6,6,6,6,6,6,6,6.... 16 वर्षीय भारतीय बल्लेबाज ने काटा भौकाल, 1009 रन की ऐतिहासिक पारी खेल विराट-रोहित को भी छोड़ा पीछे

Published - 16 Oct 2025, 10:47 AM | Updated - 16 Oct 2025, 10:49 AM

Indian Batsman

क्रिकेट की दुनिया में शतक, दोहरा शतक या तिहरा शतक देखना आम है — लेकिन सोचिए, अगर कोई बल्लेबाज एक ही पारी में 1000 से ज्यादा रन बना दे तो? सुनकर ही दिमाग घूम जाए, है ना? यह कहानी किसी फिल्म की नहीं, बल्कि हकीकत है।

कुछ साल पहले मुंबई में 16 साल के एक भारतीय खिलाड़ी ने ऐसा चमत्कार कर दिखाया जिसे देखकर पूरा क्रिकेट जगत हैरान रह गया। इस भारतीय बल्लेबाज़ (Indian Batsman) का दो दिनों तक चला रनों का तूफान, मैदान में गूंजती चौकों-छक्कों की आवाज़ और टूटते पुराने रिकॉर्ड — यही वो पल थे जब क्रिकेट में नया इतिहास लिखा जा रहा था। उस दिन एक युवा ने दुनिया को दिखा दिया कि जुनून, हिम्मत और आत्मविश्वास से असंभव भी मुमकिन हो सकता है।

इस Indian Batsman ने दो दिनों में रच दिया इतिहास

यह बात हैं साल 2016 की जब मुंबई के एच.टी. भंडारी कप टूर्नामेंट में हुए एक मुकाबले में 16 वर्षीय भारतीय बल्लेबाज ( Indian Batsman) ने ऐसा कारनामा किया जिसने पूरे क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया। यह खिलाड़ी थे प्रणव धनावड़े ,जिसने रिकॉर्डबुक ही पलट दी।

पहले दिन भारतीय बल्लेबाज (Indian Batsman) प्रणव ने चौकों-छक्कों की बरसात करते हुए 652 रन बनाए और दूसरे दिन इस तूफान को जारी रखते हुए 1009 नाबाद रन ठोक दिए। उन्होंने यह कमाल सिर्फ 327 गेंदों में किया, जिसमें 129 चौके और 59 छक्के शामिल थे।

उनकी टीम ने 1465/3 पर पारी घोषित की, जबकि विरोधी टीम दोनों पारियों में 83 रन भी नहीं बना सकी। यह पारी क्रिकेट इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी व्यक्तिगत इनिंग बन गई।

117 साल पुराना रिकॉर्ड बना इतिहास

प्रणव धनावड़े की इस इनिंग ने क्रिकेट के 117 साल पुराने रिकॉर्ड को मिटा दिया। इससे पहले इंग्लैंड के आर्थर कॉलिन्स ने 1899 में 628 नाबाद रन बनाए थे। प्रणव ने इस उपलब्धि को बहुत पीछे छोड़ दिया और अपना नाम क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े व्यक्तिगत स्कोर के रूप में दर्ज करा लिया।

जब यह खबर बाहर आई, तो क्रिकेट जगत में मानो हलचल मच गई। भारतीय दिग्गज बल्लेबाज ( Indian Batsman) सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी, और कई इंटरनेशनल खिलाड़ियों ने प्रणव को बधाई दी। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक आथर्टन ने तो लाइव कमेंट्री के दौरान कहा — “ऐसी पारी शायद एक सदी में एक बार देखने को मिलती है।” इस एक बयान ने प्रणव को रातोंरात अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया।

पिता चला रहे थे ऑटो, बेटे ने रचा इतिहास

जिस दिन भारतीय बल्लेबाज (Indian Batsman) प्रणव ने यह करिश्मा किया, उस दिन उनके पिता मुंबई की सड़कों पर ऑटो रिक्शा चला रहे थे। तभी एक दोस्त ने उन्हें फोन पर बताया — “तुम्हारा बेटा इतिहास लिख रहा है!” वह तुरंत मैदान पहुंचे और देखा कि उनका बेटा दुनिया की सुर्खियों में है। यह सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि एक पिता के सपनों की जीत भी थी।

प्रणव की इस इनिंग के बाद मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) ने उन्हें हर महीने ₹10,000 की स्कॉलरशिप देने की घोषणा की, जो पांच साल तक चली। इतना ही नहीं, सीबीएसई बोर्ड ने उनकी यह पारी अपने पाठ्यक्रम में भी शामिल कर ली ताकि आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा ले सकें कि मेहनत और जुनून से कोई भी रिकॉर्ड तोड़ा जा सकता है।

शोहरत मिली, पर उम्मीदों का बोझ भी बढ़ गया

इतिहास रचने के बाद भारतीय बल्लेबाज (Indian Batsman) प्रणव धनावड़े देशभर में चर्चा का विषय बन गए। हर जगह बस उसी इनिंग की बात थी। लेकिन जहां पहचान मिली, वहीं उम्मीदों का बोझ भी उनके कंधों पर आ गया। हर कोई उनसे दोबारा वैसी ही पारी की उम्मीद करने लगा। मगर क्रिकेट में हर दिन इतिहास नहीं लिखा जाता।

प्रणव बड़े स्तर की टीमों तक नहीं पहुंच सके, और सोशल मीडिया पर यह चर्चा भी चली कि उन्हें मौका नहीं दिया गया। हालांकि सच्चाई यह थी कि चयन प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी थी और प्रणव उस समय मुंबई अंडर-16 टीम का हिस्सा नहीं थे। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी। आज भी वे क्रिकेट से जुड़े हुए हैं, युवा खिलाड़ियों को सिखा रहे हैं और अपनी यात्रा से उन्हें प्रेरित कर रहे हैं।

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यह रिकॉर्ड मुंबई के युवा बल्लेबाज प्रणव धनावड़े ने बनाया था।

उन्होंने यह पारी साल 2016 में एच.टी. भंडारी कप टूर्नामेंट में खेली थी।