LSG: आईपीएल 2022 के खत्म होने में अब गिनती के दिन ही बचे हैं। 27 मई को इसका दूसरा क्वालीफायर मुकाबला खेला जाएगा और फाइनल 29 मई को होगा। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) को 14 रनों से मात देकर दूसरे क्वालीफायर मुकाबले में जगह पक्की है।
इसके अलावा गुजरात टाइटंस के हाथों 7 विकेट से मात खाने के बाद राजस्थान दूसरे क्वालीफायर मुकबले में पहुंची। वैसे तो आईपीएल की नई टीम लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) सीजन की शुरुआत में तो काफी मजबूत नजर आ रही थी, जिस वजह से उसको आईपीएल की ट्रॉफी का प्रबल दावेदार माना जा रहा था।
लेकिन लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) ने क्वालीफायर मुकाबले में जाने का मौका खुद अपनी गलतियों की वजह से गंवाया। जिसके बाद एलएसजी (LSG) का सफर इस साल यहीं समाप्त हो गया। टीम को ये हार कुछ कप्तान के फैसलों से हासिल हुई तो कुछ खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन की वजह से।
लखनऊ (LSG) ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। जोकि उनके हक में बिल्कुल भी नहीं गया। आरसीबी ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए लखनऊ (LSG) के सामने 208 रनों का पहाड़ जैसा टारगेट रख दिया। ऐसे में इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए सुपर जायंट्स (LSG) निर्धारित 20 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 193 रन ही बना सकी।
परिणामस्वरूप सुपर जायंट्स (LSG) एलिमिनेटर मैच 14 रन से हार गई। लखनऊ (LSG) से इस महत्वपूर्ण मुकाबले में काफी गलतियां भी हुई और अगर टीम अगले साल अपनी इन गलतियों को नहीं सुधरती है तो उसको एक बार फिर आईपीएल के खिताब के सपने को चकनाचूर होते हुए देखना होगा। इस आर्टिकल के जरिए हम आपको लखनऊ (LSG) की उन महत्त्वपूर्ण बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको नजरअंदाज करना टीम के लिए बहुत महंगा पड़ सकता है।
LSG को अगले सीजन इन 3 गलतियों का करना होगा सुधार
फील्डिंग में टीम को करना होगा सुधार
लखनऊ सुपर जायंट्स की हार का अहम कारण रहा उसकी फील्डिंग। सुपर जायंट्स ए रॉयल्स चैलेंजर्स बैंगलोर की पारी के दौरान इतनी खराब फील्डिंग करनी कि टीम के हाथों हार लगी। टीम न तो अच्छे से कैच पकड़ पाई और न ही रन रोक पाई। आरसीबी के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ रजत पाटीदार ने लखनऊ (LSG) के खिलाफ एलिमिनेटर में नाबाद 112 रन की एक शानदार शतकीय पारी खेली।
रजत पाटीदार को इस मुकाबले में दो जीवनदान मिले। दीपक हुड्डा और कप्तान केएल राहुल ने रजत के दो लड्डू जैसे कैच छोड़े। जिससे वह अंत तक बल्लेबाजी करते रहे और आरसीबी के स्कोर को 200 के पार ले गए। इनके अलावा मोहसिन खान की मिसफील्डिंग से दिनेश कार्तिक को खूब फायदा हुआ।
मोहसिन खान की खराब फील्डिंग के चलते कार्तिक को बाउंड्री मिली । आरसीबी की पारी के दौरान कई ऐसे पल आए जहां लखनऊ के खिलाड़ियों ने बच्चा फील्डिंग दिखाई। जिससे टीम को काफी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी और घर वापिस लौटना पड़ा। अब अगर टीम को अगले सीजन ट्रॉफी जीतने है तो उसको अपनी फील्डिंग में बदलाव लाने होंगे।
गेंदबाजी में लानी होगी धार
लखनऊ सुपर जायंट्स की गेंदबाजी भी इस अहम मुकाबले में टीम की हार का कारण बनी। टीम के गेंदबाजी पूरे सीजन तो शानदार रहे लेकिन इस मैच में वह फिसड्डी नजर आए। अगर मोहसिन खान कि गेंदबाजी को छोड़ दें, तो कई ऐसा गेंदबाज़ नहीं था जिसने 9 से कम की इकॉनमी से गेंदबाज़ी की हो।
लखनऊ ने आरसीबी के खिलाफ एलिमिनेटर मैच में गेंदबाज़ी भी काफी साधारण सी की। जिसकी वजह से रॉयल चैलेंजर्स के गेंदबाजों ने खूब रन लूटे। क्रुणाल पंड्या और रवि बिश्नोई ने मिलकर 8 ओवर में 83 रन दिए। क्रुणाल पांड्या ने तो अपने एक ओवर में 27 रन लुटाए।
श्रीलंका के अनुभवी गेंदबाज़ दुष्मंता चमीरा और आवेश खान ने मिलकर कुल 8 ओवर में 99 रन लुटाए हैं। बैंगलोर की पारी के दौरान 21 चौके और 9 छक्के देखने को मिले। यानि 138 रन बाउन्ड्रीज से बने। मोहसिन के अलावा बाकी सारे गेंदबाज़ आरसीबी के सामने फ्लॉप नजर आए। ऐसे में टीम को अगले साल अपनी गेंदबाजी में और धार लानी होगी ताकि उन्हे कोई भी आसानी से न हरा सकें।
कम से कम डॉट गेंद खेलने का करना होगा प्रयास
टी-20 क्रिकेट का एक ऐसा फॉर्मेट है जिसमें डॉट बॉल खेलना टीम के लिए गुनाह माना जाता है। और 25 मई को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ लखनऊ सुपर जायंट्स से यही गुनाह हुआ। पहले बल्लेबाजी करते हुए रॉयल चैलेंजर्स ने सुपर जायंट्स के सामने 208 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य रखा।
लखनऊ को ऐसा स्कोर चेज करना था, जिसके बाद डॉट गेंद खेलने की कोई गुंजाइश ही नहीं थी, लेकिन फिर भी लखनऊ डॉट बॉल खेली। लखनऊ ने बैंगलोर के खिलाफ 43 डॉट गेंद खेली है। जोकि टीम की हार के कारणों में से एक कारण बना। अब टीम को अगले सीजन अपने इस गेम में सुधार लाना होगा और कोशिश करनी होगी कि वह कम से कम डॉट गेंद खेलें।