ब्रिसबेन टेस्ट के पहले दिन भारतीय क्रिकेट टीम ने की ये 3 बड़ी गलतियां, जिससे बढ़ी मुश्किलें
Published - 15 Jan 2021, 09:02 AM

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जाने वाले चौथे व आखिरी टेस्ट मैच का आगाज गाबा, ब्रिस्बेन में हो चुका है। एक तरफ टीम इंडिया अपने अनुभवी खिलाड़ियों की चोट के कारण परेशान है, जिसके कारण उन्होंने गाबा टेस्ट मैच में ज्यादा से ज्यादा युवा खिलाड़ी प्लेइंग टीम का हिस्सा हैं।
आखिरी टेस्ट मैच में दोनों ही टीमें अपनी जान लगा रही हैं, क्योंकि अब तक सीरीज में 1-1 जीत हैं और ये मैच सीरीज निर्णायक होने वाला है। मगर मैच के पहले ही दिन भारतीय टीम के खिलाड़ी मैदान पर गलतियां करते नजर आए।
तो आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि पहले दिन ही दिन भारतीय क्रिकेट टीम ने तीन ऐसी बड़ी गलतियां की हैं, जिन्हें सुधारना टीम के लिए बेहद जरुरी है।
ब्रिस्बेन टेस्ट की पहली पारी में टीम इंडिया द्वारा देखने को मिली ये तीन बड़ी गलतियां
1 - कुलदीप यादव को मौका ना देना
ब्रिस्बेन टेस्ट के पहले ही दिन टीम इंडिया की सबसे बड़ी गलती टॉस के समय पर देखने को मिली। टॉस पर भारतीय टीम के कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे ने चोट के चलते बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी मे बाहर हो चुके रविंद्र जडेजा के स्थान पर वाशिंगटन सुंदर को मौका दिया।
ऐसा माना जा रहा था, कि कुलदीप यादव गाबा टेस्ट खेल सकते हैं लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला. हालांकि अश्विन के अंतिम एकादश में ना होने के बाद भी टीम मैनेजमेंट ने कुलदीप को प्लेइंग इलेवन में मौका देना जरुरी नहीं समझा।
ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर कुलदीप यादव को एक टेस्ट खेलने का मौका मिला था और उन्होंने किसी को निराश ना करते हुए पांच विकेट अपनी झोली में डाले थे। ऐसे में उनका अनुभव टीम के बहुत काम आ सकता था, लेकिन एक बार फिर से कप्तान रहाणे और टीम मैनेजमेंट की उनको बाहर रखने की सोच हर किसी कि समझ से काफी दूर रही.
2 - खराब फील्डिंग और कैच ड्रॉप करना
ब्रिस्बेन टेस्ट मैच में रहाणे एंड कंपनी की दूसरी गलती खराब फील्डिंग और कैच ड्रॉप करना रहा। जो वाकई में किसी बड़ी गलती से कम नहीं है। पहले दिन के खेल में टीम इंडिया ने दो अहम कैच छोड़े। पहला मौका 35.5वें ओवर में आया था और दूसरा 79.3 ओवर में, जब कैच टपकाए गए।
35.5वें ओवर में तेज गेंदबाज नवदीप सैनी की गेंद पर कप्तान अजिंक्य रहाणे ने मार्नम लाबुशेन का कैच छोड़ा और खास बात तो ये रही कि उस समय लाबुशेन 38 के स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे। बाद में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने टेस्ट करियर की पांचवीं और भारत के खिलाफ पहली शतकीय पारी खेली।
दूसरा अहम मौका 79.3 ओवर में अपनी ही गेंद पर तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर ने गंवाया। ठाकुर ने ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन का कैच छोड़ा। ग्रीन उस समय 19 पर खेल रहे थे और दिन का खेल खत्म होने तक उनका स्कोर नाबाद 28 रहा। उम्मीद रहेगी कि दूसरे दिन के खेल में टीम इंडिया के खिलाड़ी अच्छी फील्डिंग करेंगे और कैच भी पकड़ते दिखाई देंगे।
3 - बल्लेबाजों पर नहीं बना सके दबाव
ब्रिस्बेन टेस्ट के पहले दिन भारतीय क्रिकेट टीम की तीसरी बड़ी गलती मेजबान टीम के बल्लेबाजों पर सही समय पर दबाव बनाने नाकामयाब रहना रही। ऑस्ट्रेलिया ने अपना पहला विकेट दिन के पहले ही ओवर में डेविड वार्नर के रूप में खो दिया था ओर उसके बाद मार्कस हैरिस भी बड़ी पारी नहीं खेल सके और जल्दी आउट हो गए।
17 पर अपने दोनों सलामी बल्लेबाजों को खोने को बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम पर दबाव बनाया जा सकता था, लेकिन भारतीय गेंदबाज ऐसा करने में असफल रहे। तीसरे विकेट के लिए मार्नस लाबुशेन और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने 70 रन जोड़ टीम को मैच में वापस ला खड़ा किया।
बाद में 87 के स्कोर पर स्मिथ का विकेट खोने के बाद टीम इंडिया के गेंदबाज मैथ्यू वेड को सेट होने से पहले आउट कर सकते थे, लेकिन यहां भी चूक हो गयी और चौथे विकेट के लिए लाबुशेन और वेड ने 103 रन जोड़ लिए। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का एक के बाद एक साझेदारियां बनाना ये साफ दर्शाता है कि भारत के गेंदबाज उनपर दबाव बनाने में नाकामयाब रहे।