6,6,6,6,6,6...... 27 छक्के 30 चौके, जिम्बाब्वे के भीतर आई ऑस्ट्रेलिया की आत्मा, टी20 इंटरनेशनल मुकाबले में ठोक डाले रिकॉर्डतोड़ 344 रन

Published - 07 Oct 2025, 04:15 PM | Updated - 07 Oct 2025, 04:17 PM

Zimbabwe

Zimbabwe : टी20 क्रिकेट की दुनिया में चौकों-छक्कों की बरसात कोई नई बात नहीं, लेकिन जो कारनामा जिम्बाब्वे (Zimbabwe) ने गाम्बिया के खिलाफ किया, वह क्रिकेट इतिहास के सुनहरे पन्नों में हमेशा दर्ज रहेगा। ऐसा लगा मानो जिम्बाब्वे (Zimbabwe) की टीम में ऑस्ट्रेलिया की आक्रामक आत्मा समा गई हो।

नैरोबी के मैदान पर बल्लों से आग बरसी, गेंदें आसमान छूती रहीं और रिकॉर्ड्स की झड़ी लग गई। जिम्बाब्वे ने सिर्फ 20 ओवर में 4 विकेट पर 344 रन का पहाड़ खड़ा कर दिया — यह टी20 इंटरनेशनल इतिहास का सबसे बड़ा टीम स्कोर बन गया।

तूफानी शुरुआत, जिसने नींव रखी इतिहास की

यह बात हैं साल 2024 की जब जिम्बाब्वे (Zimbabwe) ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया और फिर मैदान पर जो हुआ, उसने दर्शकों को हैरान कर दिया। ओपनर्स ब्रायन बेनेट और टी. मरुमानी ने शुरुआत से ही गाम्बिया के गेंदबाजों पर हमला बोल दिया। पहले छह ओवरों में ही स्कोर 90 के पार पहुंच गया।

मरुमानी ने सिर्फ 19 गेंदों में 62 रन ठोक डाले, जबकि बेनेट ने 26 गेंदों में 50 रन की तूफानी पारी खेली। दोनों के बीच महज 5.4 ओवर में 98 रन की साझेदारी हुई, जिसने जिम्बाब्वे के विस्फोटक प्रदर्शन की नींव रख दी।

जब मरुमानी आउट हुए, तो ऐसा लगा कि शायद रफ्तार थोड़ी कम होगी, लेकिन जिम्बाब्वे (Zimbabwe) की कहानी कुछ और ही लिखी जा रही थी। तीसरे नंबर पर आए डायन मार्स ने 5 गेंदों में 12 रन जोड़कर लय बनाए रखी। पर असली शो तब शुरू हुआ, जब कप्तान सिकंदर रजा मैदान में उतरे।

सिकंदर रजा का तूफान – 33 गेंदों में शतक, 15 छक्के, 7 चौके

सिकंदर रजा ने जैसे ही क्रीज संभाली, गाम्बिया के गेंदबाजों के लिए यह दिन किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। उन्होंने मैदान के चारों ओर स्ट्रोक लगाए — कभी कवर के ऊपर, कभी मिडविकेट के पार, और कभी सीधे स्टैंड में गेंद भेज दी। रजा ने मात्र 33 गेंदों में शतक पूरा किया, जो टी20 इंटरनेशनल इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक है।

उनकी पारी 43 गेंदों में 133 रन की रही, जिसमें 15 छक्के और 7 चौके शामिल थे। यानी उनके 118 रन केवल बाउंड्रीज से आए। रजा की यह पारी न सिर्फ जिम्बाब्वे (Zimbabwe) के इतिहास की सबसे विस्फोटक पारी रही, बल्कि इसने टी20 क्रिकेट में कई विश्व रिकॉर्ड्स को ध्वस्त कर दिया।

गाम्बिया के गेंदबाज पूरी तरह असहाय नजर आए। उनकी गेंदें रजा के बल्ले से जैसे चुंबक की तरह जुड़ जाती थीं और हर शॉट दर्शकों को उठ खड़े होने पर मजबूर कर देता था।

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क्लाइव मंडाडे की बिजली जैसी पारी, 17 गेंदों में 53 रन

जहां एक ओर सिकंदर रजा का तूफान जारी था, वहीं दूसरे छोर से क्लाइव मंडाडे ने भी गाम्बिया पर कहर ढा दिया। उन्होंने महज 17 गेंदों में 53 रन बनाए और नाबाद लौटे। इस दौरान उन्होंने 5 छक्के और 3 चौके जड़े। रजा और मंडाडे की जोड़ी ने मिलकर जिम्बाब्वे के स्कोर को आसमान पर पहुंचा दिया।

मैच में कुल मिलाकर 27 छक्के और 30 चौके लगे — यानी 57 बाउंड्रीज, जो किसी भी इंटरनेशनल टी20 मैच में अब तक का रिकॉर्ड है। इन बाउंड्रीज से ही जिम्बाब्वे (Zimbabwe) ने 282 रन बटोरे, जो खुद में एक नया विश्व रिकॉर्ड है।

गाम्बिया के गेंदबाजों की हर रणनीति धरी की धरी रह गई। चाहे उन्होंने स्पिन आजमाई हो या स्लोअर वन, हर गेंद रजा और मंडाडे के बल्ले से सीमा रेखा पार करती गई।

Zimbabwe की 290 रन की ऐतिहासिक जीत

बल्लेबाजों के तूफान के बाद अब बारी थी गेंदबाजों की। जिम्बाब्वे (Zimbabwe) के बॉलर्स ने भी कमाल कर दिखाया। गाम्बिया की टीम पूरी तरह लड़खड़ा गई और 54 रन पर ऑलआउट हो गई। किसी भी बल्लेबाज ने दो अंकों में भी स्कोर नहीं बनाया।

इस तरह जिम्बाब्वे (Zimbabwe) ने मुकाबला 290 रन के विशाल अंतर से जीत लिया — जो टी20 इंटरनेशनल इतिहास की सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले यह रिकॉर्ड नेपाल के नाम था, जिसने पिछले साल मंगोलिया को 273 रन से हराया था।

इस जीत ने न सिर्फ जिम्बाब्वे के क्रिकेट इतिहास को नया आयाम दिया बल्कि यह दिखा दिया कि अफ्रीका की यह टीम अब केवल संघर्ष की प्रतीक नहीं रही — बल्कि अब वह धमाकेदार क्रिकेट की पहचान बन चुकी है।

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जिम्बाब्वे ने गाम्बिया के खिलाफ 20 ओवर में 4 विकेट पर 344 रन बनाए, जो टी20 इंटरनेशनल इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा टीम स्कोर है। इससे पहले किसी भी टीम ने टी20 इंटरनेशनल में इतने रन नहीं बनाए थे। इस मैच में कुल 27 छक्के और 30 चौके लगे, जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है।

कप्तान सिकंदर रजा ने 43 गेंदों में 133 रन की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें 15 छक्के और 7 चौके शामिल थे। उन्होंने मात्र 33 गेंदों में शतक पूरा किया, जो टी20 इंटरनेशनल इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक है। उनकी इस शानदार पारी ने जिम्बाब्वे को ऐतिहासिक 344 रन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।