RR: आईपीएल 2022 का खिताबी मुकाबला राजस्थान रॉयल्स (RR) और गुजरात टाइटंस (GT) के बीच संपन्न हुआ. इस मुकाबले में हार्दिक पांड्या की कप्तानी वाली टीम ने एकतरफा जीत दर्ज हासिल की और साथ ही ट्रॉफी को भी अपने नाम किया. वहीं 14 सालों के लंबे इंतजार के बाद फाइनल में जगह बनाने के बाद भी पिंक आर्मी के आईपीएल 2022 की ट्रॉफी अपने हाथ में उठाने का सपना चकनाचूर हो गया.
कई परीक्षाओं को पास और संघर्ष करते हुए राजस्थान रॉयल्स (RR) की टीम इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने में कामयाब हुई थी. पूरे सीजन लीग स्टेज के मुकाबलों में पिंक आर्मी के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया था. लेकिन, खिताब को अपने नाम करने में सिर्फ 1 कदम दूर रह गए. इसकी बड़ी वजह टीम के कुछ स्टार खिलाड़ी भी रहे, जिनकी वजह से फाइनल में राजस्थान का बंटाधार हो गया.
इस खास रिपोर्ट में हन उन्हीं 3 बड़े खिलाड़ियों की बात करने जा रहे हैं जो राजस्थान रॉयल्स (RR) की हार के विलेन साबित हुए और इनके खराब प्रदर्शन की वजह से टाइटल अपने नाम करते-करते पिंक आर्मी रह गई.
1. संजू सैमसन
इस लिस्ट में पहला नाम राजस्थान रॉयल्स (RR) के कप्तान संजू सैमसन (Sanju Samson) का नाम आता है जो अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं. फाइनल मुकाबले में उनसे एक कप्तानी पारी की उम्मीद की गई थी. लेकिन इन उम्मीदों पर उन्होंने पूरी तरह से पानी फेर दिया. टॉस जीतकर सैमसन ने बल्लेबाजी का फैसला किया था और उनका यह निर्णय उन्हीं के खिलाफ साबित हुआ.
पहले टारगेट सेट करने उतरी आरआर के बल्लेबाज विरोधी गेंदबाजों के सामने घुटने टेकते हुए नजर आए. टीम का टॉप ऑर्डर तो फेल रहा ही साथ ही मध्यक्रम और लोअर ऑर्डर भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा सका. मुश्किल समय में जब सैमसन को सूझबूझ से काम लेते हुए बल्लेबाजी करने की जरूरत थी तो उन्होंने एक गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर अपना विकेट (14 रन बनाकर) आसानी से फेंक दिया.
उनके कुछ फैसले भी मैच में राजस्थान के खिलाफ साबित हुए. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि फाइनल में रॉयल्स की हार के सबसे बड़े विलेन खुद टीम के कप्तान सैमसन रहे.
2. शिमरोन हेटमायर
राजस्थान रॉयल्स (RR) के लिए आईपीएल 2022 के इस सीजन में कई मैचों में संकटमोचन हनुमान साबित होने वाले शिमरोन हेटमायर (Shimron Hetmyer) अपनी ताबड़तोड़ हिटिंग बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं. लेकिन, वो इस तरह से निराश करेंगे इसकी शायद किसी ने कल्पना तक नहीं की थी. वेस्टइंडीज से वापसी के बाद से ही उनका बल्ला शांत रहा है और फाइनल में भी वही देखने को मिला. जब उनके बल्ले से एक सम्मानजनक रन की दरकार थी उन्होंने टीम की नइया को बीच मजधार में छोड़ दिया.
यहां से पिंक आर्मी का डूबना तय था और हुआ भी कुछ ऐसा. अंत में रियान पराग का बल्ला चला और न ही आर अश्विन अपने बल्ले से कमाल दिखा सके. फाइनल में बल्लेबाजी करने उतरे शिमरोन हेटमायर 11 गेंदों का सामना करते हुए सिर्फ 12 रन बनाकर आउट हो गए. सिर्फ बल्लेबाजी से ही उन्होंने निराश नहीं किया बल्कि फिल्डिंग में भी उन्होंने खई बड़ी गलतियां की जिससे मैच का रूख राजस्थान के पक्ष में आ सकता था.
फाइनल मैच में हेटमायर ने 2 अहम कैच छोड़े, जो फ्रेंचाइजी को भारी भी पड़ा और इसका खामियाजा पिंक आर्मी को हारकर चुकाना पड़ा. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि फाइनल में आरआर (RR) के हार के दूसरे सबसे बड़े विलेन हेटमायर साबित हुए.
3. युजवेंद्र चहल
राजस्थान रॉयल्स (RR) के लिए इस साल अपनी गेंदबाजी से धमाल मचाने वाले युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) का नाम अनुभवी गेंदबाजों में गिना जाता है. इस साल उन्होंने अपने अनुभव का शानदार मुजायरा पेश किया. लेकिन, आखिरी के 2-3 मुकाबलों में किस्मत उनके खिलाफ रही. फाइनल मैच में उनसे एक बेहतरीन कमबैक की वापसी की जा रही थी. लेकिन, अफसोस कि उनमें वो प्रतिभा कहीं दूर-दूर तक नहीं दिखाई. फाइनल मैच में भले ही उन्होंने कप्तान हार्दिक पांड्या को अपनी गुगली में फसाया. लेकिन, तब तक बड़ी देर हो चुकी थी. या यूं कहें कि तीर कमान से छूट चुका था.
युजवेंद्र चहल में प्रतिभा की कमी नहीं है इसे उन्होंने आरआर की ओर से आईपीएल 2022 का 15वां सीजन खेलते हुए साबित कर दिया. लेकिन, फाइनल मैच में युजी काफी फीके नजर आए. पॉवर प्ले में उन्होंने अपनी फिल्डिंग से सबसे ज्यादा निराश किया. गुजरात टाइटंस को 45 रन की पारी खेलकर ट्रॉफी जिताने वाले शुभमन गिल शायद इस भूमिका को निभा पाते. क्योंकि बोल्ट ने उन्हें वापस पवेलियन भेजना का जाल बिछा दिया था.
पहले ही ओवर में बोल्ट की गेंद पर गिल एक बड़ा शॉट की फिराक में थे. लेकिन, गेंद सीधा युजवेंद्र चहल के हाथों में गई जो आसान सा कैच था. लेकिन, उनसे कैच छिटक गया और इसका खामियाजा न सिर्फ टीम को अंत तक भुगतना पड़ा बल्कि हारकर चुकाना पड़ा. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि राजस्थान (RR) की हार के तीसरे सबसे बड़े विलेन युजी भी रहे.