5 क्रिकेटर जिन्होंने अपनी दोहरी प्रतिभा से रचा इतिहास, बल्लेबाजी और गेंदबाजी में ओपनिंग कर हर किसी को चौंकाया

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Shilpi Sharma
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5 players who opened with bat and ball both in cricket

Cricket: क्रिकेट गजत में आए दिन रिकॉर्ड्स बनते और टूटते रहते हैं. इस खेल की शोभा बल्लेबाजों और गेंदबाजों से ही बढ़ती है और कई बार  ये खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से कुछ ऐसे रिकॉर्ड बना जाते हैं जिस पर यकीन जताना मुश्किल हो जाता है. लेकिन, अपने इसी अंदाज से ये खिलाड़ी फैंस का दिल जीत लेते हैं और ये रिकॉर्ड हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो जाते हैं.

क्रिकेट (Cricket) के इतिहास में यूं तो आपने ने कई अजीब वाकया देखे होंगे. लेकिन, आपने शायद ही इस बारे में कभी सुना होगा कि  कोई क्रिकेटर ऐसा भी है जो पहले बैटिंग भी करे और पहला ओवर भी फेंके. लेकिन, ऐसे कुछ खिलाड़ी रहे हैं जो ऐसे ऐतिहासिक मौके का हिस्सा रहे हैं और उन्होंने ये कारनामा कर दिखाया है.

इंटरनेशल क्रिकेट (Cricket) में कई खिलाड़ियों ने अपने इस टैलेंट से लोगों को चौंकाया है. इस खास रिपोर्ट के जरिए हम आपको ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी टीम के लिए दोहरी प्रतिभा से फैंस को प्रभावित किया.

1. मोहम्मद हफीज (Mohammad Hafeez)

Mohammad Hafeez

इस लिस्ट में पहला बड़ा नाम पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) के ऑलराउंडर मोहम्मद हफीज का नाम आता है जिन्होंने अपनी टीम के लिए जमकर क्रिकेट खेली और बल्ले-गेंद दोनों से ही खास योगदान दिया. क्रिकेट के तीनों फॉर्मेंस में वो हमेशा अव्वल खिलाड़ियों की सूची में रहे. हफीज का नाम दोहरी प्रतिभा दिखाने वाले खिलाड़ियों में भी आता है.

एक बार नहीं बल्कि कई बार हफीज ने अपनी टीम के लिए टेस्ट और वनडे में ओपनिंग बल्लेबाजी भी की और इसके बाद गेंद से भी शुरूआत की. एक स्पिन गेंदबाज होने के चलते कई बार ऐसा हुआ जब उन्हें पहला ओवर फेंकने का मौका मिला. गेंद के अलावा उन्होंने बल्ले से भी कहर बरपाया और कई बार ओपनिंग की. हफीज ने अपने करियर में पाकिस्तान टीम के लिए 55 टेस्ट, 218 वनडे और 119 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले.

2. तिलकरत्ने दिलशान (Tillakaratne Dilshan)

Tillakaratne Dilshan

इस फेहरिस्त में श्रीलंकाई टीम के बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान का भी नाम आता है जिन्होंने काफी लंबे समय तक अपनी टीम के लिए तीनों फॉर्मेट में सेवाएं दी. शायद आपको भी याद होगा कि उन्होंने लंबे सालों तक इंटरनेशनल क्रिकेट (Cricket) में अपनी टीम के लिए तीनों प्रारूप में सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाते थे.

दिलचस्प बात तो ये थी कि दिलशान स्पिनर गेंदबाजों की लिस्ट में आते थे और उन्हें भी पारी का पहला ओवर फेंकने का मौका मिला. साल 2012 का सीबी सीरीज सभी आपके जेहन में भी होगा. यहां दूसरे फाइनल मैच में दिलशान ने ओपनिंग बल्लेबाजी करते हुए शतक ठोका था. इसके अलावा पारी का पहला ओवर भी उन्होंने कराया. दिलशान ने इस मैच में पूरे 10 ओवर फेंके थे और एक विकेट भी झटका था.

3. मनोज प्रभाकर (Manoj Prabhakar)

Manoj Prabhakar

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर से बहुत कम लोग ही परिचित होंगे. लेकिन, अपनी दोहरी प्रतिभा का छाप प्रभाकर भी छोड़ चुके हैं. उन्होंने गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों से ही फैंस का ध्यान खींचा था. ये अलग बात है कि उनका क्रिकेट (Cricket) करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा लेकिन, एक ऑलराउंडर के तौर पर प्रभाकर ने टीम इंडिया को कई बार जीत दिलाई.

प्रभाकर ने भी कई बार भारत के लिए ओपनिंग बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों की. उन्होंने टीम इंडिया के लिए 39 टेस्ट और 130 वनडे मैच खेले. खास बात यह थी कि सलामी बल्लेबाज के तौर पर उनका बल्लेबाजी औसत कमाल का रहा.

4. नील जॉनसन (Neil Johnson)

Neil Johnson

जिम्बाब्वे क्रिकेट (Cricket) को नई ऊंचाईयों में अहम भूमिका निभाने वाले शानदार क्रिकेटर नील जॉनसन को भला कौन भूल सकता है. इस टीम को बुलंदियों की सीढ़ियों पर पहुंचाने का सबसे बड़ा योगदान किसी खिलाड़ी को जाता है तो वो नील जॉनसन रहे. जिन्होंने अपने देश के लिए खेलते हुए एक अलग ही छाप छोड़ी.

जॉनसन ने भी जिम्बाब्वे के लिए खेलते हुए कई बार ओपनिंग गेंदबाजी करने के साथ ही सलामी बल्लेबाज की भी भूमिका निभाई. साल 1999 में हुए वर्ल्डकप की बात है जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जॉनसन ने ओपनिंग करते हुए 132 रन की जबरदस्त पारी खेलते हुए सभी को हैरानी में डाल दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने इसी मुकाबले में सबसे पहले गेंदबाजी करते हुए 2 विकेट भी हासिल किए थे.

5. एम. एल. जयसिम्हा (M. L. Jaisimha)

M. L. Jaisimha

इस सूची में 5वें और आखिरी नंबर पर टीम इंडिया के ही ऑलराउंडर पूर्व क्रिकेटर एम.एल जयसिम्हा का आता है. उन्होंने भारत के लिए क्रिकेट (Cricket) में महत्वपूर्ण योगदान दिए. उन्होंने टीम इंडिया के लिए टेस्ट मैचों में कई बार ओपनिंग की और अपने प्रदर्शन से फैंस को हैरान भी किया.

कुल 14 टेस्ट मैच में भारत के लिए सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाते हुए उन्होंने पहले ओवर में गेंदबाजी भी की. साल 1960 के दशक में जयसिम्हा का क्रिकेट जगत में बहुत बड़ा नाम था. यहां से क्रिकेट के एक नए युग का आगाज हुआ था. जयसिम्हा हमेशा अपनी क्लास के लिए जाने जाते हैं. फैंस को उनके इसी अंदाज के कायल थे.

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