इन 3 नियमों में बदलाव बना सकते हैं IPL 2023 को और भी रोमांचक, बेहद दिलचस्प हैं ये नए रूल्स

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Manvi Nautiyal
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29 मई को IPL के 15वां एडीशन (IPL 2022) के फाइनल में राजस्थान रॉयल्स को 7 विकेट से हराकर हार्दिक पांड्या की गुजरात टाइटंस ने ट्रॉफी अपने नाम कर ली। यह एक रिकॉर्ड तोड़ने वाला सीजन था जिसमें आईपीएल के एक सीजन में सबसे ज्यादा छक्के मारे गए थे।

टूर्नामेंट शुरू होने से पहले बीसीसीआई ने मौजूदा नियमों में कुछ बदलाव किए थे। जिसमें से सबसे अहम नियम था रिव्यू के नियम में बदलाव। पहले प्रत्येक पारी में टीमों को केवल दो रिव्यू की अनुमति थी। लेकिन आईपीएल 2022 (IPL  2022) में प्रत्येक टीम को दो रिव्यू मिले, यानी पूरे मैच में कुल चार रिव्यू।

एक और बदलाव जो बीसीसीआई ने आईपीएल 2022 (IPL  2022) में किया था वो ये था कि अगर बल्लेबाज आउट हो जाता है, तो नए बल्लेबाज को स्ट्राइक लेना होगा. फिर चाहे आउट होने वाले बल्लेबाज ने स्ट्राइक दूसरे बल्लेबाज को ही क्यों ना दे दी हो।

इन बदले हुए नियमों की वजह से आईपीएल 2022 (IPL 2022) और भी दिलचस्प बन गया था। ऐसे में अब बीसीसीआई आईपीएल 2023 (IPL 2023) को भी रोमांचक बनाने के लिए नियमों में बदलाव कर सकती है। इस आर्टिकल के जरिए हम उन 3 नियमों में बदलाव की बात करेंगे जिससे अगला सीजन (IPL 2023) और भी शानदार और दिलचस्प हो जाएग....

इन 3 नियमों में बदलाव बना सकते हैं IPL 2023 को और भी दिलचस्प

स्लॉग ओवरों में 30 गज घेरे में ज्यादा फील्डर्स की अनुमति

ipl 2022

अगर आईपीएल 2023 (IPL 2023) को और दिलचस्प बनाना है तो , बीसीसीआई को सबसे बड़ा बदलाव फील्डिंग में लाना होगा। दरअसल आईपीएल के मौजूदा नियम के मुताबिक, पावरप्ले में 30 गज के घेरे के बाहर सिर्फ दो फील्डर्स को ही फील्डिंग करने की अनुमति है।

लिहाजा बल्लेबाज पारी के शुरुआती चरण में फील्ड रेस्ट्रिक्शन का पूरा फायदा उठाते हैं। ऐसे में अगर 16 से 20 के ओवर के बीच बाउन्ड्री में एक और फील्डर की अनुमति दी जानी चाहिए। मौजूदा समय में पहले छह ओवर के बाद पांच फील्डर्स को रिंग से बाहर जाने की अनुमति है।

एक एक्स्ट्रा फील्डर की उपस्थिति बल्लेबाजों को शानदार शॉट्स लगाने के बारे में पर मजबूर कर सकते हैं, जिससे गेंदबाजों को आउट करने का मौका मिलेगा। नियम गेंदबाजों को फायदा दे सकता है, लेकिन जिस खेल में बल्ले का दबदबा होता है, उसमें यह नियम बिल्कुल सही है।

सब्सीट्यूट फील्डर को तीन ओवर के लिए फील्ड पर रहने की अनुमति

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अगला बदलाव भी फील्डिंग को लेकर है और ये बदलाव कोन्टरोवर्सियल हो सकता है। मौजूदा नियम के अनुसार अगर कोई गेंदबाज चोटिल हो जाता है तो उसके एक ओवर कंप्लीट करने के बाद, उसको फील्ड से बाहर भेज दिया जाता है। ऐसे में जो फील्डर बेंच पर बैठा होता है वह मैदान पर आकर मोर्चा संभालता है।

यदि कोई खिलाड़ी मैच खेलने के लिए पर्याप्त रूप से फिट है, तो उसे खेल में भी फील्डिंग करने में सक्षम होना चाहिए, चाहे उनकी भूमिका कुछ भी हो। आईपीएल प्रत्येक पारी में दो स्ट्रेटजिक टाइमआउट की अनुमति देता है जो खिलाड़ियों को आवश्यक ब्रेक प्रदान करता है, इसलिए खिलाड़ियों के लिए अतिरिक्त ब्रेक की कोई आवश्यकता नहीं है, खासकर खेल के सबसे छोटे प्रारूप में।

नए नियम के मुताबिक चोटिल हुए फील्डर को केवल तीन ओवरों के लिए पिच पर रहने की अनुमति देगा जब तक कि किसी खिलाड़ी को गंभीर चोट न लगे। किसी आपात स्थिति में खिलाड़ी का मैदान छोड़ना स्वाभाविक है, और उस कारण से एक स्थानापन्न क्षेत्ररक्षक को अनुमति दी जानी चाहिए। लेकिन वह क्षेत्ररक्षक एक पारी में तीन ओवर तक क्षेत्ररक्षण करने के बाद पिच पर नहीं रहना चाहिए।

गेंदबाजी टीम द्वारा धीमी ओवर गति के मामले में बल्लेबाजी करने वाली टीमों को बोनस रन मिलने चाहिए

Faf Du Plesis-Virat Kohli

अगला नियम है कि गेंदबाजी टीम द्वारा धीमी ओवर गति के मामले में बल्लेबाजी करने वाली टीमों को बोनस रन मिलने चाहिए। एक गेंदबाजी टीम को अपना 20 ओवर का कोटा पूरा करने के लिए एक समय सीमा तय की गई है। यदि टीम ऐसा करने में विफल रहती है, तो उन्हें धीमी ओवर गति के लिए उस पर जुर्माना लगाया जाता है।

आईपीएल की आचार संहिता के अनुसार, गेंदबाजी टीम के कप्तान पर पहली बार अपराध करने पर 12 लाख का जुर्माना लगाया जाता है। यदि अपराध दोहराया जाता है, तो कप्तान पर 24 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा, और शेष दस खिलाड़ियों को छह-छह लाख या उनकी मैच फीस का 25%, जो भी कम हो, जुर्माना लगाया जाएगा।

हालांकि जुर्माना काफी गंभीर लग सकता है, जब तक वे अपने गेम जीतते हैं, टीमें आमतौर पर जुर्माना अदा करने से मना नहीं करती हैं। एक सीज़न में एक से अधिक मौकों पर धीमी ओवर-रेट के लिए एक टीम के दोषी होने के कई उदाहरण हैं।

चूंकि अपराध क्रिकेट के मैदान पर होता है, इसलिए टीमों को पिच पर ही दंडित किया जाना चाहिए। यदि एक गेंदबाजी टीम एक पारी के दौरान धीमी ओवर गति बनाए रखती है, तो बल्लेबाजी करने वाली टीम को बोनस रन का उपहार दिया जाना चाहिए। यह गेंदबाजों पर कठोर लग सकता है, लेकिन यह कप्तानों को निर्धारित समय सीमा में अपनी पारी समाप्त करने के लिए प्रेरित करेगा।

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