6,6,6,6,6,6,6..... 39 छक्के, 14 चौके, T20 क्रिकेट में भारत के इस विस्फोटक बल्लेबाज ने ठोका तिहरा शतक, जानें किस टूर्नामेंट में किया कारनामा
Published - 09 Dec 2025, 10:19 AM | Updated - 09 Dec 2025, 10:21 AM
भारत में क्रिकेट और जुनून का ऐसा रिश्ता है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। यहाँ क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि भावनाओं का संगम है। इंटरनेशनल स्तर पर अनेक भारतीय खिलाड़ी अपनी बल्लेबाजी से दुनिया को चकित कर चुके हैं, लेकिन कभी-कभी ऐसा कमाल घरेलू या लोकल टूर्नामेंट में भी देखने को मिल जाता है, जिसे सुनकर यकीन करना मुश्किल होता है।
T20 जैसे तेज़ फॉर्मेट में जहाँ बल्लेबाजों के लिए शतक भी बड़ी उपलब्धि माना जाता है, वहीं एक भारतीय बल्लेबाज ने इसी प्रारूप में तिहरा शतक ठोककर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा दिया। यह कारनामा एक ऐसे खिलाड़ी ने किया जो भले ही भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट न खेल पाया हो, लेकिन रिकॉर्ड बुक में हमेशा याद किया जाता रहेगा।
T20 क्रिकेट में तिहरे शतक की हैरतअंगेज़ उपलब्धि
T20 क्रिकेट का फॉर्मेट 120 गेंदों का होता है और आमतौर पर बल्लेबाज 60–80 गेंदों तक ही खेलने का मौका पाते हैं। ऐसे में 200 से ऊपर स्कोर करना भी असाधारण माना जाता है। लेकिन दिल्ली के युवा बल्लेबाज मोहित अहलावत ने इस सीमा को पूरी तरह तोड़ दिया। उन्होंने एक लोकल T20 मैच में 72 गेंदों में 300 रन ठोक दिए। यह उपलब्धि क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं थी।
तेजतर्रार स्ट्रोकप्ले, आक्रामक मानसिकता और लगातार बड़े शॉट्स खेलने की क्षमता ने इस पारी को ऐतिहासिक बना दिया। बल्लेबाज के सामने गेंदबाज पूरी तरह बेबस नजर आए और मैदान में मौजूद दर्शक समझ नहीं पाए कि यह असल क्रिकेट है या किसी फिल्म की कहानी।
39 छक्कों और 14 चौकों से सजा तिहरा शतक
यह बात हैं 2017 की जब मावी इलेवन और फ्रेंड्स क्लब के बीच खेले गए मुकाबले में मोहित की विस्फोटक बल्लेबाजी ने सबको चौंका दिया। उन्होंने 300 रन बनाने के लिए कुल 39 छक्के और 14 चौके लगाए, यानी सिर्फ बाउंड्री से ही 300 में से 282 रन आए।
उनकी बल्लेबाजी का आक्रमण ऐसा था कि गेंदबाजों के लिए लाइन-लेंथ बनाना असंभव हो गया। मात्र 21 वर्ष की उम्र में ऐसी पारी खेलना यह दिखाता है कि उनमें कितना स्वाभाविक टैलेंट और निडरता मौजूद थी। इस पारी की बदौलत मावी इलेवन ने सिर्फ 20 ओवर में 416 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया, जो किसी भी T20 मुकाबले में बेहद दुर्लभ है।
इंटरनेशनल नहीं, पर रिकॉर्ड बुक में अमर
यह मुकाबला भले ही किसी मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं था, लेकिन मोहित अहलावत का यह तिहरा शतक आज भी क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय है।
क्रिकेट विश्लेषकों ने भी माना कि T20 जैसे सीमित गेंदों वाले फॉर्मेट में तिहरा शतक लगाना सिर्फ ताकत की बात नहीं बल्कि असाधारण टाइमिंग, फिटनेस और निरंतरता की मांग करता है।
यह पारी इस बात का प्रमाण है कि भारत में क्रिकेट का टैलेंट कितनी गहराई तक फैला हुआ है और अनेक खिलाड़ी ऐसे हैं जो सही अवसर मिलने पर बड़े प्लेटफॉर्म पर धमाल मचा सकते हैं।
इंटरनेशनल करियर का सपना रह गया अधूरा
मोहित अहलावत दिल्ली की टीम के लिए घरेलू क्रिकेट खेल चुके हैं और वर्तमान में सर्विसेज़ की ओर से खेलते हैं। घरेलू क्रिकेट में उनका करियर स्थिर रहा लेकिन चयन की प्रतिस्पर्धा के कारण उन्हें टीम इंडिया की जर्सी पहनने का मौका नहीं मिल पाया। उन्होंने 14 फर्स्ट क्लास मैचों में 386 रन बनाए, 31 लिस्ट ए मैचों में 836 रन और 22 टी20 मुकाबलों में 492 रन जोड़े।
भले ही अंतरराष्ट्रीय मंच तक उनका सफर नहीं पहुंच सका हो, लेकिन T20 क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाली वह ऐतिहासिक पारी हमेशा भारतीय क्रिकेट के अनसुने लेकिन अविश्वसनीय किस्सों में से एक रहेगी। यह कहानी इस बात की मिसाल है कि असाधारण प्रतिभा अक्सर उन मैदानों में भी जन्म लेती है जो कैमरों की चमक से दूर होते हैं।
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यह लेखक Cricketaddictor का एक सदस्य है जो क्रिकेट से जुड़ी खबरों और विश्लेषण पर लिखता है।