Rahul Dravid: बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2023 में ऑस्ट्रेलिया को क्लीन स्वीप करने का सपना भारतीय फैंस का सपना ही बनकर रह गया। क्योंकि कंगारू टीम ने इंदौर में मेजबान टीम को कड़ी शिकस्त दी है। मेहमान टीम के हाथों 9 विकेट से मिली इस हार ने प्रशंसकों को काफी ठेस पहुंचाई है। जिसके बाद वे तरह-तरह की बात करने लगे। इसी बीच कुछ का कहना है कि राहुल द्रविड़ की जिद्द के चलते टीम को ये मुकाबला गंवाना पड़ा। चलिए जानते हैं कि आखिरी इसके पीछे की क्या वजह है?
Rahul Dravid की ये जिद्द टीम इंडिया को पड़ी भारी
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए तीसरे मुकाबले में भारतीय बल्लेबाज स्पिनर्स के सामने काफी बेबद नजर आए। मेजबान टीम का कोई भी बल्लेबाज विपक्षी टीम के स्पिनर के सामने अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका। जिसके चलते टीम को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये रही कि टीम की इस हालत के जिम्मेदार हेड कोच राहुल द्रविड़ रहे। जिनकी जिद्द और एक गलत फैसले ने भारतीय टीम का बंटाधार कर दिया। आखिरी लम्हों में धर्मशाला से इंदौर स्थानांतरित कर दिए गए इस मुकाबले में द्रविड़ नेट्स सत्र में खिलाड़ियों की तुलना में पिच क्यूरेटर के साथ अधिक समय बिताते हुए देखे गए।
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Rahul Dravid बने टीम की हार के विलेन
दरअसल, सीरीज के शुरुआती दो मुकाबलों में कंगारू टीम के स्पिनर्स के सामने घुटने टेक देने के बाद हेड कोच ने सोचा कि फिर से अधिक मददगार स्पिन पिच पर खेलने का जुआ रंग लाएगा। नागपुर और दिल्ली में हुए मैच टर्निंग ट्रैक पर खेले गए थे। और यहां भारतीय स्पिनर्स विपक्षी टीम पर काल बने थे। इसी बीच खबर है कि कोच राहुल ने होल्कर स्टेडियम की पिच भी स्पिनर्स के अनुकूल तैयार करने के लिए कहा। लेकिन उनकी ये जिद भारत को काफी भारी पड़ी। क्योंकि भारत का बल्लेबाजी क्रम कंगारू स्पिनर नेथन लायन के खिलाफ घुटने टेकता हुआ नजर आया।
IND vs AUS: टीम इंडिया को मिली 9 विकेट से हार
भले टीम इंडिया की हार के विलेन राहुल द्रविड़ रहे, लेकिन बल्लेबाजों के फ्लॉप प्रदर्शन के चलते भी टीम को हार का सामना करना पड़ा। मैच की बात करें तो भारत (IND vs AUS) ने टॉस जीतकर पहली पारी में 109 रन बनाए, जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया टीम 88 रनों की बढ़त हासिल कर पहली पारी में 197 रन बना सकी । इसके बाद टीम इंडिया को कंगारू टीम ने दूसरी पारी में 163 रनों पर ही ऑलआउट कर दिया। लिहाजा, मेहमान टीम को जीत के लिए 76 रनों का लक्ष्य मिला। इस टारगेट को मार्नस लाबुशेन और ट्रेविस हेड की जोड़ी ने आसानी से हासिल कर लिया। परिणामस्वरूप, ऑस्ट्रेलियन टीम की 9 विकेट से जीत हुई।