हर Cricketer की तमन्ना होती है कि वह अपने देश के लिए तीनों प्रारूपों में क्रिकेट खेलें और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें। हालांकि कुछ ही खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो अपनी प्रतिभा के दम पर क्रिकेट के सभी प्रारूपों में ढाल लेते हैं। विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, रविन्द्र जडेजा इसके प्रमुख उदाहरण हैं। हालांकि कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो ऐसा नहीं कर पाते हैं और सिर्फ किसी एक फॉर्मेट में खेलने के काबिल रह जाते हैं। ऐसे में आज हम उन भारतीय खिलाड़ियों की बात करेंगे सीमित ओवरों के Cricket में अपनी जगह गंवा चुके हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट का चेहरा बने हुए हैं।
ये 5 भारतीय Cricketer टेस्ट क्रिकेट तक ही हैं सीमित
5. उमेश यादव (Umesh Yadav)
भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव को इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में तो Cricket खेलने का मौका नहीं मिला था, लेकिन वर्तमान में वो इंग्लैंड टूर के लिए टीम के साथ गए हैं। उमेश यादव ने टीम इंडिया के लिए 48 टेस्ट, 75 वनडे एवं 7 टी20 मैच खेले हैं और जिसमें उनके नाम क्रमशः 148, 106 एवं 9 विकेट दर्ज हैं।
लेकिन, आपकों बता दें कि उमेश यादव को पिछले दो सालों से सीमित ओवरों एवं छोटे प्रारूप में खेलने का कोई मौका नहीं मिला है। अब तो यह समझा जाने लगा है कि वह लम्बे प्रारूप में ही क्रिकेट खेलने के लिए बने हैं। इसलिए कहा जा सकता है कि उमेश यादव सीमित ओवरों में अब और खेलते दिखाई नहीं देंगे।
4. ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha)
इंग्लैंड टेस्ट दौरे पर विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा को भी टीम में जगह मिली है, लेकिन साहा के साथ एक समस्या यह रही कि जब तक एमएस धोनी Cricket में बने रहे, साहा को कभी भी वनडे या टी20 क्रिकेट में ज्यादा मौके नहीं मिल सके। यहां तक कि धोनी के संन्यास लेने के बाद ही इस खिलाड़ी को टेस्ट क्रिकेट में भी खलने के मौके मिल सके।
2010 में डेब्यू करने वाले साहा को अभी तक मात्र 9 वनडे खेलने का मौका मिला जबकि टी20 में इन्हें चयनकर्ताओं ने कभी पसंद नहीं किया। टीम इंडिया में साहा को टेस्ट क्रिकेट में ही मौके दिए जाते हैं। सीमित ओवरों में इन्हें 2014 से ही नजरअंदाज किया जा रहा है, इसलिए यह कहना गलत नहीं कि सीमित ओवरों के क्रिकेट में साहा का करियर लगभग खत्म हो चुका है।
3. अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane)
भारतीय Cricket में अजिंक्य रहाणे एक बड़े खिलाड़ी के रूप में जाने जाते हैं। जिन्होंने टीम इंडिया के लिए सभी प्रारूपों में क्रिकेट खेली है। 2011 में पदार्पण करने वाले रहाणे ने भारत के लिए 90 वनडे और 20 टी20 मैचों में शिरकत की है। लेकिन, वर्तमान समय में इस खिलाड़ी को टेस्ट स्पेशलिस्ट के तौर पर ही देखा जाने लगा है।
रहाणे को चयनकर्ता लगभग हर टेस्ट सीरीज में खेलने का मौका देते हैं लेकिन वनडे और टी20 में इनकी अनदेखी की गयी है। टी20 क्रिकेट में रहाणे को 2016 से एक भी मौका नहीं दिया गया है। इसके साथ ही वनडे क्रिकेट में भी उन्हें 2018 से टीम इंडिया में जगह नहीं दी गयी है।
2. इशांत शर्मा (Ishant Sharma)
भारतीय Cricket टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने करियर की शुरुआत बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच से शुरू की थी और उसी के अगले महीने इशांत को वनडे में पदार्पण करने का मौका मिला। बता दें कि इशांत अब तक 80 वनडे मैच में 115 विकेट चटकाने में सफल रहे, हालांकि टी20 क्रिकेट में शर्मा इतने सफल नहीं रहे।
इशांत का वनडे करियर देखा जाए तो चयनकर्ताओं ने इन्हें 2016 से एक भी वनडे मैच में खेलने का मौका नहीं दिया है। इशांत किसी भी फॉर्मेट में खेलने में सक्षम हैं। इशांत को टीम इंडिया अब टेस्ट क्रिकेट के लिए इस्तेमाल कर रही है। जहां वह 100 से अधिक टेस्ट खेल चुके हैं।
1. रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin)
रविचंद्रन अश्विन लगभग एक दशक से टीम इंडिया की सेवा कर रहे हैं। एक समय था जब टीम इंडिया बिना इस खिलाड़ी के मैदान पर अधूरी नजर आती थी। लेकिन, रवि अब सीमित ओवरों के क्रिकेट में 2017 के बाद टीम से दूर कर दिए गए हैं और अब सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में ही खेलने के लिए चुने जाते हैं।
अगर अश्विन के वनडे और टी20 Cricket करियर पर गौर करें तो अश्विन ने 111 वनडे और 46 टी20 मैचों में 150 व 52 विकेट चटकाए हैं। लेकिन, इस खिलाड़ी को अब इन प्रारूपों में खेलने की उम्मीद न के बराबर है। सभी जानते हैं कि टेस्ट क्रिकेट में अश्विन 400 विकेट पूरे करने वाले भारत के तीसरे खिलाड़ी बन चुके हैं।