4 भारतीय खिलाड़ी जिन्हें टेस्ट से संन्यास लेकर सीमित ओवर पर लगाना चाहिए ध्यान
Published - 30 Apr 2020, 09:22 AM

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मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट टीम को विश्व क्रिकेट की सबसे मजबूत और ताकतवर टीमों में से एक माना जाता हैं. बात चाहे किसी भी प्रारूप की क्यों ना हो, टीम इंडिया का कोई जवाब नहीं हैं. टेस्ट, एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 फॉर्मेट में भारतीय टीम के खिलाड़ी लगातार अपने अच्छे और दमदार प्रदर्शन से देश का नाम रोशन कर रहे हैं.
भारतीय टीम में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी मौजूद हैं. कुछ खिलाड़ी तो ऐसे हैं, जो वनडे और टी-20 क्रिकेट में टीम इंडिया का सबसे अहम हिस्सा है या रहे है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट टीम से एक लम्बे समय से बाहर है. इस लेख के माध्यम से आज हम आपको ऐसे ही चार स्टार भारतीय खिलाड़ियों के नाम के बारे में बताने जा रहे है, जिनको टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेकर अपने एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 क्रिकेट करियर पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
आइये डालते हैं, एक नज़र ऐसे ही चार भारतीय खिलाड़ियों के नाम पर :
# सुरेश रैना
इस सूची में सबसे पहला नाम बाएं हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैना का आता है. कहने को तो सुरेश रैना के टेस्ट करियर का आगाज बेहद ही शानदार और सबसे यादगार हुआ था, लेकिन इस फॉर्मेट में वह लम्बे समय तक टीम इंडिया के साथ ना रहे सके. सुरेश रैना ने अभी तक देश के लिए कुल 18 टेस्ट मैच खेले हैं और इस दौरान वह 26.48 की औसत के साथ मात्र 768 रन बनाने में सफल हुए.
32 वर्षीय सुरेश रैना के नाम पर टेस्ट क्रिकेट में एक शतक और 7 अर्द्धशतक दर्ज है. सुरेश रैना ने अपना सबसे पहला टेस्ट मैच साल 2010 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था और अपने टेस्ट डेब्यू पर ही रैना ने लाजवाब शतक बनाया था. रैना ने अपना अंतिम टेस्ट साल 2015 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध खेला था.
हाल फिलहाल के समय में सुरेश रैना के टेस्ट क्रिकेट में वापसी के कोई भी आसार नजर नहीं आते है. ऐसे में वह टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेकर वनडे और टी-20 में वापसी पर ध्यान लगा सकते हैं.
# पार्थिव पटेल
इस सूची में सबसे अगला नाम टीम इंडिया के बाएं हाथ के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल का आता है. साल 2002 में इंग्लैंड के विरुद्ध अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले पार्थिव पटेल को भी टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेकर अपने आगे के करियर के बारे में सोचना चाहिए.
मौजूदा समय में पार्थिव पटेल 34 वर्ष के हो गये है और भविष्य को ध्यान में रखा जाये तो अब उनके टीम में वापसी के रास्ते भी बहुत ही कम नजर आते है. मौजूदा समय में टीम के साथ बतौर विकेटकीपर ऋषभ पन्त और रिद्धिमान साहा जुड़े हुए है और अन्य विकल्प के रूप में टीम की निगाहों में केएस भरत, संजू सैमसन और केएल राहुल जैसे नाम तैयार बैठे हुए है.
ऐसे में टेस्ट में वापसी का इरादा देख रहे पार्थिव पटेल को अब टेस्ट से सन्यास लेकर वनडे और टी20 क्रिकेट पर ध्यान देना चाहिए. पार्थिव पटेल ने टीम इंडिया के लिए 25 टेस्ट मैच खेले है और इस दौरान उनके बल्ले से 31.13 की औसत के साथ 934 रन आये है. टेस्ट में पार्थिव पटेल के नाम पर छह अर्द्धशतक भी दर्ज है.
# अमित मिश्रा
अपने पहले ही टेस्ट मैच में पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाने वाले अमित मिश्रा का नाम भी इस शुमार है. 37 वर्षीय अमित मिश्रा मौजूदा समय में हरियाणा के लिए टीम के कप्तान है और टीम इंडिया में वापसी की राहें तलाश रहे है.
अमित मिश्रा को अभी अब टेस्ट क्रिकेट में अपनी वापसी की उम्मीदें छोड़कर एकदिवसीय या सिर्फ टी20 क्रिकेट में वापसी के बारे में विचार करना चाहिए. अमित मिश्रा के टेस्ट में वापसी के आसार भी बेहद ही कम नजर आते है, एक तो उनकी बढ़ती उम्र ऊपर से घरेलू क्रिकेट में युवा स्पिन गेंदबाजों का शानदार प्रदर्शन उनकी वापसी में बाधा खड़ी कर सकता है.
अमित मिश्रा ने टीम इंडिया के लिए अपना अंतिम टेस्ट मैच साल 2016 दिसम्बर में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था. अभी तक मिश्रा देश के लिए 22 टेस्ट मैचों में 76 विकेट हासिल कर चुके है. वैसे आप सभी की जानकारी के लिए बता दे, कि अमित मिश्रा को टक्कर देने के लिए मयंक मार्कंडे और राहुल चाहर जैसे युवा स्पिन गेंदबाज टीम के दरवाजे पर लगातार दस्तक दे रहे हैं.
# शिखर धवन
इस सूची में सबसे अंतिम नाम टीम इंडिया के अनुभवी बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन का आता है. शिखर धवन भी उन खिलाड़ियों में से एक है जिनकी अब टेस्ट टीम में वापसी के आसार बेहद ही कम नजर आते है. ऐसे में शिखर धवन के बारे में भी यह कहा जा सकता है कि उनको टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर सीमित ओवर के खेल पर ध्यान देना चाहिए.
शिखर धवन के टेस्ट में वापसी के अवसर इसलिए कम नजर आते है, क्योंकि मौजूदा समय में टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज (रोहित शर्मा और मयंक अग्रवाल) बहुत ही अच्छा कर रहे है और बाकी खिलाड़ियों में टीम के पास युवा शुभमन गिल, बैन के साथ वापसी कर चुके पृथ्वी शॉ, अभिमन्यु ईश्वरन और प्रियांक पांचाल जैसे नाम मौजूद है जिन पर चयनकर्ता जरूरत पड़ने पर विचार कर सकते है.
शिखर धवन की उम्र भी उनकी टेस्ट क्रिकेट की वापसी में बाधा पैदा कर सकती है. शिखर धवन अभी 33 वर्ष के हो चुके है और विदेशी सरजमीं पर उनका प्रदर्शन भी लाल गेंद के साथ ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहा है. शिखर ने भारत के लिए अभी तक कुल 34 टेस्ट मैच खेले है और 40.61 की औसत के साथ 2315 रन आये है.