टी20 विश्वकप में खेलने के लिए भारतीय टीम का चयन किया जा चुका है। टीम में लगभग सभी महारथी खिलाड़ियों को चुना गया है, जो अंत समय तक सिर्फ मैच जीतने की ही कोशिश में लगे रहते हैं। टीम में सभी प्रकार के बेहतरीन बल्लेबाज, गेंदबाज और आलराउंडर खिलाड़ियों को शामिल किया गया है।
लेकिन, फिर भी बता दें कि टीम में एक कमी जरुर छोड़ दी गई है। एक गेंदबाजी आलराउंडर खिलाड़ी दीपक चाहर (Deepak Chahar) को भी टीम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए था, जो कि टीम के लिए रिकॉर्डधारी हैं। आपको हम बताएंगे कि क्यों उन्हें विश्वकप टीम में चुना जाना चाहिए था।
इन तीन कारणों से Deepak Chahar को टीम में चुना जाना चाहिए था
1. अच्छे आंकड़े
हम सभी जानते हैं कि भारतीय तेज गेंदबाज दीपक चाहर (Deepak Chahar) कितनी बेहतरीन गेंदबाजी करते हैं। 2019-20 में बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय टीम की तरफ से पहली बार हैट्रिक विकेट लेते हुए सिर्फ सात रन देकर छह विकेट लिए थे।
साथ ही अभी तक उन्होंने सिर्फ 14 ही मैच खेले हैं, जिनमें 7.59 की इकॉनमी के साथ उन्होंने कुल 20 विकेट लिए हैं। हालांकि अभी तक उन्हें बल्लेबाजी के मौके नहीं मिले हैं, लेकिन गेंदबाजी से वो विपक्षी टीम की कमर ऐसे ही तोड़ देते हैं, कि उनको बल्लेबाजी की जरुरत ही नहीं पड़ती है।
2. स्विंग में महारथ
Deepak Chahar को स्विंग गेंदबाजी में महारथ हासिल है। भारतीय टीम के लिए भले ही अभी तक उन्होंने सिर्फ 14 ही मैच खेले हों, लेकिन फिर भी उनकी गेंदबाजी पर संदेह नहीं किया जा सकता। दरअसल उन्होंने 5 एकदिवसीय मैचों में 6 विकेट और 55 आईपीएल मैचों में अपनी जबर्दस्त स्विंग गेंदबाजी के दम पर 53 विकेट लिए हैं। उनकी इस गेंदबाजी का नजारा हमें घरेलू टी20 और लिस्ट-ए मैचों में भी देखने को मिला है। जहां उनके खाते में क्रमशः 122 और 62 विकेट आए हैं। पिछले आईपीएल सत्र में यूएई में उन्होंने 12 विकेट भी लिए थे।
3. बल्लेबाजी में दे सकते थे योगदान
सभी जानते हैं कि Deepak Chahar ने शुरुआत तो एक गेंदबाज के तौर पर की थी, लेकिन अब वो बल्लेबाजी में भी बढ़िया प्रदर्शन करने लगे हैं। धीरे-धीरे दीपक आलराउंडर खिलाड़ियों की श्रेणी में आते जा रहे हैं। उनके घरेलू मैचों के प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा कहा जा सकता है।
अपने 48 लिस्ट-ए मैचों में 455 रन और 104 घरलू टी20 मैचों में 265 रन बना चुके हैं। ऐसे में यह अंदाजा लगाना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है कि वो टीम इंडिया के लिए बल्लेबाजी में भी मोर्चा संभाल सकते थे। हाल में श्रीलंका के खिलाफ उनकी तेजतर्रार बल्लेबाजी को कौन भूल सकता है।