पिता से बगावत से लेकर रांची में राज तक... दूसरे एमएस धोनी बनेंगे ध्रुव जुरेल? ये 3 कारण दे रहे हैं ईशारा

author-image
Mohit Kumar
New Update
पिता से बगावत से लेकर रांची में राज तक... दूसरे MS Dhoni बनेंगे Dhruv Jurel? ये 3 कारण दे रहे हैं ईशारा

रांची, क्रिकेट और विकेटकीपर... ये 3 शब्द सुनते ही दिमाग में सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की तस्वीर बनती है। 20 साल पहले उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी में कदम रखते ही इन 3 शब्दों की व्याख्या देश और दुनिया के लिए बदल कर रख दी। वहीं अब इस कहानी में ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) नाम के सितारे की भी एंट्री हो चुकी है।

भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट मैच में 90 रन की पारी खेलकर उन्होंने एमएस धोनी की झलक दिखा दी है। टीम इंडिया संकट में थी और उन्होंने बल्ला उठाकर कहा "मैं हूं ना"। धोनी की तरह जुरेल की कहानी भी 3 बिन्दुयों से शुरू होती है। आइए जानते हैं...

Dhruv Jurel ने पिता की इच्छा के बिना खेला क्रिकेट

Dhruv Jurel Dhruv Jurel

एमएस धोनी की तरह ही ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) के पिता भी उनके क्रिकेट खेलने के खिलाफ थे। लेकिन बचपन से ही जिद्दी जुरेल ने पिता से बगावत कर क्रिकेट का हाथ थामा। शुरुआत में उन्हें तैराकी का शौक था, पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं होने के कारण वे अक्सर तैराकी के लिए क्लास को छोड़ दिया करते थे। धीरे-धीरे उनका मन स्विमिंग से हटकर क्रिकेट की ओर बढ़ने लगा।

आर्मी स्कूल में पढ़ने वाले ध्रुव (Dhruv Jurel) के पिता को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने बेहद गुस्सा किया। समय बीत जाने के बाद उन्होंने अपने बेटे की जिद्द के आगे हार मान ली और क्रिकेट को महज शौक के तौर पर खेलने की इजाजत दे दी। पिता पूरी तरह से उनके क्रिकेट खेलने से खुश नहीं थे। लेकिन फिर भी जब बेटे को क्रिकेट का बैट चाहिए था तो उन्होंने अपने दोस्त से 800 रुपये उधार लेकर बल्ला खरीदा।

यह भी पढ़ेंजो रूट के विकेट पर मचा बवाल, अंग्रेजों ने भारत की ईमानदारी पर उठाए सवाल, रांची में हो गया खेला

सरकारी नौकरी से मोड़ा मुंह

Dhruv Jurel Dhruv Jurel

ध्रुव जुरेल और एमएस धोनी के बीच एक और समानता है भी है कि दोनों ने सरकारी नौकरी को किनारे कर क्रिकेट खेलने का मन बना लिया। एक तरफ जहां धोनी अपने रेलवे की नौकरी छोड़ आए थे तो ध्रुव ने आर्मी और पुलिस की नौकरी से मुंह मोड़ लिया था। ध्रुव जुरेल के पिता कारगिल के युद्ध में सैनिक थे।

जिसके चलते वे चाहते थे कि उनका बेटा भी देश सेवा में अपना जीवन का योगदान दे। क्रिकेट के अलावा पिता ने उन्हें हमेशा ही एक सरकारी नौकरी की ओर प्रोत्साहित किया। जिसमें अव्वल नंबर पर पुलिस या आर्मी की नौकरी थी। लेकिन ध्रुव का मन तो क्रिकेट में अटका था। उन्होंने पिता की सारी बातों को अनसुना कर क्रिकेट पर ही अपना ध्यान केंद्रित किया।

यह भी पढ़ें“90 रन की पारी, 100 शतक पर भारी”, ध्रुव जुरेल के 90 रन पर भारतीय फैंस ने जमकर लुटाया प्यार, अश्विन-कुलदीप ने भी लूटी महफिल

रांची से चमका सितारा

Dhruv Jurel की 90 रन की पारी ने बर्बाद किया इन 3 खिलाड़ियों का करियर, अब कभी नहीं आएंगे टीम इंडिया में नजर Dhruv Jurel की 90 रन की पारी ने बर्बाद किया इन 3 खिलाड़ियों का करियर, अब कभी नहीं आएंगे टीम इंडिया में नजर

रांची के राजकुमार कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी की किस्मत उनके शहर से ही चमकी। वहीं ध्रुव जुरेल भी अब रांची में इतिहास रच चुके हैं। किसने सोच था कि रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ केएस भरत को ड्रॉप कर 23 वर्षीय विकेटकीपर को पदार्पण रकने का मौका देंगे। जबकि सीरीज तराजू पर खड़ी थी और सामने इंग्लैंड हुंकार भर रही थी।

लेकिन रांची से ही उनके सुनहरे करियर की शुरुआत होनी थी। यहां उन्होंने 90 रन की पारी खेलकर भारत को हार के मुंह से निकाला जब अंग्रेजों की पहली पारी में बनाए गए 353 रन के आंकड़े के जवाब में भारत ने 7 विकेट सिर्फ 177 रन पर खो दिए। उन्होंने निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ मिलकर रन जोड़े जिसमें एमएस धोनी खूब माहिर थे।

यह भी पढ़ेंVIDEO: सरफराज खान बने सुपरमैन, मुंह के बल डाइव लगाकर जमीन से 2 इंच ऊपर लपकी गेंद, फिर फैंस को दी FLYING KISS

MS Dhoni Ind vs Eng Dhruv Jurel