वनडे क्रिकेट में इन 5 दिग्गज खिलाड़ियों ने विरोधी टीम को अकेले ही हरा दिया

Published - 12 Jul 2020, 01:01 PM

खिलाड़ी

खेल के दूसरे सबसे पुराने फॉर्मेट वनडे क्रिकेट का पिछले कुछ सालों में काफी दिलचस्प सफर रहा है. आईसीसी द्वारा इस प्रारूप को और दिलचस्प बनाने के लिए लगातार प्रयोग किये गए है. उसके साथ खिलाड़ियों ने खुद को भी इस प्रारूप में हुए बदलावों के अनुसार ढाला है. कुछ समय पहले लोग यह मान रहे थे कि टी20 प्रारूप के आने से लोगो के बीच यह प्रारूप लोकप्रिय नहीं रह जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

टी20 क्रिकेट की वजह से बल्लेबाजों ने इस प्रारूप में भी तेजी से खेलना शुरू कर दिया और आज की क्रिकेट में किसी भी टोटल को सेफ नहीं कहा जा सकता. पहले वनडे क्रिकेट में 250 से ज्यादा का स्कोर जीतने के लायक माना जाता था मगर आज ऐसा नहीं है. आज 250 से अधिक का व्यक्तिगत स्कोर एक अकेला खिलाड़ी ही ठोक देता है.

इसी वजह से अब 300 के आंकड़े को भी आसानी से चेस करने लायक माना जाता है. इस आर्टिकल के माध्यम से हम उन 5 वनडे खिलाड़ियों के व्यक्तिगत स्कोर के बराबर भी विपक्षी टीम रन नहीं बना सकी. और खिलाड़ियों ने विपक्षी टीमों के टोटल को से ज्यदा रन बनाये.

5. सर विवियन रिचर्ड्स

साल 1971 में जब वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरुआत हुई थी तो उस दशक में बड़ा स्कोर बना पाना हर खिलाड़ी के लिए कठिन होता था. लेकिन जैसे ही 80 का दशक आया तो फिर खिलाड़ी लंबी-लंबी पारियां खेलने लगे. 1984 में आज ही के दिन यानी 31 मई को वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी सर विवियन रिचर्ड्स ने पहली बार वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में 180 रन का आंकड़ा पार किया था.

टेक्सको ट्रॉफी का ये पहला मुकाबला था. जिसमें वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड ने इंग्लैंड के खिलाफ टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी थी. लेकिन टीम के दोनों ओपनर बल्लेबाज महज 11 रन के कुल स्कोर पर आउट हो गए थे. इसके बाद इस मैच में रिचर्ड्स ने 170 गेंदों में 21 चौके और 5 छक्कों के साथ 189 रन की पारी खेली थी.

ये 1971 में शुरू हुई वनडे क्रिकेट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इस फॉर्मेट का सबसे बड़ा स्कोर था. इंग्लैंड की टीम इस मैच में विवियन रिचर्ड्स के व्यक्तिगत स्कोर के बराबर भी रन नहीं बना पाई और 50 ओवर में महज 168 रन पर पूरी टीम ढेर हो गयी.

4. युवराज सिंह

भारतीय टीम के सबसे बड़े मैच विनर में से एक युवराज सिंह ने 3 अक्टूबर 2000 को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था. डेब्यू के 3 साल और करीब दर्जन भर फिफ्टी के बाद युवराज के बल्ले से पहला शतक निकला था.

2003 में बांग्लादेश के खिलाफ ढाका में युवराज ने 85 गेदों में 102 रन बनाए. दरअसल 11 अप्रैल 2003 को टीवीएस कप का पहला वनडे मैच भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया था. बंगबंधु नेशनल स्टेडियम, ढाका में खेले जा रहे इस मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया.

टीम इंडिया के तरफ से सबसे ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए युवराज सिंह ने सर्वाधिक 102 रनों की पारी खेली. जिसमें युवराज के 9 चौके व 4 छक्के भी शामिल हैं. भारतीय टीम के द्वारा बनाए गए विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेशी टीम भारतीय टीम के गेंदबाजों के सामने जल्दी ही घुटने टेक दिए. बांग्लादेशी टीम महज 76 रन ही बना सकी और ऑल आउट हो गयी. बांग्लादेश के 8 बल्लेबाज दहाई के आंकड़े को भी पार नहीं कर सके.

