5 एतिहासिक पारियां जो भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने एकदिवसीय फ़ॉर्मेट में हैं खेली

Published - 04 May 2021, 03:33 AM

खिलाड़ी

भारत में हमेशा से ही एक से बढ़कर एक बल्लेबाज रहे हैं, जिन्होंने ना जाने कितने सैंकड़ों रिकॉर्ड्स अपने नाम किए हैं। टीम इंडिया के कुछ बल्लेबाजों ने तो मानो ऐसी पारियां खेली हैं जिन्होंने इतिहास रच दिया, तो किसी ने ऐसी पारी खेली, जिसे आज भी याद करके भारतीय फैंस के चेहरे पर चमक आ जाती है।

विश्व क्रिकेट में हमेशा से ही भारतीय बल्लेबाजों का जलवा बरकरार रहा है, फिर चाहें वह सुनील गावस्कर का वक्त हो, सचिन तेंदुलकर का वक्त हो या अब विराट कोहली और रोहित शर्मा का। हर विपक्षी गेंदबाज भारत के क्वालिटी बल्लेबाजों के लिए अलग से रणनीति बनाकर ही मैदान पर उतरता है।

भारतीय बल्लेबाजों के बल्ले से कुछ ऐसी पारियां निकली हैं, जिन्हें आज भी फैंस जहन में रखते हैं और उन्हें भारतीय क्रिकेट के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों से लिखा गया है। तो आइए इस आर्टिकल में आपको उन 5 पारियों के बारे में बताते हैं जिन्होंने रच दिया इतिहास।

भारतीय बल्लेबाजों की 5 ऐतिहासिक पारियां

1- कपिल देव 175

टीम इंडिया

भारत को पहला विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव विश्व क्रिकेट के सबसे सफल ऑलराउंडर खिलाड़ियों की सूची में शुमार हैं। कपिल देव बल्ले व गेंद दोनों से ही मैच पलटने की ताकत रखते थे और उन्होंने अपने करियर में ये कई बार सिद्ध किया।

विश्व कप 1983 में लीग मैच में भारत का सामना जिम्बाव्वे के साथ हुआ। जहां, पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया की बल्लेबाजी इकाई ताश के पत्तों की तरह बिखर रही थी। सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर, क्रिस श्रीकांत 0 के स्कोर पर आउट हुए।

जहां, दूसरे बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी मुश्किल से छू पा रहे थे, वहां कपिल देव ने 138 गेंदों का सामना करते हुए 175 रनों की कमाल की पारी खेली और भारत ने 267 रनों का लक्ष्य निर्धारित किया। जवाब में जिम्बाव्वे की टीम 235 रन ही बना सकी और भारत ने 31 रनों से मैच अपने नाम कर लिया।

2- सचिन तेंदुलकर 200

मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के भगवान के रूप में पूजा जाता है। वैसे तो तेंदुलकर ने अपने करियर में सैंकड़ों यादगार पारियां खेलीं और ना जाने कितने ही बड़े-बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए, लेकिन यदि तेंदुलकर के वनडे करियर की सबसे यादगार पारी की बात करें, तो वह यकीनन उनके बल्ले से साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2010 में निकली 200 रनों की पारी होगी।

जब पहले बल्लेबाजी करते हुए तेंदुलकर ने साउथ अफ्रीका के क्वालिटी गेंदबाजों की ऐसे पिटाई की थी, मानो उनके सामने गेंदबाजी कर रहे गेंदबाज नौसिखिए हो। सचिन के साथी सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग 9 रन पर आउट हो गए, मगर तेंदुलकर क्रीच पर टिके रहे और उन्होंने 147 गेंदों पर 200 रनों की कमाल की पारी खेली।

मास्टर-ब्लास्टर की इस पारी की बदौलत भारत ने साउथ अफ्रीका को 402 रनों का लक्ष्य दिया। जिसके जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 248 रन ही बना सकी और भारत ने 153 रनों के बड़े अंतर से मैच को अपने नाम कर लिया।

