वनडे और टेस्ट में सफलता हासिल करने के बाद भी देश के लिए टी20I मैच नहीं खेल सके यह 5 खिलाड़ी

Published - 05 Sep 2019, 11:24 AM

खिलाड़ी

क्रिकेट एक रोमांच से भरा खेल है, जिसमे सब खिलाड़ी के हाथ नहीं होता बहुत कुछ किस्मत पर भी निर्भर करता है. वैसे तो क्रिकेट में ऐसे कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने क्रिकेट में कई परचम लहराए हैं. लेकिन क्रिकेट के कई प्रारूप है, ऐसे में इस बात की कोई गारंटी नही है कि अगर किसी खिलाड़ी ने एक प्रारूप में शानदार प्रदर्शन दिया है तो जरुरी नहीं है कि वो दूसरे प्रारूप में भी उतना ही अच्छा खेले.

ऐसे कई खिलाड़ी है जिन्होंने वनडे और टेस्ट मुकाबलों में शानदार प्रदर्शन दिखाया है, लेकिन टी 20 यानी कि क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में उन्होंने एक कोई मैच भी नहीं खेला है, अब आप अचंभित हो रहे होंगे लेकिन यह सही है.

आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में बताने, जो यह कारनामा कर चुके हैं.

1. ब्रायन लारा

वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाजी की बात हो तो उसमे ब्रायन लारा का नाम काफी ऊपर लिया जाता है. उन्होंने कई मौकों पर टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया और कई क्रिकेट रिकॉर्ड बनाए, जिसमें 1994 में एजबेस्टन में डरहम के खिलाफ वॉरविकशायर के लिए नॉटआउट 501 रन के साथ सबसे अधिक व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड भी शामिल है.

2004 में एंटीगा में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 400 रन बनाने के बाद लारा ने एक टेस्ट पारी में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड भी बनाया. लारा ने एक टेस्ट मैच में एक ही ओवर में सबसे अधिक रन बनाने के टेस्ट रिकॉर्ड को भी साझा किया, जब उन्होंने 2003 में दक्षिण अफ्रीका के रॉबिन पीटरसन के ओवर में 28 रन बनाए थे.

इन्होने अपने टेस्ट करियर में 131 मैच खेले जिसमे इन्होने 52.89 के औसत से 11953 रन बनाए थे. उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू 1990 में पाकिस्तान के विरुद्ध किया था, और अपना आखिरी टेस्ट मुकाबला 2006 में पाकिस्तान के विरुद्ध ही खेला था. वही टी 20 में इन्होने एक भी मैच नही खेला है.

भले ही यह महान कैरेबियाई खिलाड़ी क्रिकेट से संन्यास ले चुका है, लेकिन रविवार को एक बार फिर से क्रिकेट फैंस को मैदान पर लारा की बल्लेबाजी देखने को मिली. रविवार को द सेलेक्टर फैन कप के दौरान ब्रायन लारा ने बेहतरीन शॉट लगाए.

2. दिमुथ करुणारत्ने

दिमुथ करुणारत्ने, एक पेशेवर श्रीलंकाई क्रिकेटर हैं. वह बाएं हाथ के लाल गेंद विशेषज्ञ हैं जो टेस्ट और वनडे दोनों में देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और सिंहली स्पोर्ट्स क्लब के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते हैं. श्रीलंका टेस्ट और वन-डे इंटरनेशनल (वनडे) क्रिकेट टीमों के वर्तमान कप्तान हैं.

यह टेस्ट स्पेशलिस्ट खिलाड़ी है, इन्होने आज तक एक भी टी20 मैच नही खेला है, ऐसे में इतने बड़े मुकाबले में श्रीलंका टीम में इनका सम्मिलित होना नामुमकिन है. यही कारण है कि अभी हाल में चल रहे न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में इनको ड्रॉप कर दिया गया है और लसिथ मलिंगा को टीम की कप्तानी सौप दी गई है.

3. चेतेश्वर पुजारा

टी20

चेतेश्वर पुजारा भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलते हैं और घरेलू क्रिकेट में सौराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह एक दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, जिन्होंने दिसंबर 2005 में सौराष्ट्र के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया और अक्टूबर 2010 में बैंगलोर में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था.

