अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के 3 सबसे स्वार्थी कप्तान, नंबर 1 है सबसे ख़ास

Published - 06 Sep 2020, 12:52 PM

खिलाड़ी

क्रिकेट एक टीम का खेल है, जिसमें एक टीम को जिताने के लिए सभी 11 खिलाड़ियों का योगदान देना आवश्यक है. हालांकि, कप्तान ड्रेसिंग रूम में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है, हर टीम के खेलने की शैली में अक्सर उनके कप्तान के स्वभाव की झलक देखने को मिलती है. किसी भी क्रिकेट टीम में कप्तान का होना बेहद जरुरी होता है.

क्योंकि लीडर के बिना पूरी टीम आधी रहती है. कप्तान की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि कप्तान ही मैदान पर टीम की दशा और दिशा तय करते हैं. यही कारण है कि जब टीम मैच हारती है या जीतती है तो बात कप्तान पर आकर ही रुकती है. आपने बहुत से ऐसे कप्तानों के बारे में सुना होगा जिन्होंने अपनी कप्तानी के दौरान टीम को एकजुट होकर खलने के गुण सिखाये जिसके कारण टीम को अपर सफलता हासिल हुई.

वहीं इसके दूसरी तरह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसे भी कप्तान आये जिन्होंने अपने स्वार्थ के लिए टीम में अनेकता फैलाई. इसी को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको इस विशेष लेख के माध्यम से बताएँगे कि किन 3 खिलाड़ियों की गिनती अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे स्वार्थी कप्तान में होती है.

3, शाहिद अफरीदी

पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज कप्तान शाहिद अफरीदी को उनके आक्रामक रवैये के लिए विश्व भर में जाना जाता है. हालाँकि अफरीदी अपनी बल्लेबाजी से ज्यादा अन्य खिलाड़ियों के साथ विवादों के कारण सुर्ख़ियों में रहते हैं. जब भी किसी भारतीय के सामने शाहिद अफरीदी का नाम लिया जाता है तो सभी मन में सबसे पहले अफरीदी और गौतम गंभीर की वो विवादित लडाई की छवि आ जाती है.

अफरीदी दूसरे देश के खिलाड़ियों के साथ झगड़े की वजह से तो विवादों में आते ही थे, लेकिन उनके संबंध कभी भी उनके खुद की टीम के खिलाड़ियों से मधुर नहीं रहे. उनकी ही टीम के पूर्व ऑलराउंडर खिलाड़ी इमरान फ़रहात ने एक स्वार्थी कप्तान करार दिया था. इसके अलावा यूनिस खान जैसे खिलाड़ी से भी अफरीदी का विवाद हुआ है.

कप्तान के तौर पर अफरीदी हमेशा ही अपने पसंद के खिलाड़ियों को ज्यादा मौके देते थे. विश्वकप 2011 के सेमीफाइनल में अफरीदी ने शोएब अख्तर को हटाकर वहाब रियाज को टीम में रखा था जिसके बाद काफी विवाद हुआ था.

2, स्टीव वाँ

स्टीव वाँ को ऑस्ट्रेलिया के ऑल टाइम महान कप्तानों में शुमार किए जाते हैं. उन्होंने साल 1985 में भारत के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था. इसके एक साल बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया की वनडे टीम में शामिल किया गया. स्टीव साल 1987 के वर्ल्ड कप में पहली बार सुर्खियों में आए जब उन्होंने डेथ ओवर्स में कसी हुई गेंदबाजी की.

इसके चलते उन्हें ‘आइसमैन’ का टैग दिया गया. खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 7 रन से हराकर वर्ल्ड कप अपने नाम किया. हालाँकि वाँ को को उनके ही टीम के ख़िलाड़ी स्वार्थी मानते हैं. ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर शेन वॉर्न ने कुछ समय पहले अपने ही देश के कप्तान स्टीव वॉ को 'स्वार्थी क्रिकेटर' कहा था.

1, स्टीव स्मिथ

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ का नाम इस लिस्ट में पहले नंबर पर आता है. स्मिथ इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज हैं. कम से कम 50 टेस्ट मैच खेलने वाले बल्लेबाज के बीच, स्टीव स्मिथ का 62.84 का औसत सर डॉन ब्रैडमैन के अवास्तविक 99.94 के बाद दूसरा सबसे बेस्ट औसत है.

एक लेग-स्पिनर के रूप में शुरू किए गए करियर में स्मिथ ने एक बल्लेबाज के रूप में नई उचाईयों को छुआ. 2014 के बाद इस बल्लेबाज ने 71.91 के औसत से बल्लेबाजी की. इतन शानदार करियर के बावजूद स्मिथ पर बॉल टेम्परिंग का कलंक लगा जो शायद वो कभी भी भूल न सकें. और इस दौरान स्मिथ टीम के कप्तान भी थे.

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस मामले में फंसे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट स्टीव स्मिथ और पूर्व उपकप्तान डेविड वार्नर पर एक साल का बैन लगाया, जबकि बैनक्राफ्ट पर नौ महीने का प्रतिबंध लगाया गया था. इन सब के बीच स्मिथ को स्वार्थी इसलिए बताया गया क्योंकि उन्होंने एक युवा बल्लेबाज को इस विवाद का सबसे बड़ा विलन दिखाया. जबकि खुद सभी की नजर में केवल कप्तान के तौर पर आरोपी रहे.

दरअसल केपटाउन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन ऑस्ट्रेलियाई ओपनर कैमरन बेनक्रॉफ्ट बॉल टेंपरिंग करते हुए पकड़े गए थे, बेनक्रॉफ्ट को मैच के दौरान अपने ट्राउजर से पीले रंग की चीज निकालते देखा गया. जबकि यदि स्मिथ को ये सब पता था तो वह खुद भी तो ऐसा कर सकते थे. उन्होंने युवा बेनक्रॉफ्ट को इसमें सबसे बड़ा विलन बना दिया.

Tagged:

शाहिद अफरीदी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट