Ruturaj Gaikwad: एशियन गेम्स 2023 (Asian Games 2023) के लिए बीसीसीआई (BCCI) ने 15 सदस्यीय टीम का ऐलान कर दिया है. अजीत अगरकर की अगुआई वाली चयन समिति ने एशियन गेम्स के लिए चुनी गई टीम इंडिया (Team India) का कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ को बनाया है. इस फैसले ने क्रिकेट फैंस और एक्सपर्ट्स को थोड़ा हैरान किया है. ऋतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) को क्रिकेट के विशेषज्ञ और क्रिकेट फैंस बतौर खिलाड़ी तो टीम में चाहते हैं लेकिन बतौर कप्तान उन्हें बेहतर विकल्प नहीं मानते. आईए जानते हैं वो तीन कारण जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि वो टीम इंडिया की कप्तानी के बेहतर विकल्प फिलहाल नहीं हैं.
टीम इंडिया में जगह पक्की नहीं
कप्तानी किसी ऐसे खिलाड़ी को सौंपी जाती है जिसका क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में जगह पक्का हो या फिर उसने किसी एक फॉर्मेट का चयन खुद अपने लिए किया हो और लंबे समय से खेल रहा हो. ऋतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) बल्लेबाज अच्छे हैं लेकिन उनकी जगह टेस्ट, वनडे या फिर टी 20 किसी भी फॉर्मेट में तय स्थाई अभी नहीं है. इसलिए जिस खिलाड़ी की जगह ही टीम में फिक्स न हो उसे कप्तान कैसे बनाया जा सकता है.
बड़े स्तर पर कप्तानी का अनुभव नहीं
ऋतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) को टीम इंडिया का कप्तान न बनाने की दूसरी बड़ी वजह ये है कि उनके पास बड़े स्तर पर कप्तानी करने का अनुभव नहीं है. उन्होंने IPL में भी कप्तानी नहीं की है. 2021 में उन्हें महाराष्ट्र की कप्तानी सौंपी गई थी और उनकी कप्तानी में महाराष्ट्र का प्रदर्शन अच्छा रहा है लेकिन घरेलू क्रिकेट की कप्तानी और अंतराष्ट्रीय क्रिकेट की कप्तानी बिल्कुल अलग है. इसलिए घरेलू क्रिकेट की कप्तानी के आधार पर ऋतुराज को एशियन गेम्स जैसे बड़े टूर्नामेंट में कप्तानी देना सही फैसला नहीं है.
अंतराष्ट्रीय स्तर पर रहे फ्लॉप
IPL और घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने वाले ऋतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) को टीम इंडिया में 2021 में डेब्यू का मौका मिला था लेकिन वे फ्लॉप रहे थे और टीम से बाहर हो गए थे. ऋतुराज ने अबतक 9 टी 20 मैचों में 16.88 की बेहद साधारण औसत से सिर्फ 135 रन बनाए हैं. वहीं एकमात्र वनडे में 19 रन बनाए हैं. एक ओपनर के लिए ये आंकड़े निराशाजनक हैं. यही वजह है कि वे अक्टूबर 2022 से टीम इंडिया का हिस्सा भी नहीं है. जो खिलाड़ी अंतराष्ट्रीय स्तर पर फ्लॉप रहा हो वो खिलाड़ियों को कैसे गाइड कर सकता है. इसलिए उन्हें कप्तान बनाने का फैसला समझ से परे हैं.
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