क्रिकेट (Cricket) इकलौता ऐसा खेल है जिसको पूरी दुनिया में जेंटलमैन गेम कहा जाता है। यहां खिलाड़ियों के खेल प्रदर्शन के साथ-साथ उसकी भावनाओं को भी तवज्जो दी जाती है। क्रिकेट (Cricket) के मैदान पर खिलाड़ियों की पहचान उसकी खेल भावना से भी की जाती है।
खिलाड़ी तेजतर्रार पारी खेल कर या फिर खतरनाक गेंदबाजी के दम पर टीम को जीत दिलाने का प्रयास करते हैं। खिलाड़ी अपनी देश की टीम को जीत दिलाने के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार रहता है। टीम को जीत दिलाने की खिलाड़ी की जिद्द कई बार इतनी बढ़ जाती है कि वें मैदान पर ही बेईमानी भी करने लगते हैं। लेकिन, उनके ये गैर-जिम्मेदाराना हरकत कैमरे में हो जाती है।
आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के जरिए कुछ ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने टीम को जीत दिलाने के लिए क्रिकेट (Cricket) के मैदान पर ऐसी हरकतें कर डाली, जिनसे उनके नाम के आगे बेमानी का टैग लग गया। तो आइए नजर डालते हैं क्रिकेट (Cricket) जगत के सबसे ज्यादा 5 बेईमान खिलाड़ियों पर.......
Cricket जगत के इन 5 खिलाड़ियों ने मैदान पर की थी बेईमानी
एस. श्रीसंत
टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज एस. श्रीसंत का नाम इस लिस्ट में पहले नंबर पर हैं। श्रीसंत भी उन ही खिलाड़ियों में से एक हैं जिसके नाम के साथ बेईमान जैसा शब्द जुड़ा हुआ है। साल 2013 में 16 मई को इंडियन प्रीमियर लीग के छठे संस्करण के दौरान दिल्ली पुलिस ने अजित चंदिला और अंकित चौहान के साथ श्रीसंत को स्पॉट फिक्सिंग के जुर्म में मुंबई से गिरफ्तार कर लिया था। जानकारी के मुताबिक श्रीसंत के चचेरे भाई जीजू जनार्दन ने इस स्पॉट फिक्सिंग में अहम भूमिका निभाई थी।
इसके बाद 17 मई को अपना इस संघिन अपराध को कबूल लिया। उस समय पोलिस ने ये भी खबर दी कि जब श्रीसंत को गिरफ्तार किया गया तो वें नशे में थे और खिलाड़ी को लगा कि उन्हें नशे के आरोप में पकड़ा गया है। जांच समाप्त होने तक स्पॉट फिक्सिंग के आरोपी श्रीसंत को सात साल के लिए निलंबित कर दिया गया। हालांकि इस आरोप के बाद उनका क्रिकेट (Cricket) करियर पूरा ही खत्म हो गया। बैन के हटने के बाद भी उन्हें न तो टीम में जगह मिली और न ही आईपीएल में।
डेविड वॉर्नर
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम (Australia Cricket Team) के दिग्गज बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने भी अपनी टीम को जीतने के लिए क्रिकेट जैसे खेल में बेईमानी की। उन्होंने साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऐसे शर्मनाक हरकत की जिसकी वजह से उन्हें आजीवन प्रतिबंध का सामना करना पड़ा। मार्च 2018 में कैप टाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के दौरान कैमरन बैनक्राफ्ट गेंद को सैंडपेपर से खुरेदते हुए कैमरे पर दिखाई दिए।
उनके साथ इस कांड में तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ और उप-कप्तान डेविड वॉर्नर भी शामिल थे। अपनी इस हरकत की वजह से डेविड पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक साल का बैन लगाया। साथ ही उनसे आजीवन कैप्टन बनने का हक छिन लिया। जानकारी के लिए बता दें कि इस बैन के बाद वॉर्नर ने बयान भी दिया कि वे ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड से उन पर लगे कप्तानी के आजीवन प्रतिबंध को हटाने के लिए बातचीत करने को तैयार हैं।
शाहिद अफरीदी
पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) के खिलाड़ी शाहिद अफरीदी का करियर जितना रिकॉर्ड से भरपूर रहा है, उतना ही विवादों से जुड़ा भी रहा है। अफरीदी भी उन ही खिलाड़ियों में से एक हैं जिनके नाम के साथ बेईमान खिलाड़ी का टैग लगा हुआ है। दरअसल, साल 2010 में पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच आयोजित हुई टी20 सीरीज के दौरान वे गेंद से छेड़छाड़ करते हुए कैमरे में कैद हो गए थे।
उन्होंने अपने टीम के खिलाड़ी राणा नावेद उल हसन को गेंद थामने से पहले दांत से गेंद को काट दिया। ऐसा करते हुए उन्हें दो बार देखा गया, जिसके बाद आईसीसी ने उन्हें दोषी करार देते हुए दो टी20 मैचों में खेलने से मना कर दिया था। हालांकि बाद में अफरीदी ने टीवी पर सभी से अपनी इस हरकत के लिए माफ़ी भी मांग ली थी।
मोहम्मद आमिर
पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) के गेंदबाज मोहम्मद आमिर का नाम भी इस लिस्ट में शुमार है। अगस्त 2010 में ‘न्यूज ऑफ वर्ल्ड’ के रिपोर्टर ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था। उनके इस स्टिंग ऑपरेशन के दौरान पता चल था कि लॉर्ड्स क्रिकेट टेस्ट में पाकिस्तान के तीन खिलाड़ी, मोहम्मद आमिर, मोहम्मद आसिफ और स्लामन बट, ने सट्टेबाज मजहर मजीद के साथ मिलकर स्पॉट फिक्सिंग की थी। इन तीन क्रिकेटरों के बीच हुए स्पॉट फिक्सिंग की सारी बातें कैमरे में रिकॉर्ड हो गई थी।
मैच के दौरान नो बॉल कब फेंकी जाएगी, ये पहले ही तय हो चुका था। इसके लिए आरोपी क्रिकेटर ने खूब पैसे भी लिए। तत्कालीन कप्तान सलमान के कहने पर आमिर ने दो नॉ बॉल फेंकी। जिसके चलते उन पर स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगाया गया। हालांकि उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को झुठलाया। लेकिन उनकी ये गुहार किसी ने नहीं औनी और उन्हें सजा के तौर पर ऊपर 5 साल तक क्रिकेट से दूर रखा गया।