6,6,4,4,4,4,4,4...... 2 छक्के और 16 चौके! अर्जुन तेंदुलकर ने रणजी में ठोका शतक, गेंदबाजों की उड़ाई नींद
Published - 10 Oct 2025, 03:50 PM | Updated - 10 Oct 2025, 03:58 PM

Arjun Tendulkar: क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को हर कोई जानता और मानता है। यहां तक की उन्हें पूजने वालों की भी कमी हैं। लेकिन इस बाह हम उनकी नहीं बल्कि उनके बेटे अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) की रणजी ट्रॉफी में खेली पारी की बात करने वाले हैं।
रणजी ट्रॉफी के एक मुकाबले में अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) के जड़े धमाकेदार शतक ने क्रिकेट प्रेमियों को यह कहने पर मजबूर कर दिया कि ये है सचिन का बेटा। अर्जुन ने 2 छक्कें और 16 चौकों से सजी अपनी पारी में बारी-बारी से सभी गेंदबाजों की धुनाई की। बाएं हाथ के इस ऑलराउंडर की पारी में ताकत और सटीकता का गजब का मिश्रण था, जिसे देख हर कोई दंग था।
Arjun Tendulkar ने रणजी में ठोका शतक
2022-23 के रणजी ट्रॉफी सीजन में यह एक खास पल था जब महान सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) ने राजस्थान के खिलाफ गोवा के लिए एक शानदार शतक जड़कर अपनी अलग पहचान बनाई। सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए, 23 वर्षीय इस ऑलराउंडर ने जवाबी हमले की एक उत्कृष्ट प्रस्तुति दी जिसने आलोचकों को चुप कराया और दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
207 गेंदों का सामना करते हुए अर्जुन ने 16 चौकों और 2 गगनचुंबी छक्कों की मदद से 120 रन बनाए, जिसमें उन्होंने धैर्य और आक्रामकता का अद्भुत मिश्रण दिखाया। इस पारी को और भी यादगार बनाने वाली बात थी इसकी टाइमिंग.. मुंबई टीम में जगह न मिलने के बाद अर्जुन गोवा की रणजी टीम में शामिल हुए थे। अपनी योग्यता साबित करने के लिए दृढ़ संकल्पित, उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाया।
अर्जुन की यह पारी सिर्फ रनों के लिहाज से बेहतर नहीं बल्कि यह बात का भी प्रमाण थी कि वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सिर्फ अपने उपनाम के कारण नहीं, बल्कि अपनी क्षमता के कारण हैं।
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अर्जुन-सुयश की साझेदारी ने बदला खेल
अर्जुन (Arjun Tendulkar) का शतक गोवा क्रिकेट के एक और उभरते सितारे सुयश प्रभुदेसाई के साथ एक यादगार साझेदारी के दौरान आया। दोनों ने मिलकर 221 रनों की शानदार साझेदारी की, टीम को शुरुआती मुश्किलों से बचाया और मैच का रुख गोवा की ओर मोड़ दिया। जहां अर्जुन खुलकर खेले और किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया, वहीं सुयश ने धैर्यपूर्ण दोहरा शतक जड़कर पारी को संभाला।
सुयश की पारी मैराथन थी - 416 गेंदों पर 29 चौकों की मदद से 212 रन, जो उनके धैर्य और एकाग्रता को दर्शाता है। दोनों ने मिलकर राजस्थान के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाईं और सेशन दर सेशन पारी को आगे बढ़ाते रहे। उनकी साझेदारी ने न केवल खेल का रुख बदल दिया, बल्कि गोवा के घरेलू क्रिकेट ढांचे की बढ़ती ताकत को भी दर्शाया।
हरफनमौला प्रतिभा और एक उज्ज्वल भविष्य
इस मैच में अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) का योगदान सिर्फ बल्ले तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने गेंद से भी कमाल दिखाया और 23 ओवर की गेंदबाजी में 104 रन खर्च कर 3 विकेट अपने नाम किए। नई गेंद को स्विंग कराने और लंबे स्प्ल में नियंत्रण बनाए रखने की उनकी क्षमता राजस्थान की बल्लेबाजी पर अंकुश लगाने में अहम साबित हुई।
अपने अब तक के प्रथम श्रेणी करियर में, अर्जुन ने 17 मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 23 पारियों में 23.20 की औसत से 532 रन बनाए हैं और 28 पारियों में 33.51 की औसत से 37 विकेट लिए हैं। ये आँकड़े दोनों ही विभागों में निरंतरता और निरंतर विकास को दर्शाते हैं।
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