3. गैरी कर्स्टन

इस श्रेणी में तीसरे स्थान पर नाम आता है भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच व दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी गैरी कृस्टन का. साउथ अफ्रीका के इस दिग्गज बल्लेबाज के नाम 159 गेंदों में नाबाद 188 रनों की पारी खेलने का रिकॉर्ड है. गैरी का शांत स्वभाव उनके जुझारूपन और धैर्य की बेमिसाल क्षमता को तो बयां करता है. लेकिन उनके रिकॉर्ड ही उनकी सही काबलियत और क्षमताओं को सही तरीके से बता पाती हैं.

1996 वर्ल्ड कप में उन्होंने यूएई के खिलाफ नाबाद 188 रनों की पारी खेली थी. जो 2015 के विश्व कप तक बेस्ट पारी रही. उनकी इस विशाल पारी के जवाब में संयुक्त अरब अमीरात 50 ओवर में मात्र 152 रन ही बना पाई.

हमेशा ही एक शांत दिखने वाले और चेहरे पर एक सा ही भाव लिए गैरी कर्स्टन को देख कर कभी नहीं लगा कि वे दक्षिण अफ्रीका के लिए बहुत सफल बल्लेबाजों में से एक हैं. लेकिन गैरी एक सफल बल्लेबाज ही नहीं, बल्कि एक बेहतरीन कोच भी साबित हुए. गैरी की शागिर्दी में ही टीम इंडिया ने साल 2011 में दूसरा आईसीसी विश्व कप खिताब जीता था.

2. फकर जमान

पाकिस्तान के तूफानी बल्लेबाज फखर जमान के नाम भी वनडे क्रिकेट के इतिहास में डबल सेंचुरी मारने का रिकॉर्ड है. उन्होंने यह डबल सेंचुरी हाल ही में 2018 में लगाई है. फखर जमान ने यह कारनामा 2018 के जुलाई महीने में कर दिखाया. पाकिस्तान टीम का मुकाबला जुलाई में जिंबाब्वे के साथ हुआ था.

जहां पर फखर ज़मान ने अपनी टीम की तरफ से दोहरा शतक लगाया. फखर जमान ने 148 गेंदों का सामना करते हुए 210 रन बनाये. जिसमें 24 चौके और 5 छक्के शामिल थे. फखर जमान इसी के साथ पाकिस्तान के पहले ऐसे खिलाड़ी बने जिन्होंने वनडे इतिहास में 200 से अधिक रन बनाए.

उनसे पहले पाकिस्तान की ओर से एक पारी में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड सईद अनवर के नाम था. अनवर ने 21 मई, 1997 को चेन्नई में भारत के खिलाफ 146 गेंद में 194 रन बनाए थे. फखर के इसी ताबड़तोड़ शतक के बदौलत पाकिस्तान टीम को जिम्बाब्वे के खिलाफ 244 रनों से बड़ी जीत हासिल हुयी थी. जिम्बाब्वे इस मैच में फकर के व्यक्तिकत स्कोर से भी 55 रन कम पर यानि मात्र 155 रनों पर सिमट गयी थी.

1. जब रोहित शर्मा से ही हार गया था श्रीलंका

13 नवंबर का दिन क्रिकेट इतिहास में विशेष स्थान रखता है. इसी दिन हिटमैन यानी रोहित शर्मा ने श्रीलंका के खिलाफ ईडन गार्डंस में वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी पारी खेलते हुए इतिहास रच दिया था. रोहित ने इस मैच में 264 रन बनाए थे. किसी वनडे मैच में सर्वाधिक रनों का यह रेकॉर्ड अभी तक कोई और खिलाड़ी नहीं तोड़ पाया है.

रोहित शर्मा की इस पारी ने दिखा दिया कि उन्हें यूं ही 'हिटमैन' के नाम से जाना जाता है. रोहित शर्मा ने 264 रनों की पारी खेलते हुए सचिन तेंडुलकर के 200 नाबाद और वीरेंदर सहवाग की 219 रनों की पारी को भी पीछे छोड़ दिया था. यह दूसरा मौका था, जब उन्होंने वनडे में दोहरा शतक लगाया था.

उन्होंने अपनी पारी में 173 गेंदों का सामना करते हुए 33 चौके और 9 छक्के लगाए थे. बता दें कि रोहित शर्मा वनडे क्रिकेट में 3 बार डबल सेंचुरी लगाने वाले दुनिया के अकेले खिलाड़ी हैं. रोहित की इस करिश्माई पारी के सामने श्रीलंका मात्र 251 रन ही बना पाया था.