वह भारत ए टीम का हिस्सा थे जिसने 2010 में इंग्लैंड का दौरा किया था और वह दौरे का सर्वोच्च स्कोरर बने थे. अक्टूबर 2011 में, बीसीसीआई ने उन्हें डी ग्रेड राष्ट्रीय अनुबंध से सम्मानित किया. वह राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के संन्यास के बाद भारतीय मध्य क्रम में एक स्थान के लिए दावेदारों में से एक थे.

उनकी टेस्ट वापसी अगस्त 2012 में न्यूजीलैंड के खिलाफ हुई, जिसमें उन्होंने शतक बनाया. उन्होंने नवंबर 2012 में अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला दोहरा शतक बनाया और मार्च 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक और दोहरा शतक बनाया, दोनों बार भारत को जीत और मैन ऑफ द मैच बनने का मौका मिला.

उन्होंने 2010 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध अपन पहला टेस्ट मैच खेला था, अभी तक उन्होंने 70 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमे उन्होंने 49.87 के औसत से 5486 रन बनाए हैं. टेस्ट में भारतीय टीम को सँभालने वाले इस खिलाड़ी ने टी20 में आज तक पादर्पण नहीं किया है.

4. सौरव गांगुली

टी20

ऊपर जो नाम लिखा है इसको पढ़ कर आप भी हैरान हो गए होंगे, लेकिन यह सही है इनका नाम भी उन खिलाड़ियों में शुमार है जिन्होंने आज तक टी20 क्रिकेट का एक मैच भी नहीं खेला है. इनको प्यार से दादा के रूप में जाना जाता है, भारतीय क्रिकेट कमेंटेटर और भारतीय राष्ट्रीय टीम के पूर्व क्रिकेटर और कप्तान हैं. वर्तमान में, उन्हें क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बंगाल के अध्यक्ष और विजडन इंडिया के साथ संपादकीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है.

अपने खेल करियर के दौरान गांगुली ने खुद को दुनिया के अग्रणी बल्लेबाजों में से एक के रूप में स्थापित किया और राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के सबसे महान कप्तानों में से एक रहे हैं.

इन्होने 1996 में इंग्लैंड के विरुद्ध अपना पहला टेस्ट मैच खेला था और अपना आखिरी मुकाबला उन्होंने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध ही खेला था. वही वनडे में इन्होने वेस्टइंडीज के खिलाफ ही अपना डेब्यू किया था. वर्ष 1992 में, और आखिरी वनडे मुकाबला 2007 में पाकिस्तान के विरुद्ध खेला था.

दादा ने 188 टेस्ट पारियां खेली हैं, जिसमे 42.18 के औसत से 7212 रन बनाए थे, इसके अलावा इन्होने 300 वनडे पारी खेली है, जिसमे 40.73 के औसत से 11363 रन बनाए थे, वही टी20 में इन्होने एक भी मैच नहीं खेला है.

5. वीवीएस लक्ष्मण

टी20

यह एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान में एक क्रिकेट कमेंटेटर है. लक्ष्मण एक दाहिने हाथ के बल्लेबाज थे, जो अपने सुंदर स्ट्रोकप्ले के लिए जाने जाते थे, जो ज्यादातर मध्य क्रम में खेलते थे. उन्हें अपनी कई मैच जीतने वाली और मैच बचाने वाली पारी के लिए जाना जाता है और ऐसा करने के लिए गैर-विशेषज्ञ टेल-एंड बल्लेबाजों से अभूतपूर्व समर्थन को मजबूत करने की उनकी विशेष क्षमता ने उन्हें क्रिकेट के दिग्गजों के बीच एक अद्वितीय दर्जा दिया है.

लक्ष्मण ने अपने समय की सर्वश्रेष्ठ टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन किया और 2001 में ईडन गार्डन्स में उनके खिलाफ 281 रन की अपनी पारी को अक्सर सबसे बड़ी टेस्ट-पारी माना जाता है.2011 में लक्ष्मण को भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

लक्ष्मण ने वर्ष 1996 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध अपना पहला टेस्ट मैच खेला था और आखिरी 2012 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेला था. वही वनडे में इन्होने 1998 में जिम्बाम्बे के विरुद्ध डेब्यू किया था और आखिरी मैच 2006 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध खेला था.

वनडे में इन्होने 83 परियां खेली हैं, जिसमे 30.76 के औसत से 2338 रन बनाए थे, वही दूसरी ओर टेस्ट मैच में इन्होने 224 परियां खेली हैं, जिसमे इन्होने 45.5 के औसत से 8781 रन बनाए थे. वही इन्होने अपने टेस्ट करियर में एक भी टी20 मैच नहीं खेला था.