क्रिकेट इतिहास के कुछ बड़े कप्तानों की जब बात होती है तो उसमें भारत के सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का नाम जरुर आता है। सौरव गांगुली ने भारतीय टीम की कमान उस समय संभाली जब फिक्सिंग जैसा बदनुमा दाग भारतीय टीम के साथ जुड़ गया था। इस खिलाड़ी ने उसके बाद भारतीय टीम को आगे बढ़ाया और विदेशो में भी टीम को जीतना सिखाया।
दादा नाम से मशहूर पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने युवराज सिंह, जहीर खान और महेंद्र सिंह धोनी, वीरेन्द्र सहवाग जैसे दिग्गज खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट को दिए। लेकिन, वहीं दादा ने इसके उलट कुछ खिलाड़ियों को मौका नहीं दिया। जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया था। इन नामों में लगभग सभी घरेलू क्रिकेट के बहुत बड़े दिग्गज क्रिकेटर बन गये। आइए नजर डालते हैं इन खिलाडियों पर।
ये पांच खिलाड़ी नहीं चढ़ पाए Sourav Ganguly की नजर में
1. रजत भाटिया (Rajat Bhatia)
प्रथम श्रेणी क्रिकेट के आलराउंडर खिलाड़ी रजत भाटिया को भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिल पाया। बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों से टीम को योगदान देने वाले रजत भाटिया ने घरेलू स्तर पर बहुत शानदार प्रदर्शन किया था। जिसके बाद भाटिया ने आईपीएल चार टीमों के लिए भी क्रिकेट खेली थी।
रजत भाटिया ने दिल्ली, उत्तराखंड और तमिलनाडु के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हुए 112 मैच की 157 पारियां खेलीं, जिनमें उन्होंने 49.10 की औसत से 6482 रन बनाए। इन रनों में 30 अर्द्धशतक और 17 शतक शामिल रहे। सिर्फ इतना ही नहीं भाटिया ने गेंदबाजी में 27.97 की औसत से 137 विकेट भी चटकाए थे। इसके बाद भी इस खिलाड़ी को भारतीय टीम से खेलने का मौका नहीं मिला। जबकि Sourav Ganguly की कप्तानी में कोई भी अच्छा तेज गेंदबाजी आलराउंडर नहीं मौजूद था।
2. मिथुन मन्हास (Mithun Manhas)
दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले मिथुन मन्हास को भी कभी भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिल पाया। आपको बता दें कि मिथुन मन्हास ने दिल्ली रणजी टीम के लिए कप्तानी भी की थी। इस खिलाड़ी ने तीन टीमों के लिए आईपीएल भी खेला और वहां अच्छा प्रदर्शन भी किया था।
मिथुन ने दिल्ली की रणजी टीम के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 147 मैच में 244 पारियां खेलीं और 45.82 की औसत से 9714 रन बनाए। जिसमें 49 अर्द्धशतक और 27 शतक शामिल थे। आपको बता दें कि मन्हास बल्लेबाजी करने के साथ पार्टटाइम गेंदबाजी भी करते थे। जिसके तहत उन्होंने 46.65 की औसत से 40 विकेट चटकाए थे। मिथुन मन्हास अच्छे फील्डर भी थे। बावजूद इसके इस खिलाड़ी को Sourav Ganguly ने कभी अपनी कप्तानी में खेलने का मौका नहीं दिया।
3. देवेन्द्र बुंदेला (Devendrasingh Bundela)
मध्यप्रदेश के इस स्टार खिलाड़ी को भी कभी भारतीय टीम के लिए जौहर दिखाने का मौका नहीं मिल पाया। इस खिलाड़ी ने भी घरेलू स्तर पर दस हजार का आंकड़ा पार किया था। इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी का नाम है देवेन्द्र बुंदेला। जिसने घरेलू स्तर पर लगातार रन बनाकर दिखाया था। जिस समय भारतीय टीम बदलाव के दौर से गुजर रही थी, उस समय इन्होंने खूब रन बनाकर टीम में अपनी जगह बनाने का पूरा प्रयास किया था।
देवेन्द्र बुंदेला ने मध्यप्रदेश के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट की 261 पारियों में 43.68 की औसत से 10004 रन बनाए थे। जिसमें 54 अर्द्धशतक और 26 शतक शामिल रहे। बुंदेला ने मध्यम गति के गेंदबाज के रूप में 45.65 की औसत से 58 विकेट भी चटकाए थे। उसके बाद भी Sourav Ganguly ने इस खिलाड़ी को भी कभी भारतीय टीम में शामिल नहीं किया।
4. ऋषिकेश कानितकर (Hrishikesh Kanitkar)
यह खिलाड़ी घरेलू स्तर पर मध्यप्रदेश के लिए खेलता हुआ नजर आता था नाम था ऋषिकेश कानितकर। जिन्होंने भारतीय टीम के लिए मोहम्मद अजरुद्दीन के कप्तानी में पर्दापण किया। लेकिन, कुछ मैचों में अच्छा प्रदर्शन ना कर पाने के कारण एक बार टीम से बाहर हुए तो फिर उन्हें दोबारा कभी टीम में मौका नहीं मिल पाया। ऋषिकेश भी घरेलु क्रिकेट के बहुत बड़े स्टार खिलाड़ी माने जाते हैं।
ऋषिकेश कानितकर ने मध्यप्रदेश के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हुए 146 मैच में 52.26 की शानदार औसत के साथ 10400 रन बनाए थे। इन रनों में 46 अर्द्धशतक और 33 शतक शामिल थे। आपको बता दें कि ऋषिकेश ने भारतीय टीम के लिए 34 एकदिवसीय और सिर्फ 2 टेस्ट मैच ही खेले थे। जिसमें इनका औसत क्रमशः 17.8 और 18.5 का रहा। Sourav Ganguly के कप्तान बनने के बाद यह खिलाड़ी भारतीय टीम में कभी भी वापसी नहीं कर पाया।
5. अमोल मजूमदार (Amol Muzumdar)
घरेलु क्रिकेट के जब कुछ बड़े स्टार खिलाड़ियों की बात होती है, जिन्हें कभी भी भारतीय टीम में जगह नहीं मिली, तो उनमें अमोल मजूमदार का नाम जरूर आता है। मजूमदार ने अपने दौर में मुंबई क्रिकेट के लिए रिकॉर्डतोड़ रन बनाए थे। जब सौSourav Ganguly भारतीय टीम के कप्तान नियुक्त किये गये थे उस समय यह खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में बहुत ही शानदार प्रदर्शन कर रहा था।
अमोल मजूमदार ने मुंबई और असम के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हुए फर्स्ट क्लास के 171 मैच खेले, जिनकी 260 पारियों में इस खिलाड़ी ने 48.13 की शानदार औसत से 11167 रन ठोंके। जिसमें 60 अर्द्धशतक और 30 शतक शामिल थे, यही नहीं इस बीच अमोल का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 260 रन था। मजूमदार के लगातार रन बनाने के बाद भी सौरव गांगुली ने उन्हें नजरअंदाज किया। उसके बाद जब टीम की कप्तानी गांगुली के हाथों से गयी तब अमोल अपने करियर के आखिरी पड़ाव में थे। जिसके कारण यह खिलाड़ी कभी भी भारतीय टीम से नहीं खेल सका।