्व कप्तान रहे विराट कोहली को अंडर-19 विश्व कप (Under-19 World Cup) जीताने में सबसे अहम भूमिका निभाई थी। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने साल 2008 में आयोजित हुए अंडर-19 विश्व कप में भारत की ओर से सर्वाधिक रन बनाए थे। श्रीवास्‍तव ने उस विश्व कप में 6 मैचों में 52.40 की औसत से शानदार 262 रन ठोके थे। हालाँकि, प्रमुख टीम में जगह नहीं मिलने के कारण इन्होंने वर्ष 2020 में 30 साल की उम्र में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।

2.) अजितेश अर्गल (Ajitesh Argal)

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साल 2008 के अंडर-19 विश्व कप (Under-19 World Cup) के फाइनल में कप्तान विराट कोहली पूरी तरह से फ्लॉप हुए थे। जिसके बाद गेंदबाजों ने न सिर्फ टीम की लाज बचाई बल्कि विश्व कप भी दिलवाया। जिसमें सबसे अहम योगदान रहा स्टार गेंदबाज अजितेश अर्गल (Ajitesh Argal) का, जिन्होंने उस मैच में 5 ओवर में 7 रन देकर साउथ अफ्रीका के प्रमुख 2 विकेट भी चटकाए।

आपको बताते चलें कि भारतीय टीम उस फाइनल मुकाबले में 45.4 ओवर में मात्र 159 रन ऑल आउट हो गई। जिसमें भी तन्‍मय श्रीवास्‍तव सर्वाधिक 46 रनों की शानदार पारी खेली। हालाँकि, बारिश के कारण साउथ अफ्रीका को 25 ओवर में 116 रनों का लक्ष्य मिला। जिसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने कमान संभाली और अजितेश अर्गल, रवींद्र जडेजा और सिद्धार्थ कौल के 2-2 विकेट ने टीम को जीत दिलाई। जडेजा और कौल को अंतर्राष्ट्रीय मैचों और आईपीएल में भी खेलते देखा गया है, लेकिन अजितेश अर्गल इस विश्व कप के बाद गायब से हो गए।

3.) अनुकूल राय (Anukul Rai)

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बिहार के समस्तीपुर में रहने वाले अनुकूल राय (Anukul Rai) रवींद्र जडेजा को अपना गुरु भी मानते हैं। उन्होंने वर्ष 2018 में आयोजित हुए अंडर 19 विश्व कप में भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लिए थे। हालाँकि वे एक ऑलराउंडर भी हैं और शानदार बल्लेबाजी भी करते हैं। आईपीएल में भी उनको मुंबई इंडियंस और कोलकता की टीमों द्वारा खरीदा जा चुका है। लेकिन इतना शानदार प्रदर्शन होने के बावजूद भी वे कभी अंतर्राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाए।

4.) मनजोत कालरा (Manjot Kalra)

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पृथ्वी शॉ की कप्तानी वाले 2018 के विश्व कप के फाइनल में शतकीय पारी खेलने वाले मनजोत कालरा (Manjot Kalra) को आज सभी भूल स गए हैं, लेकिन उनकी शतकीय पारी के बदोलत की टीम ने उस विश्व कप को अपने नाम किया था। उसी शतक के कारण ही भारत की टीम ने ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए 217 रन के लक्ष्य को 38.5 ओवरों में प्राप्त कर लिया था।

लेकिन, ये खिलाड़ी भी आज तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से दूर है, इसका एक कारण उनपर लगे धोखा धड़ी के आरोपों को भी बताया जा रहा है। फाइनल मैच में 101 रनों की नाबाद पारी खेलने वाले इस खिलाड़ी पर अपनी गलत उम्र बताने के आरोपों के चलते प्रतिबंधित भी किया गया था। जिसके कारण वे रणजी से भी दूर हो गए थे।

5.) उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand)

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भारत को अंडर-19 विश्व कप (Under-19 World Cup) जीताने वाले कप्तान क्रमश: मोहम्मद कैफ (2000), विराट कोहली (2008), पृथ्वी शॉ (2018) को आपने अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भारत के लिए खेलते हुए देखा होगा। लेकिन, वर्ष 2012 में भारत को अंडर-19 में विश्व विजेता बनाने वाले कप्तान उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand) को टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।

जिसके कारण उन्होंने मात्र 28 साल की ही उम्र में संन्यास ले लिया और बीसीसीआई से सभी प्रकार के कॉन्ट्रेक्ट को तोड़ दिया, जिसमें दूसरे देशों में जाकर उनकी लीग खेलना भी शामिल था। यानि की संन्यास के बाद वे बाहरी देशों की लीग में जाने के लिए स्वतंत्र हो गए और यही कारण है कि अब वे ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग में भी दिखाई देते हैं।

हाल ही में उन्होंने बंगलादेश की बीपीएल में खेलने के दौरान अपने एक बयान बीसीसीआई पर आरोप भी लगाया था। चंद ने कहा, “इन लीगों में खेलना हमेशा एक प्रकार से सम्मान की बात होती है और मैं इनका लुत्फ भी उठाता हूं। पहले मैं बीसीसीआई के साथ था और इसलिए इन सब में हिस्सा नहीं ले सका। जब से मैंने भारत छोड़ा है, तब से ही मैं कई पेशेवर क्रिकेटरों के साथ विश्व भर में खेलने में सक्षम हूं। एक क्रिकेटर के लिए विश्व के कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ में कंधे से कंधा मिलाकर चलना अपने आप में बड़ी बात है।”

उन्मुक्त चंद Unmukt Chand Under-19 World cup Manjot Kalra