Team India: टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में वो हुआ जो टीम इंडिया के खिलाफ इससे पहले कभी देखने को नहीं मिला था. दूसरी पारी में भारत के खिलाफ 378 रनों का विशाल लक्ष्य हासिल कर जीत दर्ज करने वाली इंग्लैंड पहली टीम बन गई है.
इंग्लैंड ने इस स्कोर को हासिल तो किया ही इसके साथ ही भारत की कई कमजोरियों को भी जगजाहिर कर दिया. रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में इस एकमात्र टेस्ट मैच की कमान जसप्रीत बुमराह को दी गई थी और शुरूआत भी उनकी कैप्टेंसी में बेहद शानदार रही थी.
लेकिन, दूसरी पारी में उनके अनुभव की कमी स्पष्टतौर पर देखने को मिली और भारत के हाथ आया हुए ये मैच निकल गया. एजबेस्टन टेस्ट मैच में मिली करारी शिकस्त के बाद हम अपनी इस खास रिपोर्ट में टीम इंडिया (Team India) की उन 5 गलतियों के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसकी वजह से भारत हाथ जीत आते-आते रह गई.
भारत की ये 5 गलतियां Team India के हार में निभा गईं खास भूमिका
1. आर अश्विन का प्लेइंग XI से बाहर होना
टीम इंडिया की पहली गलती प्लेइंग इलेवन के तौर पर देखने को मिली. इस मुकाबले में टेस्ट के अनुभवी गेंदबाज और सर्वश्रेष्ठ स्पिनर आर अश्विन को नजरअंदाज कर दिया गया. उनकी जगह इस मुकाबले में शार्दुल ठाकुर को मौका दिया गया जो पूरी तरह से दूसरी पारी में फेल रहे. उन्होंने इस मुकाबले में न गेंद से कोई दमखम दिखाया और न ही बल्ले से कोई करिश्मा किया.
इस गलती का खामियाजा भारत को किस तरह से भुगतना पड़ा ये तो हमने मैच का रिजल्ट ही देख लिया. एजबेस्टन पिच की बात करें तो वो स्पिन फ्रेंडली होती है. इसलिए 4 तेज गेंदबाजों के साथ उतरना भारत (Team India) को भारी पड़ गया. अश्विन जिस तरह के गेंदबाज हैं, वह बड़े से बड़े बल्लेबाजों को चारों खाने चित करना जानते हैं. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि इस निर्णायक टेस्ट मैच में उनका न होना टीम को भारी पड़ गया और हाथ में आया हुआ मैच निकल गया.
2. हनुमा विहारी के हाथ से कैच छूटना
भारतीय टीम ने इंग्लैंड को चौथी पारी में जीत के लिए 378 रनों का एक बड़ा लक्ष्य दिया था. लेकिन, फील्डरों से हुई लगातार गलतियों के कारण टीम इंडिया (Team India) मैच पर से अपनी पकड़ खोती गई. खास तौर पर जॉनी बेयरस्टो का कैच छूटना टीम इंडिया की हार का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. चौथी पारी में बेयरस्टो को मैच में दो बार जीवनदान मिला. जिसका फायदा उठाकर उन्होंने इंग्लैंड के लिए 114 रनों की नाबाद पारी खेलते हुए अंग्रेजी टीम को जबरदस्त जीत दिलाई.
इंग्लैंड के लिए दोनों इनिंग में शतक लगाने वाले बेयरस्टो को दूसरी पारी के शुरुआत में हनुमा विहारी से जीवनदान मिला जब स्लिप में वह उनका कैच नहीं लपक पाए. उस दौरान जॉनी सिर्फ 14 रन के स्कोर पर ही थे. इसके बाद उन्हें 39 रन के स्कोर पर ऋषभ पंत ने एक जीवनदान दिया. लगातार फील्डिंग में हुई इन गलतियों का खामियाजा भारत को हारकर चुकाना पड़ा.
3. ओपनिंग और टॉप ऑर्डर का पहली पारी में फ्लॉप होना
एजबेस्टन टेस्ट मैच में टॉस हाकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया की शुरूआत बेहद खराब रही थी. पहली पारी में भारत का ओपनिंग पेयर और टॉप ऑर्डर पूरी तरह से फेल रहा. पहली इनिंग में भारत ने अपने 5 विकेट महज 98 रनों पर ही गंवा दिए थे. शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, हनुमा विहारी, विराट कोहली और श्रेयस अय्यर का बल्ला पूरी तरह से फ्लॉप रहा. ऋषभ पंत और रविंद्र जडेजा ने अगर शतक नहीं ठोका होता और बुमराह ने स्टुअर्ट ब्रॉड की क्लास नहीं लगाई होती तो इस मैच में भारतीय टीम (Team India) का और बुरा हाल होता.
दूसरी इनिंग में भी सिर्फ ओपनिंग के तौर पर पुजारा का बल्ला चला था. इसके अलावा गिल से लेकर हनुमा विहारी, विराट कोहली और श्रेयस अय्यर ने उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया था. ये भारतीय तीसरी बड़ी गलती थी जिसकी वजह से हाथ में आया हुआ मैच निकल गया.
4. इंग्लैंड को पहली इनिंग में वापसी का अवसर देना
पहली पारी में 416 रनों का विशाल स्कोर बनाने वाली टीम इंडिया ने 83 रनों पर अंग्रेजी टीम के 5 बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया था. जॉनी बेयरेस्टो भी पूरी तरह से बल्ले से सिर्फ संघर्ष ही करते हुए नजर आए थे. वहीं विराट कोहली की स्लेजिंग ने बेयरेस्टो को पता नहीं कौन सी घुट्टी पिला दी, कि उसके बाद तो उन्होंने रुकने का नाम ही नहीं लिया.
बेयरेस्टो ने पहली पारी में भारत के खिलाफ जबरदस्त सेंचुरी जड़ी और इंग्लैंड की वापसी कराई. लेकिन, ये कहना गलत नहीं होगा कि जॉनी की पारी के बाद पिक्चर बाकी थी. ऐसा लग रहा था कि भारत कम से कम 200 की बढ़त हासिल करेगा, लेकिन बेयरेस्टो ने टीम इंडिया (Team India) के इस सपने को तबाह कर दिया. ये चौथा बड़ा कारण भी टीम इंडिया के हाथ में आए मुकाबले को छीनने का बड़ा कारण रहा.
5. दूसरी पारी में बल्लेबाजी को लेकर अपनाई लापरवाही
पहली पारी के आधार पर मिली बढ़त के बाद टीम इंडिया (Team India) के बल्लेबाज दूसरी पारी में काफी ज्यादा आत्मविश्वास से भरे हुए दिखाई देने चाहिए थे और इसका उदाहरण चेतेश्वर पुजारा ने दिया भी था. उनके अलावा ऋषभ पंत ने भी पहली पारी की तरह अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश में थे.
लेकिन, इन बल्लेबाजों के अलावा किसी ने भी पचास का आंकड़ा तक पार नहीं किया. भारत की दूसरी पारी में बैटिंग में ये लापरवाही भारत को भारी पड़ी. शॉर्ट गेंदों पर एक बार फिर घुटने टेकना, ये कुछ हार की गलतियों में एक थी जो सीरीज गंवाकर चुकानी पड़ी.