घरेलू लीग में शानदार प्रदर्शन के बाद इन 5 खिलाड़ियों को मिला IPL का कॉन्ट्रैक्ट
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क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप टी20 का रोमांच सबसे ज्यादा होता है, क्योंकि ना तो इसमें घंटों तक इंतजार करना पड़ता है और ना ही सिर्फ टुक-टुक करते हुए बल्लेबाजी करते देखना होता है। इस रोमांच को और रोमांचक बनाने का काम किया है इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने, जहां सभी देशों और हर तरह के प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपने खेल का जौहर दिखाते हैं।
वैसे तो कई खिलाड़ी ऐसे होते हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मैचों में बेहतर प्रदर्शन करने के कारण आईपीएल का हिस्सा बनाया जाता है। लेकिन, वहीं कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जिन्हें सिर्फ घरेलू क्रिकेट में ही अच्छा प्रदर्शन करते पर ही IPL का हिस्सा बना लिया गया। आज हम ऐसे ही कुछ खिलाड़ी की बात करेंगे। जिन्हें घरेलू क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन का फल मिला।
पांच खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर बनाई IPL में जगह
1. मयंक अग्रवाल (Mayan Agarwal)
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IPL की तर्ज पर ही शुरू किये गए कर्नाटक प्रीमियर लीग के 2010 संस्करण में मैन ऑफ द सीरीज जीतने वाले मयंक को 2011 की नीलामी में आरसीबी के साइन किया था। उस समय तक मयंक ने अपनी राज्य टीम के लिए भी ज्यादा क्रिकेट नहीं खेला था। हालाँकि, सीजन के दौरान मयंक ने घरेलू प्रतियोगिताओं में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और उसी की वजह से आज वो टीम इंडिया के भरोसेमंद खिलाड़ियों में से एक हैं। वर्तमान में पंजाब किंग्स के लिए सलामी बल्लेबाज करने वाला यह खिलाड़ी कुछ मैचों में टीम की कप्तानी भी कर चुका है।
2. वरुण चक्रवर्ती (Varun Chakravarthy)
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एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी के क्षेत्रीय स्तर से लेकर IPL तक के सफर को तमिलनाडु प्रीमियर लीग ने सबसे अच्छी तरह से प्रस्तुत किया है। स्पिन गेंदबाज वरुण चक्रवर्ती ने अपने करियर में बहुत देर से शुरुआत की। लेकिन, तमिलनाडु प्रीमियर लीग के एक सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन कर उन्होंने आईपीएल में जगह बना ली। वरुण पर सबसे पहले किंग्स इलेवन पंजाब ने 8.4 करोड़ बोली लगाई थी। हालांकि वह पहले सीजन में सफल नहीं रहे, लेकिन बाद में केकेआर से जुड़ने के बाद से उनकी गेंदों में ज्यादा धार आ गई।
3. टी नटराजन (T Natarajan)
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टी नटराजन जैसे खिलाड़ियों का संघर्ष दिखाता है कि कर्नाटक प्रीमियर लीग और तमिलनाडु प्रीमियर लीग जैसी क्षेत्रीय लीगें कितनी महत्वपूर्ण हैं। अगर ऐसी लीग नहीं होतीं नटराजन को कभी भी IPL अनुबंध नहीं मिला होता और भारत ने ऐसा प्रतिभाशाली बाएं हाथ का तेज गेंदबाज कभी नहीं देखा होता। पिछले कुछ महीनों में नटराजन के खेल में और ज्यादा निखर आया है। अगर वह फिट रहते हैं तो विश्व टी20 के लिए भारत के गेंदबाजी आक्रमण में शामिल हो सकते हैं।
4. केसी करियप्पा (KC Cariappa)
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IPL नीलामी में मिस्ट्री स्पिनरों ने हमेशा अच्छा पैसा कमाया है। सुनील नारायण ही थे जिन्होंने सबसे पहले आईपीएल में एक अलग ही किस्म के स्पिन गेंदबाज के रूप में लोकप्रियता हासिल की थी। इसके बाद केकेआर ने एक जादुई स्पिनरों को टीम में शामिल करने के अभियान को तेज कर दिया था। कोलकाता नाईट राइडर्स ने केसी करियप्पा को 2015 में ढूंढ निकला। इस क्रिकेटर ने कर्नाटक प्रीमियर लीग में अच्छा प्रदर्शन किया और देश भर के एक्सपर्ट्स की निगाहें अपनी ओर खींचीं थीं।
5. प्रवीन ताम्बे (Pravin Tambe)
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प्रवीण तांबे ने 41 साल की उम्र में IPL में पदार्पण किया था। आमतौर पर यह वह उम्र होती है जब क्रिकेटर्स संन्यास का ऐलान करते हैं। उनके डेब्यू का प्रमुख कारण मुंबई में आयोजित होने वाली कांगा क्रिकेट लीग रही। जिसमें तांबे ने अपनी स्पिन गेंदबाजी से सभी को चौंका दिया था। आईपीएल के बाद लेग स्पिनर ने कैरेबियन प्रीमियर लीग में भी हिस्सा लिया। उन्होंने टी10 क्रिकेट लीग में भी अपना जलवा दिखाया था। वैसे अभी मुंबई के इस क्रिकेटर का खेल से संन्यास लेना बाकी है।