क्रिकेट को फिटनेस का खेल कहा जाता है. कहा जाता है कि, आप जितना ज्यादा फिट होते हो. उतना ही ज्यादा मैदान पर आप योगदान दे सकते हो. विराट कोहली (Virat Kohli) और रविन्द्र जडेजा (Ravindra Jadeja) जैसे खिलाड़ी (Cricket Player) इन बातों को सही साबित करते हैं. लेकिन वर्ल्ड क्रिकेट में कुछ खिलाड़ी ऐसे भी मौजूद हैं, जो अनफिट होने के बावजूद भी क्रिकेट के मैदान पर काफी धमाल रहे हैं.
जिसमे अफगानिस्तान के मोहम्मद शहजाद (Mohammad Shahzad), आयरलैंड के पॉल स्टर्लिंग (Paul Strling) जैसे खिलाड़ी (Cricket Player) आते हैं. लेकिन आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे 5 खिलाड़ी के बारे में बातएंगे, जिन्होंने शाररिक अक्षमताओ के बाद भी हार नहीं मानी और इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बनायी.
1. मार्टिन गप्टिल
न्यूजीलैंड के धाकड़ ओपनर बल्लेबाज (Cricket Player) मार्टिन गप्टिल (Martin Guptil) की अपनी एक अलग पहचान है. दाएं हाथ के इस ताबड़तोड़ बल्लेबाज को लिमिटेड ओवर क्रिकेट में दुनिया के सबसे सबसे धाकड़ ओपनर बल्लेबाजों में से एक माना जाता है. टी20 क्रिकेट में गुप्टिल सबसे ज्यादा छक्का लगा चुके है. हाल ही में उन्होंने रोहित शर्मा को इस मामले में पीछे छोड़ा है. गुप्टिल फील्ड में काफी चुस्त दुरुस्त है.
उनकी गिनती विश्व के सबसे शानदार फील्डरों में होती है. लेकिन शायद ही आपको पता होगा कि, गप्टिल के बाएं पैर में सिर्फ दो उंगलियां हैं। जी हां, 13 साल की उम्र में एक एक्सीडेंट में गाड़ी ने उनके पैर को कुचल दिया था. हालांकि, मार्टिन की शानदार बल्लेबाजी देखकर किसी को नहीं लग सकता कि उनके एक पैर में सिर्फ दो उंगलियां हैं.
2. भागवत चंद्रशेखर
स्पिन गेंदबाजी के क्षेत्र में भारतीय टीम का शुरुआत से ही एक अलग जलवा रहा है. इसी कड़ी में टीम इंडिया के एक शानदार लेग स्पिनर गेंदबाज (Cricket Player) हुआ करते थे भागवत चंद्रशेखर (Bhagwat Chandrashekhar) . चद्रशेखर के बारे में बहुत कम लोगों को पता होगा कि वे पोलियोमाइलाइटिस से पीड़ित थे.
पोलियोमाइलाइटिस एक संक्रामक रोग है, जो पोलियो वायरस के कारण होता है। यह रीढ़ की हड्डी पर बुरा असर डालता है. बताते हैं कि जब चंद्रशेखर करीब 6 साल के थे, तब इस रोग के कारण उनका दाहिना हाथ पोलियोग्रस्त हो गया था।
हालांकि, बाद में काफी हद तक ठीक हो गया था. लेकिन उन्होंने अपनी इन कमियों के कारण हार नहीं मानी और इंटरनेशनल क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करते हुए 58 मैचों में 242 विकेट के साथ अपना करियर समाप्त किया.
3. वॉशिगंटन सुंदर
टीम इंडिया के शानदार आलराउंडर (Cricket Player) में से एक वाशिंगटन सुंदर (Washington Sunder) पिछले काफी समय से चोट के कारण क्रिकेट से दूर रहे थे. हालांकि विजय हजारे ट्राफी में उन्होंने चोट से उबरकर शानदार वापसी की.
जिसके बाद उन्हें साउथ अफ्रीका दौरे के लिए चुनी गयी वनडे टीम में शामिल किया गया. लेकिन दौरे पर जाने से पहले ही सुंदर कोरोना की चपेट में आ गए. जिसके कारण उन्हें यह सीरीज भी मिस करनी पड़ रही है.
सुंदर ने काफी कम समय में अपनी एक अलग पहचान बना ली है. हालांकि बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि, सुंदर को केवल एक कान से ही सुनाई देता है. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया में अपनी जगह लगभग पक्की कर ली है.
4. टोनी ग्रेग
साढ़े छह फीट लंबे इंग्लैंड के शानदार ऑलराउंडर (Cricket Player) रहे टोनी ग्रेग (Tony Greig) के बारे में कम लोग ही जानते हैं कि वे मिर्गी के रोगी थे। टोनी एक क्रिकेटर के साथ ब्रॉडकास्ट कमेंट्रेटर भी थे.
उनका जन्म साउथ अफ्रीका में हुआ था, लेकिन उन्होंने इंग्लैंड की टीम से खेला. वे बचपन में मिर्गी से ग्रसित थे, इसके बावजूद उन्होंने अपने करियर में कुल 8 शतक जमाते हुए एक शानदार ऑलराउंडर बने. वे 1975 से 1977 तक इग्लैंड की टेस्ट टीम के कप्तान भी थे.
टोनी ने अपने इंटरनेशनल करियर में कुल 58 टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया. जिसमें उन्होंने बल्ले से कुल 3599 रन बनाए, वहीं गेंदबाजी में उन्होंने कुल 141 विकेट हासिल किये.
5. लेन हट्टन
आज की जनरेशन में बहुत कम लोग ऐसे होंगे, जो इंग्लैंड के इस दिग्गज के बारे में जानते होंगे. इनका एक हाथ, दूसरे हाथ से करीब दो इंच छोटा था. दरअसल, एक ट्रेनिंग के दौरान उन्हें चोट लगी थी. उसके बाद सर्जरी हुई, जिसमें उनका एक हाथ छोटा करना पड़ा. बावजूद इसके उनका क्रिकेट खेलने का जुनून कम नहीं हुआ और ना ही इसका असर उनकी परफॉर्मेंस पर पड़ी.
एक हाथ छोटा होने के बावजूद उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 364 रन का व्यक्तिगत स्कोर बनाकर बता दिया कि जुनून के आगे शारीरिक अक्षमता बहुत छोटी हो जाती है. हट्टन (Len Hutton) ने 79 टेस्ट मैचों में 19 शतक लगाए थे, जो बताता है कि वे कितने शानदार क्रिकेटर थे.