क्रिकेट (Cricket) एक ऐसा खेल है जिसमें कुछ भी हो सकता है। इस खेल में असंभव कुछ भी नहीं है, इतिहास में कई ऐसे रिकॉर्ड्स बने हैं जिनके बारे में किसी ने शायद कभी सोचा ही नहीं हो। जहां कई गेंदबाजों (Bowlers) के नाम खूब सारे छक्के खाने का रिकॉर्ड दर्ज है तो वही ऐसे गेंदबाज (Bowlers) भी रहे हैं जिन्होंने अपने पूरे करियर में एक भी सिक्स नहीं खाया है। इस बात पर भरोसा करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन ये सच है।
क्रिकेट (Cricket) के इतिहास में कई ऐसे गेंदबाज (Bowlers) रहे हैं जिनकी गेंद पर कोई भी बल्लेबाज सिक्स नहीं ठोक पाया है। इन गेंदबाजों (Bowlers) की गेंदों का सामना करना किसी भी बल्लेबाज के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है। इसी वजह से इन्होंने (Bowlers) ये खास रिकॉर्ड कायम किया। आइए एक नजर डालते हैं क्रिकेट (Cricket) जगत के उन 5 गेंदबाजों (Bowlers) पर जिनकी गेंदों पर कभी एक भी छक्का नहीं लगा।
5 Bowlers जिनकी गेंद पर कोई भी बल्लेबाज नहीं लगा सका सिक्स
डेरेक प्रिंगल
डॉन प्रिंगल के बेटे डेरेक प्रिंगल भी उन गेंदबाजों में से एक हैं जिनकी गेंद पर कोई भी बल्लेबाज छक्का नहीं जड़ सका। बल्लेबाजी के साथ क्रिकेट करियर की शुरुआत करना वाला ये खिलाड़ी धीरे-धीरे एक मध्यम गति के गेंदबाज में तब्दील हो गए। इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रिंगल ने 30 टेस्ट में 35.70 के औसत से केवल 70 विकेट हासिल किया है। केन्या में जन्मे इस खिलाड़ी ने बल्ले से 15.10 की औसत से रन भी 695 रन भी बनाए थे।
मुदस्सर नज़र
पाकिस्तान के दिग्गज गेंदबाज मुदस्सर नजर ने भी क्रिकेट जगत में अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। इन्होंने 1976 से लेकर 1989 तक पाकिस्तान राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया है। इस दौरान उन्होंने कई कारनामे किए हैं। इसी में से एक है ऐसा गेंदबाज बनना जिसकी गेंद पर कोई भी बल्लेबाज छक्का नहीं जड़ सका है। नजर ने अपने करियर में 76 टेस्ट और 112 वनडे मैच खेलते हुए 5,867 गेंदें डाली है और इन गेंदों पर उन्होंने एक भी सिक्स नहीं खाए।
कीथ मिलर
ऑस्ट्रेलिया के सर्वकालिक महान ऑलराउंडर माने जाने वाले कीथ मिलर भी इस लिस्ट में शामिल हैं। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में 10461 गेंदें फेंकी जिन पर एक भी छक्का नहीं लगा। 1946 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करते हुए मिलर ने दो विकेट लिए और 30 रन बनाए। मिलर ने 226 प्रथम श्रेणी मैचों में बल्ले से 48.90 और गेंद से 22.30 का अच्छा औसत निकाला। 55 टेस्ट मैच खेलते हुए उन्होंने 22.97 की औसत से 170 विकेट लिए, जबकि छह शतकों के साथ 36.97 पर 2898 रन बनाए। वहीं, उन्होंने सात बार पांच विकेट और एक बार में दस विकेट निकाले। हालांकि, 2004 में 84 की आयु में मेलबर्न में उनका देहांत हो गया।
नील हॉक
1963 में सिडनी में इंग्लैंड के खिलाफ बिल लॉरी, बॉब सिम्पसन और कप्तान रिची बेनाउड के साथ टेस्ट क्रिकेट (Cricket) में पदार्पण करने वाले नील हॉक का नाम भी इस फेरिहस्त में शुमार है। नील अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर भले ही ज्यादा लंबा नहीं खींच सके लेकिन उन्होंने अपनी धुआंधार गेंदबाजी से क्रिकेट की दुनिया में अपनी एक अलग जगह बनाई है।
27 टेस्ट मैच खेलते हुए दिवंगत क्रिकेटर ने 29.41 की औसत से 91 विकेट लिए। 6987 गेंद डालते हुए हॉक ने कई बल्लेबाजों को शिकार बनाया हो लेकिन उनकी गेंद पर कोई भी खिलाड़ी छक्का नहीं जमा पाया है। हॉक का 25 दिसंबर 2000 को 61 वर्ष की आयु में विभिन्न बीमारियों के कारण निधन हो गया।
मोहम्मद हुसैन
1952-53 में भारत के अपने पहले क्रिकेट (Cricket) दौरे के दौरान पाकिस्तान क्रिकेट टीम के महमूद हुसैन ने एक अलग पहचान बनाई थी। उन्होंने लखनऊ में आयोजित श्रृंखला के दूसरे टेस्ट में खेला, और चार विकेट लिए। इस मुकाबले में पाक ने एक पारी और 43 रन से जीत दर्ज की। इसके बाद हुसैन ने पाकिस्तान के लिए कई सारे मुकाबले जीते और पाकिस्तान क्रिकेट के इतिहास में अपनी एक अलग जगह बनाई। लाहौर में जन्मे इस खिलाड़ी ने 27 टेस्ट मैचों में 38.84 के औसत से 68 विकेट मिले। महमूद के करियर की खास बात ये रही कि उनकी गेंद पर बड़ा से बड़ा बल्लेबाज छक्का नहीं जड़ सका।