वनडे में कभी आउट नहीं हुए यह 3 भारतीय बल्लेबाज, फिर भी दिखाया गया टीम से बाहर का रास्ता
Published - 21 Sep 2019, 12:36 PM

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हर वह क्रिकेटर जो बल्ला या गेंद उठाता है उसका सपना अपने देश की टीम के लिए खेलकर उसका गौरव बढ़ाने का होता ही है। इस सपने को पूरा करने के लिए खिलाड़ी दिन दौगुनी रात चौगुनी मेहनत भी करते हैं।
कहा जाता है कि मेहनत करके आप मनचाहा मुकाम हासिल कर सकते हैं लेकिन सच्चाई कुछ यूं है कि इसके लिए किस्मत का साथ होना भी बेहद ज़रूरी है। लेकिन कुछ खिलाड़ी तो बदनसीबी के शिकार होते हैं कि उन्हें टीम में मौका मिलता है और वह मौके को भुनाते भी हैं मगर फिर भी उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया जाता है।
जी हां, इस आर्टिकल में हम आपको 3 ऐसे बल्लेबाजों के बारे में बताने वाले हैं जिन्हें वनडे टीम में जगह मिली, उन्होंने रन बनाए, हर बार नाबाद भी लौटे, उसके बावजूद उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया है।
नाबाद लौटे इन 3 खिलाड़ियों को कर दिया गया वनडे टीम से ड्रॉप
1- फैज़ फ़जल
एक खिलाड़ी टीम में बने रहने के लिए क्या कर सकता है? अब आप कहेंगे कि रन बनाए और टीम को जीत दिलाए। तो फैज़ फ़जल उन खिलाड़ियों की लिस्ट में शुमार हैं जिन्होंने टीम इंडिया के लिए भले ही एक मैच खेला लेकिन उसमें नाबाद 55 रनों की पारी खेली।
जी हां, फैज़ फ़जल घरेलू क्रिकेट का बड़ा नाम हैं। शानदार घरेलू प्रदर्शन ने उन्हें टीम इंडिया में एंट्री भी दिलाई थी। उन्होंने 2016 में जिम्बाव्बे के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू मैच खेला था। जिसमें उन्होंने नाबाद 55 रन की शानदार पारी खेली थी। मगर वह डेब्यू मैच ही फजल के लिए वनडे का आखिरी मैच भी बन गया।
2016 के इस मैच के बाद से ड्रॉप हुए फजल को फिर से टीम इंडिया में जगह नहीं दी गई। अब समझ नहीं आता कि इस खिलाड़ी का क्या कुसूर रहा। हालांकि फैज़ फ़जल अब घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं।
आंकड़ों की बात करें, तो फजल ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 202 पारियों में 41.29 के औसत से 7888 रन बनाए हैं। जिसमें 19 शतक और 36 अर्धशतक शामिल हैं।
2- भरत रैड्डी
64 साल के हो चुके विकेटकीपर-बल्लेबाज भरत रैड्डी उन बदनसीब खिलाड़ियों की लिस्ट में शुमार हैं जिन्हें टीम इंडिया की वनडे टीम का टिकेट दिया गया लेकिन फिर उनके नाबाद लौटने के बावजूद टीम से ड्रॉप कर दिया गया।
पाकिस्तान के खिलाफ 1978 में वनडे में डेब्यू करने वाले भरत रैड्डी का क्रिकेट करियर मानो शुरू होते ही खत्म हो गया। उन्होंने खेले गए 3 मैचों में क्रमश: नाबाद 8, 3 रन बनाए। एक मैच में उनकी बल्लेबाजी ही नहीं आ पाई थी।
इसके बाद भरत को टीम से ड्रॉप कर दिया गया और उनका वनडे करियर वहीं का वहीं समाप्त हो गया। हालांकि इसके बाद भरत ने 4 टेस्ट मैच भी खेले जिसमें 9.50 के औसत से 38 रन बनाए।
आपको बता दें, भरत का घरेलू क्रिकेट करियर भी कुछ खास नहीं रहा उसमें उन्होंने खेली गई 117 पारियों में 17.78 के औसत से 1743 रन बनाए। जिसमें 9 अर्धशतक शामिल रहे।
3- सौरभ तिवारी
2010 में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच विशाखापट्टनम में खेले गए वनडे मैच में सौरभ तिवारी ने अपना डेब्यू मैच खेला था। लेकिन इस खिलाड़ी का भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर छोटा ही रहा।
टीम इंडिया में शामिल सौरव गांगुली ने 3 मैच खेले जिसमें एक मैच में तो तिवारी जी को बल्लेबाजी का ही मौका नहीं मिला और बाकी दोनों मैचों में सौरभ ने नाबाद 12, 17 रन बनाए। हालांकि इस बात में कोई दोराय नहीं है कि इस खिलाड़ी में काबीलियत तो थी लेकिन उस वक्त के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया।
और जैसा कि आप सभी जानते हैं कि टीम में जगह बनाने के लिए कितनी भीड़ है तो इसमें दोबारा टीम में वापसी करना मुश्किल हीम नहीं नामुमकिन हो जाता है। हालांकि 29 वर्षीय सौरभ ने घरेलू क्रिकेट खेलना जारी रखा।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट की बात करें तो तिवारी ने 43.23 के औसत से 6334 रन बनाए हैं। जिसमें 17 शतक और 25 अर्धशतक शामिल हैं। इन खिलाड़ियों के आंकड़े और नाबाद पारियों को देखकर मन में यह ख्याल आना तो लाज़मी है कि आखिर कप्तानों ने उन्हें ड्रॉप क्यों किया और फिर दोबारा राष्ट्रीय टीम में शामिल क्यों नहीं किया... खैर क्रिकेट में कुछ सवाल हमेशा के लिए सवाल ही रह जाते हैं...
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