6,6,6,6,6,6,6,6..... 28 चौके, 11 छक्के! पृथ्वी शॉ का कहर, 153 गेंदों पर ठोके 244 रन, उड़ा दिए गेंदबाजों के होश

Published - 12 Oct 2025, 02:13 PM | Updated - 12 Oct 2025, 02:59 PM

Prithvi Shaw

Prithvi Shaw : भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे बल्लेबाज हुए हैं जिन्होंने अपने बल्ले से दुनिया को हैरान किया, लेकिन कुछ ही खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने शुरुआत से ही बता दिया कि वे खास हैं। उन्हीं में से एक नाम है पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw)। अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने जिस तरह का प्रदर्शन किया, उसने सभी को प्रभावित किया।

लेकिन वक्त के साथ उनका प्रदर्शन गिरता गया और धीरे-धीरे वे टीम इंडिया से बाहर हो गए। इसके बाद घरेलू क्रिकेट में भी उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

हालांकि, हर बड़ा खिलाड़ी एक बार गिरता है, और फिर पहले से भी ज्यादा मजबूती के साथ वापसी करता है। पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने भी ऐसा ही किया। उन्होंने विदेशी धरती पर अपने बल्ले से ऐसा तूफान मचाया कि हर कोई दंग रह गया।

इंग्लैंड में शॉ ने मचाया तूफान

साल 2023 में पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) इंग्लैंड के लिस्ट ए टूर्नामेंट वनडे कप में खेलने पहुंचे। वहां उन्होंने नॉर्थम्पटनशायर की ओर से खेलते हुए इतिहास रच दिया। समरसेट के खिलाफ मुकाबले में शॉ ने जो पारी खेली, उसने हर क्रिकेट प्रेमी को रोमांचित कर दिया।

शॉ ने ओपनिंग करते हुए समरसेट के गेंदबाजों की जमकर खबर ली। उन्होंने केवल 153 गेंदों में 244 रन ठोक डाले। इस दौरान उनके बल्ले से 28 चौके और 11 छक्के निकले। यह आंकड़े बताते हैं कि उन्होंने किस तरह से हर गेंदबाज पर अपना दबदबा बनाया। इंग्लैंड की धरती पर यह पारी किसी ‘टी20 शो’ से कम नहीं थी।

नॉर्थम्पटनशायर की टीम ने पृथ्वी शॉ की इस विस्फोटक बल्लेबाजी के दम पर 50 ओवर में 415 रन का पहाड़ खड़ा किया। जवाब में समरसेट की टीम 328 रन पर ढेर हो गई, और नॉर्थम्पटनशायर ने यह मुकाबला 87 रनों से जीत लिया।

Prithvi Shaw

“टी20 अंदाज” में खेली वनडे पारी

पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) की यह पारी इसलिए खास थी क्योंकि उन्होंने इसे पारंपरिक वनडे शैली में नहीं, बल्कि टी20 अंदाज में खेला। उनका हर शॉट आत्मविश्वास से भरा था। गेंदबाजों के लिए कोई गलती की गुंजाइश नहीं थी। स्ट्राइक रेट, बाउंड्री की संख्या और शॉट सिलेक्शन — हर चीज़ परफेक्ट थी।

इंग्लैंड की पिचें आमतौर पर बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं मानी जातीं, लेकिन शॉ ने वहां अपनी बल्लेबाजी को एक नई ऊंचाई दी। उन्होंने दिखा दिया कि फॉर्म भले ही चला जाए, लेकिन क्लास हमेशा कायम रहती है।

Prithvi Shaw का आलोचना से आत्मविश्वास तक का सफर

2021 के बाद से पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) टीम इंडिया से बाहर हैं। उनके फिटनेस और अनुशासन को लेकर कई सवाल उठे। कई बार उन्हें आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। लेकिन इस दोहरे शतक ने सब आलोचनाओं का जवाब उनके बल्ले से दे दिया।

यह पारी सिर्फ एक क्रिकेट मैच की नहीं थी, बल्कि यह एक खिलाड़ी की वापसी की कहानी थी — एक ऐसे खिलाड़ी की जो आलोचनाओं के बीच भी हार नहीं मानता। शॉ ने यह साबित कर दिया कि अगर उन्हें मौका मिले तो वे किसी भी गेंदबाज पर भारी पड़ सकते हैं।

फिर जगी टीम इंडिया में वापसी की उम्मीद

शॉ की इस धमाकेदार पारी ने चयनकर्ताओं और फैंस दोनों का ध्यान खींचा। इतने लंबे समय तक टीम से बाहर रहने के बाद ऐसी पारी खेलना आसान नहीं होता। लेकिन शॉ ने अपने आत्मविश्वास और तकनीक से सबको प्रभावित किया।

क्रिकेट फैंस को उम्मीद है कि यह प्रदर्शन उनके करियर को नई दिशा देगा। भारतीय टीम में जगह बनाना भले मुश्किल हो, लेकिन ऐसे प्रदर्शन यह याद दिलाते हैं कि शॉ अभी खत्म नहीं हुए हैं।

उनकी शैली में वह पुराना सहवागी अंदाज झलकता है — निडर, तेज और बेमिसाल टाइमिंग के साथ। अगर उन्हें निरंतर मौका मिला, तो वे दोबारा टीम इंडिया की नीली जर्सी में नजर आ सकते हैं और विपक्षी गेंदबाजों के लिए खतरा बन सकते हैं।

जब पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) फॉर्म में होते हैं, तो मैदान पर सिर्फ एक ही चीज़ दिखाई देती है — चौके और छक्के की बरसात। और यह पारी इसका सबसे बड़ा सबूत है कि भारतीय क्रिकेट का यह “शॉ” अभी भी बहुत कुछ दिखाने वाला है।

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पृथ्वी शॉ ने इंग्लैंड के लिस्ट ए टूर्नामेंट वनडे कप में समरसेट के खिलाफ यह शानदार पारी खेली थी। उन्होंने नॉर्थम्पटनशायर की ओर से खेलते हुए सिर्फ 153 गेंदों पर 244 रन बनाए थे, जिसमें 28 चौके और 11 छक्के शामिल थे।

पृथ्वी शॉ ने भारत के लिए टेस्ट डेब्यू अक्टूबर 2018 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ किया था। उन्होंने अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक (134 रन) जड़कर शानदार शुरुआत की थी।