वनडे की वो 5 बड़ी पारियां जिसमें एक भी बाउंड्री नहीं रही शामिल, आक्रामक बल्लेबाज का नाम शामिल

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पाकस
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T20 Records: अंतरराष्ट्रीय टी20 मैचों में इन खिलाड़ियों ने अंतिम पांच ओवर में बनाए हैं सबसे ज्यादा रन

एक समय था जब वनडे Cricket में 60 ओवर खेले जाते थे. फिर उसे 50 ओवर का खेला जाने लगा. समय के साथ वनडे क्रिकेट बहुत ही ज्यादा बदलता चला गया. सभी बल्लेबाज हर गेंद को सीमारेखा के पार भेजने की कोशिश करते रहते हैं. लेकिन, कई बार ऐसा होता है कि बल्लेबाज एक भी बाउंड्री लगाने के लिए तरस जाता है. जी हां सच है.

आपको कॉमनवेल्थ सीरीज का नवां मैच तो याद ही होगा. जिसमें श्रीलंका और भारत भिड़े और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अर्धशतकीय पारी के दम पर भारत ने 2 विकेट से जीत दर्ज की थी. मजेदार बात ये रही कि धोनी की इस पारी में एक भी बार गेंद सीमारेखा के पास नहीं पहुंची थी. इसी तर्ज पर आज हम आपको वनडे क्रिकेट की ऐसी ही कुछ बड़ी पारियों के बारे में जिसमें एक भी बाउंड्री शामिल नहीं थी.

इस खिलाड़ियों ने खेली वनडे Cricket में बिना बाउंड्री की पारियां

1. एडम परोरे (96 रन बनाम भारत)

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बात 1994 की है जब न्यूजीलैंड टीम भारत के दौरे पर थी. तब दोनों टीमों के बीच चार एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला के तीसरे मैच में कुछ ऐसा हुआ जो ना तो पहले कभी हुआ था और शायद अब कभी होगा भी नहीं. न्यूजीलैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज एडम परोरे ने उस बड़ोदरा में खेले गए इस Cricket मैच में 138 गेंदों में 96 रन बनाए थे और कप्तान केन रदरफोर्ड के साथ 180 रन की साझेदारी निभाई थी. मजेदार बात ये रही की एडम की इस पारी में एक भी चौका या छक्का शामिल नहीं था. बिना बाउंड्री की यह पारी वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी पारी है.

2. जहीर अब्बास (84 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया)

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पाकिस्तान टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी जहीर अब्बास तो वैसे ही अपनी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1982 में मेलबर्न क्रिकेट स्टेडियम में तो अलग ही बैटिंग का मुजायरा पेश किया था. अपनी तेजतर्रार बल्लेबाजी के लिए जाने वाले अब्बास ने इस दिन बहुत ही धीमी बल्लेबाजी की. उन्होंने Melbourne Cricket Ground पर 84 रन बनाए. जिसके लिए 113 गेंदें खेलीं. लेकिन, फिर भी एक भी बाउंड्री नहीं लगाई.

3. किम बर्नेट (84 रन बनाम श्रीलंका)

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6 फीट लंबे और प्रथम श्रेणी Cricket में 28 हजार से ज्यादा रन बना चुके इंग्लिश बल्लेबाज किम बर्नेट ने अपने पहले और अंतिम, अर्थात इकलौते वनडे मैच में बहुत ही धीमी पारी खेली थी. जिसमें उन्होंने 146 गेंदों में 84 रन बनाए थे. ये पारी थी तो बहुत धीमी, लेकिन उनकी पारी के दम पर टीम ने इस मैच में जीत भी दर्ज की थी. दरअसल यह पारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बिना एक भी बाउंड्री के यह तीसरी सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी है. जी हां बर्नेट ने ना तो एक भी चौका लगाया था और ना ही एक भी छक्का.

4. डेसमंड हैंस (76 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया)

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इस लिस्ट में अगला नाम आता है वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाजों में गिने जाने वाले डेसमंड हैंस का. जिन्होंने 1985 में बिना एक भी चौके या छक्के की मदद से 50+ का स्कोर बनाया था. बात बेंसन एंड हेज वर्ल्ड सीरीज कप के फाइनल मैच की है. जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए 178 रन बनाए थे और फिर वेस्टइंडीज ने डेसमंड हैंस के 133 गेंदों में 76 रनों की बदौलत मैच जीत लिया था. गजब की बात यह थी की हैंस की इस पारी में एक भी बार गेंद सीमारेखा के पार नहीं गई थी.

5. जीन पॉल डुमिनी (71 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया)

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दक्षिण अफ्रीका के विस्फोटक बल्लेबाजों में गिने जाने वाले और अधिकतर समय मध्यक्रम में खेलने वाले जीन पॉल डुमिनी ने भी बिना एक भी बाउंड्री के अर्धशतक लगाया है. जी बात 2009 की है जब दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी. दोनों टीमों के बीच खेले गए पहले एकदिवसीय Cricket मैच में डुमिनी ने 93 गेंदों में 74 रन बनाकर टीम को जीत दिला दी थी. वो भी जीरो बाउंड्री के साथ. आपको बता दें कि उनकी यह पारी पिछले पंद्रह सालों में बिना बाउंड्री के इकलौती अर्धशतकीय पारी है.

महेंद्र सिंह धोनी एकदिवसीय क्रिकेट जहीर अब्बास