3- रोहित शर्मा 264

टीम इंडिया

हिटमैन के नाम से विश्व क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने वाले रोहित शर्मा ने अपने एकदिवसीय करियर में अब तक 3 दोहरे शतक लगाए हैं। ये विश्व रिकॉर्ड भी है, क्योंकि अब तक क्रिकेट की दुनिया में किसी भी खिलाड़ी ने वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाने का कारनामा नहीं किया है।

वैसे तो रोहित ने तमाम बड़ी पारियां खेली हैं, लेकिन एक पारी ऐसी रही, जिसने इतिहास रच दिया। दरअसल, यहां हम बात कर रहे हैं वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी पारी की, जिसमें रोहित ने 264 रनों की धाकड़ पारी खेली थी और विपक्षी श्रिलंका की टीम 251 रन ही बना सकी थी।

अर्थात रोहित के अकेले के स्कोर तक भी श्रीलंकाई टीम नहीं पहुंच सकी और रोहित ने अकेले के दम पर टीम को मैच जिता दिया। ये मैच कोलकाता के ईडन गार्डेन्स मैदान पर 13 नवंबर 2014 को खेला गया था और ये वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी पारी है।

4- मोहम्मद कैफ 87

साल 2002 में खेली गई नेटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला लंदन में भारतीय क्रिकेट टीम और इंग्लैंड क्रिकेट टीम के बीच खेला गया था। ये मैच भारत ने मानो हारते-हारते जीत लिया था और इस जीत के हीरो थे मोहम्मद कैफ

असल में इंग्लिश की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 325 रनों का लक्ष्य खड़ा कर दिया। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारत की टीम के सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग 45 और सौरव गांगुली 60 रन पर पवेलियन लौट गए। सचिन कुछ रन नहीं बना सके और सिर्फ 14 रन पर ही आउट हो गए।

सचिन के आउट होते ही मानो सभी ने जीत की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह ने मजबूत साझेदारी की, लेकिन फिर भी भारत के जीतने की उम्मीद कम ही थी। मगर मोहम्मद कैफ ने उस मैच में 87 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई।

इस पारी को आज भी भारतीय बल्लेबाजों द्वारा खेली गई ऐतिहासिक पारियों में गिना जाता है, क्योंकि जिन परिस्थितियों में कैफ ने ये पारी खेली उसकी जितनी तारीफ की जाए कम होगा। एक और बात, जी हां ये वही मैच था, जिसके जीतने के बाद सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स के मैदान पर हवा में जर्सी लहराई थी।

5- महेंद्र सिंह धोनी 183

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान व सबसे सफल फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी ने अपने करियर में तमाम बड़ी व मैच जिताऊ पारी खेली हैं, मगर श्रीलंका के खिलाफ 2005 में उनके बल्ले से निकली 183 रनों की पारी को आज भी भारतीय फैंस याद करके मुस्कुराते हैं।

2005 भारत दौरे पर आई श्रीलंका टीम के साथ खेले गए तीसरे वनडे मुकाबले में श्रीलंकाई टीम ने 299 रनों का लक्ष्य खड़ा किया था। इस मैच में कप्तान राहुल द्रविड़ ने माही को नंबर-3 पर भेजा और मैदान पर जाकर तो माही ने श्रीलंकाई गेंदबाजों पर हमला बोल दिया।

वीरेंद्र सहवाग व सचिन तेंदुलकर के जल्दी आउट होने के बाद मैदान पर आए एमएस धोनी ने 145 गेंदों पर 10 हवाई छक्के लगाते हुए 183 रनों की पारी खेलकर विश्व क्रिकेट में ऐलान कर दिया कि भारतीय टीम में एक और बड़े खिलाड़ी की एंट्री हुई है। इस मैच से पहले धोनी इतना बड़ा नाम नहीं थे, लेकिन इस पारी के बाद फिर माही ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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