आज के दौर में शायद ही कोई ऐसा क्रिकेट (Cricket) मैच होगा जिसमें कोई सिक्स नहीं लगा हो। मॉडर्न क्रिकेट में गेंदबाज की एक गलती का पूरा फायदा उठाते हुए बल्लेबाज गेंद को मैदान से बाहर मारने का कोई मौका नहीं चूकता है।
खेल का चाहे कोई भी फॉर्मेट हो सिर्फ़ एक खराब दिन गेंदबाज की शामत के लिए काफी होता है। वक्त के साथ ताबड़तोड़ क्रिकेट की लोकप्रियता के बीच पिच और नियम भी बल्लेबाज के पक्ष में बनते नजर आ रहे हैं। लेकिन आज से कुछ समय पहले क्रिकेट (Cricket) के खेल में गेंदबाजों का बोलबाला रहा करता था।
आज के समय में 10 रन प्रतिओवर का रनरेट बल्लेबाज के लिए पार्क में सैर करने के बराबर है, लेकिन उससे समय गेंदबाज 1-1 रन बनाने के लिए बल्लेबाज को तरसा दिया करते थे। इसी बीच 5 गेंदबाज ऐसे भी रहें हैं जिन्होंने अपने पूरे करियर के दौरान टेस्ट प्रारूप में बल्लेबाज को अपने खिलाफ एक भी सिक्स नहीं मारने दिया है। इस लेख के जरिए इन 5 गेंदबाजों पर 1 नजर डालते हैं।
1. डेरेक प्रिंगल
डेरेक प्रिंगल डॉन प्रिंगल के बेटे थे, जिन्होंने 1975 विश्व कप के दौरान पूर्वी अफ्रीका का प्रतिनिधित्व किया था। डेरेक प्रिंगल ने अपने जूनियर करियर की शुरुआत एक बल्लेबाज के रूप में की थी, लेकिन धीरे-धीरे एक मध्यम गति के गेंदबाज में तब्दील हो गए, जिसमें बल्ले के साथ अपना योगदान देने की क्षमता थी।
हालाँकि, इंग्लैंड के लिए प्रिंगल के 30 टेस्ट में 35.70 के औसत से केवल 70 विकेट लेने का रिकॉर्ड जबरदस्त रहा। लेकिन फिर भी उनके खिलाफ पूरे क्रिकेट (Cricket) करियर के दौरान एक भी छक्का नहीं लगना एक खास उपलब्धि है। केन्या में जन्मे इस खिलाड़ी ने बल्ले से 15.10 की औसत से रन भी 695 रन भी बनाए थे।
2. महमूद हुसैन
महमूद हुसैन 1952-53 में भारत के अपने पहले क्रिकेट (Cricket) दौरे के दौरान पाकिस्तान के खेमे का हिस्सा थे। उन्होंने लखनऊ में आयोजित श्रृंखला का दूसरा टेस्ट खेला और चार विकेट लिए, मेहमान टीम ने एक पारी और 43 रन से जीत हासिल की। इसके बाद महमूद हुसैन ने 1954 में ओवल में इंग्लैंड में पाकिस्तान की जीत में भी अहम भूमिका निभाई थी।
हुसैन ने 1958-59 में वेस्टइंडीज के दौरे के खिलाफ क्रिकेट में वापसी की, दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने अपना आखिरी टेस्ट 1962 में खेला था, लेकिन 1978 के इंग्लैंड दौरे में राष्ट्रीय टीम के प्रबंधक के रूप में काम किया। लाहौर में जन्मे इस खिलाड़ी ने 27 टेस्ट मैचों में 38.84 के औसत से 68 विकेट मिले, इस दौरान उनके खिलाफ एक भी सिक्स नहीं लगाया गया। दिसंबर 1991 में मधुमेह की गंभीर समस्या के कारण उनका निधन हो गया।
3. मुदस्सर नज़र
नज़र मोहम्मद के बेटे मुदस्सर नज़र 1952 में भारत के खिलाफ पाकिस्तान के ऐतिहासिक पहले टेस्ट में हारने वाली टीम का हिस्सा थे। नज़र मोहम्मद ने केवल पांच टेस्ट खेले थे लेकिन उनके बेटे ने 1976-1989 तक 76 टेस्ट और 122 एकदिवसीय मैच खेले।
अपने पिता की तरह मुदस्सर नज़र भी ओपनिंग बल्लेबाज थे। भले ही वह बल्लेबाजी में आकर्षक नहीं थे, लेकिन दाएं हाथ का बल्लेबाज ने 76 टेस्ट में 37.74 पर 4114 रन बनाए, गेनबाजी करते हुए उन्होंने अपने क्रिकेट (Cricket) करियर में कुल 5967 गेंदे फेंकी थी जिसमें बिना एक भी सिक्स खाए उन्होंने 66 विकेट अपने नाम किए थे।
4. नील हॉक
नील हॉक ने 1963 में सिडनी में इंग्लैंड के खिलाफ बिल लॉरी, बॉब सिम्पसन और कप्तान रिची बेनाउड के साथ टेस्ट क्रिकेट (Cricket) में पदार्पण किया था। दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई के प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर में उन्होंने 145 मैच खेले थे, जिसमें उन्होंने अपनी तेज रफ्तार गति से 458 विकेट लिए।
हालांकि, उनका अंतरराष्ट्रीय करियर 27 टेस्ट से आगे नहीं बढ़ सका। हॉक-आई के नाम से मशहूर इस दिवंगत क्रिकेटर ने 29.41 की औसत से 91 विकेट लिए , अपने क्रिकेट (Cricket) करियर के दौरान हॉक ने 6987 गेंदे डाली थी जिसमें कोई भी बल्लेबाज सिक्स लगाने में कामयाब नहीं हो पाया। हॉक का 25 दिसंबर 2000 को 61 वर्ष की आयु में विभिन्न बीमारियों के कारण निधन हो गया।
5. कीथ मिलर
ऑस्ट्रेलिया के अब तक के सबसे महान ऑलराउंडर के रूप में पहचाने जाने वाले कीथ मिलर भी इस लिस्ट में शामिल है, उन्होंने अपने क्रिकेट (Cricket) करियर में 10461 गेंदे फेंकी जिसपर एक भी सिक्स नहीं लगा। मिलर ने 1946 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया, जिसमें दो विकेट लिए और 30 रन बनाए। जेफ थॉमसन और डेनिस लिली की प्रमुखता से पहले उनका दबदबा रहा करता था।
मिलर ने 226 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में बल्ले से 48.90 और गेंद से 22.30 का स्वस्थ औसत निकाला। उनका 55 टेस्ट करियर भी उतना ही समृद्ध था, जिसमें 22.97 की औसत से 170 विकेट लिए, जिसमें सात बार पांच विकेट और एक बार में दस विकेट लिए। बल्ले के साथ, विक्टोरियन ने छह शतकों के साथ 36.97 पर 2898 रन बनाए। 84 वर्ष की आयु में 2004 में मेलबर्न में उनका निधन हो गया।